आयरन लेडी इंदिरा गांधी

आयरन लेडी इंदिरा गांधी 
इंदिरा प्रिय दर्शनी से आयरन लेडी  तक का सफर इंदिरा गांधी के लिए आसान नहीं था, देश की विपरीत परिस्थितियों में बैंको का राष्ट्रीयकरण, प्रिवीपर्स खत्म करना, अलग बंगला देश का निर्माण ऐसे कार्य रहे जिसकी वजह से इंदिरा गांधी को सदैव  याद किया जाता रहेगा ।इंदिरा गांधी ने आतंकवाद की आग में जल रहे देश को अपनी जान देकर बचाया उनकी पुण्य तिथि पर विनम्रश्रद्धांजलि।


निर्भीक थे सरदार पटेल

निर्भीक थे हमारे सरदार पटेल (संजय वर्मा) 


हैदराबाद को भारत में शामिल कराना इतना आसान नहीं था और काफी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। सरदार पटेल साहब की गहरी समझ और सूझ बूझ के करण भारत का एक और विभाजन बच गया अगर नेहरू की बात मानी जाती तो भारत के लिये हैदराबाद एक और नासूर बन जाता
 


भारत देश पर ब्रिटेन के लंबे शोषण, उत्पीड़नपूर्ण औपनिवेशिक शासन से 1947 में स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद लौह व्यक्तित्व और अदम्य साहस के धनी तत्कालीन गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल के अथक प्रयासों से 562 देशी रियासतों मे से अधिकतर का भारत विलय हो गया था लेकिन लेकिन जूनागढ़, कश्मीर और हैदराबाद भारत में शामिल होने को तैयार नहीं थे। ये अलग देश के रूप में मान्यता पाने की कोशिश में थे। बाद में जूनागढ़ और कश्मीर का भी क्रमशः जनमत संग्रह और राजा द्वारा विलय पत्र पर हस्ताक्षर द्वारा भारत मे विलय हो गया किन्तु हैदराबाद के निजाम की योजना भारत से अलग अपनी अलग सत्ता बनाए रखने पर अडिग थी।


हैदराबाद राज्य की स्थापना औरंगज़ेब के सेनापति गाज़ीउद्दीन खान फ़िरोज़ जंग के पुत्र मीर क़मरुद्दीन चिन किलिच खान ने की थी, जो खुद को खलीफा, अबू बकर का वंशज मानता था। हैदराबाद राज्य मुग़ल साम्राज्य का एक अंतिम अवशेष था जिसकी राजनीतिक दृष्टि से भौगोलिक


स्थिति अत्यन्त महत्वपूर्ण थी, क्योंकि यह उत्तर में मध्य प्रांत, पश्चिम मे बाम्बे और दक्षिण एवं पूर्व मद्रास राज्य से घिरा था। हैदराबाद ब्रिटिश भारत एक प्रमुख राज्य था जिसकी जनसंख्या लगभग 1.6 करोड़ , वार्षिक राजस्व


26 करोड़ रुपये और क्षेत्रफल लगभग 82000 वर्ग मील था जोकि इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के कुल क्षेत्रफल से भी बड़ा था और इसकी अपनी मुद्रा भी थी।


हैदराबाद के निजाम ओसमान अली खान आसिफ ने फैसला किया कि उनका रजवाड़ा न तो पाकिस्तान और न ही भारत में शामिल होगा। भारत छोड़ने के समय अंग्रेजों ने हैदराबाद के निजाम को या तो पाकिस्तान या फिर भारत में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था।


हैदराबाद में निजाम और सेना में वरिष्ठ पदों पर मुस्लिम थे लेकिन वहां की अधिसंख्य आबादी हिंदू (85%) थी। शुरू में निजाम ने ब्रिटिश सरकार से हैदराबाद को राष्ट्रमंडल देशों के अंर्तगत स्वतंत्र राजतंत्र का दर्जा देने का आग्रह किया। हालांकि ब्रिटिश निजाम के इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं हुए।


निजाम भारत में हैदराबाद का विलय बिल्कुल नहीं कराना चाहते थे। के एम मुंशी ने अपनी किताब 'ऐंड ऑफ एन एरा' में लिखा है कि निजाम ने मोहम्मद अली जिन्ना से संपर्क कर यह जानने की कोशिश की थी क्या वह भारत के खिलाफ उनके राज्य का समर्थन करेंगे।


दिवंगत पत्रकार कुलदीप नैयर ने अपनी आत्मकथा 'बियॉन्ड द लाइंस' में जिन्ना को निजाम के प्रस्ताव के आगे की कहानी लिखी है। नैयर ने अपनी किताब में लिखा है कि जिन्ना ने निजाम कासिम के इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह मुट्ठीभर एलीट लोगों के लिए पाकिस्तान के अस्तित्व को खतरे में नहीं डालना चाहेंगे।


हैदराबाद राज्य की 85% जनसंख्या हिंदू थी, लेकिन प्रशासन के महत्वपूर्ण विभाग जैसे नागरिक प्रशासन, पुलिस और सेना के पदों से हिंदुओं को पूर्णतया वंचित रखा गया था, ये विभाग केवल मुसलमानों के लिए संरक्षित थे। निजाम द्वारा गठित 132 सदस्यीय विधान सभा में भी, अधिकांश


मुस्लिम थे। मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एम्आईएम) के पास उस वक्त 20 हजार रजाकार थे जो निजाम के लिए काम करते थे और हैदराबाद का विलय पकिस्तान में करवाना चाहते थे या स्वतंत्र रहना। रजाकार एक निजी सेना थी जो निजाम के शासन को बनाए रखने के लिए थी। हैदराबाद के निजाम के ना-नुकुर करने के बाद भारत के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने उनसे सीधे भारत में विलय का आग्रह किया। लेकिन निजाम ने पटेल के आग्रह को खारिज करते हुए 15 अगस्त 1947 को हैदराबाद को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया। भारत के दिल में स्थित हैदराबाद के निजाम के इस कदम से पटेल चौंक गए और उन्होंने उस समय के गर्वनर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन से संपर्क किया। माउंटबेटन ने पटेल को सलाह दी कि इस चुनौती को भारत बिना बल प्रयोग के निपटे। प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू माउंटबेटन की सलाह से सहमत थे और वह भी इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान करना चाहते थे। हालांकि पटेल इससे बिल्कुल असहमत थे। उनका कहना था कि हैदराबाद की हिमाकत को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इसके बाद हैदराबाद के निजाम हथियार खरीदने और पाकिस्तान के साथ सहयोग करने की कोशिश में लग गए। सरदार पटेल को जैसे ही इसकी भनक लगी तो उन्होंने कहा कि हैदराबाद भारत के पेट में कैंसर के समान है और इसका समाधान सर्जरी से ही होगा। जब भारत के पास कोई और विकल्प नहीं बचा है तो हैदराबाद पर सैन्य कार्रवाई का फैसला किया गया। 13 सितंबर 1948 को भारतीय सेना ने हैदराबाद पर हमला कर दिया। भारतीय सेना की इस कार्रवाई को 'ऑपरेशन पोलो 'का नाम दिया गया क्योंकि उस समय हैदराबाद में विश्व में सबसे ज्यादा 17 पोलो के मैदान थे। भारतीय सेना का नेतृत्व मेजर जनरल जेएन चौधरी कर रहे थे। भारतीय सेना को पहले और दूसरे दिन कुछ परेशानी हुई और फिर विरोधी सेना ने हार मान ली। 17 सितम्बर की शाम को हैदराबाद की सेना ने हथियार डाल दिए।


ऋषि कुल परिवार ने मनाई पटेल जयंती

 ऋषि कुल आयुर्वेदिक कालेज में मनाई गई सरदार पटेल की जयन्ती 


हरिद्वार 31अक्टूबर  ऋषि कुल आयुर्वेदिक कालेज में परिसर निदेशक डा0 अनूप कुमार गक्कड के  संयोजन में सरदार पटेल की जयन्ती उत्साह के साथ मनाई गई। ऋषि कुल परिवार ने सरदार पटेल के चित्र पर माल्यापर्ण किया तथा छात्र -छात्राओं ने रन फोर यूनिटी कार्यक्रम में दौड में हिस्सा लिया।डा0 ओ पी सिंह, अरूण कुमार, नरेश चौधरी, डी सी सिंह, शोभित, गुन्जन शर्मा, रेणु प्रसाद  सहित चिकत्सको ने छात्र छात्राओं का उत्साह वर्धन किया


आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज में मनाई गई सरदार पटेल की जयन्ती

आज आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज बहादरपुर जट में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती धूमधाम से मनाई गई


इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और रन फॉर यूनिटी का भी आयोजन किया गया इस अवसर पर सरदार पटेल के चित्र पर फूल माला पहनाकर जयंती मनाई गई इस अवसर पर विद्यालय प्रधानाचार्य धर्मेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर को1875 गुजरात में हुआ था वह देश के प्रथम गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री रहे उन्होंने रियासतों के एकीकरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया वह एक महान पुरुष थे इसलिए उन्हें लोग लोह पुरुष के नाम से भी जाना जाता है इस अवसर पर विकास कुमार जितेंद्र तोमर  अनूपमा वरुण कुमार चौहान अजय यादव अमित कुमार सुभाष कुमार वीर सिंह अरुण यादव शाहिद अली सतीश शास्त्री कामेश कुमार सीमा सैनी आदि रहे


सरदार पटेल मजबूत इरादो के लौह पुरुष

  सरदार पटेल मजबूत इरादो के लौह पुरुष


(अनीता वर्मा )लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी के जन्मदिवस 31 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया हैं। जिसका उद्देश्य भारत को जाति पाति वर्ण भेद और वर्ग भेद को भुलाकर एकता के सूत्र में पिरोना हैं।सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उपप्रधानमंत्री व गृहमंत्री थे। सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ। गृहमंत्री के रुप में उनकी पहली प्राथमिकता देसी रियासतों (राज्यों) को भारत में मिलाना था, इस कार्य को उन्होंने बिना खून बहायें करके दिखाया। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भारत में 562 छोटी बड़ी देशी रियासतें थी, इन रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करना एक बहुत बड़ी समस्या थी विश्व के इतिहास में एक भी व्यक्ति ने इन रियासतों का भारत में विलीनीकरण का साहस नहीं दिखाया, सिर्फ सरदार पटेल जी ने ही इसे बखूबी अंजाम दिया । भारत के एकीकरण में उनके योगदान के लिए उन्हें लौहपुरुष के रुप में जाना जाता हैं। 
गुजरात में नर्मदा के सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार पटेल जी की 182 मीटर ऊंची लौह प्रतिमा का निर्माण किया गया हैं। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा हैं इस प्रतिमा का नाम एकता की मूर्ति (स्टैच्यू आफ यूनिटी) रखा गया है। 
सरदार पटेल अन्याय नहीं सहन कर पाते थे। अन्याय का विरोध करने की शुरुआत उनहोंने अपने स्कूल के दिनों से ही कर दी थी। नडियाद में उनके स्कूल के अध्यापक पुस्तकों का व्यापार करते थे और छात्रों को बाध्य करते थे, पुस्तकें बाहर से न खरीदकर उनसे ही खरीदें, वल्लभभाई ने इसका विरोध किया और छात्रों को अध्यापकों से पुस्तक न खरीदने के लिए प्रेरित किया, परिणामस्वरूप जीत सरदार जी की हुई। बारडोली सत्याग्रह के सफल नेतृत्व के लिए वहां की महिलाओं ने उनको सरदार की उपाधि प्रदान की। 
सरदार जी वर्ण भेद और वर्ग भेदक के कट्टर विरोधी थे। जूनागढ़ और हैदराबाद के भारतीय संघ में विलीनीरण का कार्य भी उन्होने किया। 
सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य भी सरदार पटेल ने किया। सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते बहुमत के बाद भी वह महात्मा गांधी की इच्छा का सम्मान करते हुए इस पद से पीछे हट गये। और नेहरु जी देश के पहले प्रधानमंत्री बने। 
सरदार पटेल के पास खुद का मकान भी नहीं था वे अहमदाबाद में किराये के एक मकान में  रहते थे। 15 दिसम्बर 1950 में जब उनका निधन हुआ, तब उनके बैंक खाते में सिर्फ 260 रुपये थे। 
सरदार बल्लभभाई पटेल भारत  के महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक नेताओं में से एक थे, उन्होने भारत की आजादी के संघर्ष में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारतीय राजनीतिक में उन्हें लौहपुरुष के रुप में जाना जाता हैं।


भेल दिव्य प्रेम सेवा मिशन के सेवा कार्यो मे करेगा सहयोग :-संजय चतुर्वेदी 

 भेल दिव्य प्रेम सेवा मिशन के सेवा कार्यो मे करेगा सहयोग :-संजय चतुर्वेदी 
वंदे मातरम सेवा कुंज में भेल करायेगा भोजन कक्ष का निर्माण 
हरिद्वार 29 अक्टूबर दिव्य प्रेम सेवा मिशन न्यास द्वारा कुष्ठ रोगियो के बालक-बालिकाओ के लिए स्थापित वन्दे मातरम कुंज में भेल भोजनालय कक्ष का निर्माण कर सेवा कार्यो में भविष्य में भी सहयोग प्रदान करेगा। भेल की ओर से महाप्रबंधक एच आर संजय सिन्हा और दिव्य प्रेम सेवा मिशन की ओर से राष्ट्रीय संयोजक संजय चतुर्वेदी के मध्य अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए।
 भेल के महाप्रबंधक संजय सिन्हा ने बताया कि भेल सदैव ही समाजिक दायित्वों का निर्वाहन करते हुए सेवा कार्यो मे सहयोग प्रदान करता रहा है, इसी श्रृंखला में कुष्ठ रोगियो के बालक-बालिकाओ के लिए स्थापित वन्दे मातरम कुंज में भेल भोजनालय कक्ष का निर्माण कर सेवा कार्यो में सहयोग प्रदान करेगा साथ ही भविष्य में भी सेवा कार्यो में सहयोगी बन कर दिव्य प्रेम सेवा मिशन के साथ कुष्ठ रोगियो के लिए कार्य करेगा। इस अवसर पर भेल के एजीएम पी के  गुप्ता, डीजीएम जे बी सिंह, अलोक शर्मा, गगन यादव, प्रशांत खरे, तथा भेल के अधिकारी उपस्थिति रहे।


जय श्री राम

तुलसीदास और श्री राम मिलन!!!!!!!


काश में एक जगह पर तुलसीदास रोज रामचरित मानस को गाते थे वो जगह थी अस्सीघाट। उनकी कथा को बहुत सारे भक्त सुनने आते थे। लेकिन एक बार गोस्वामी प्रातःकाल शौच करके आ रहे थे तो कोई एक प्रेत से इनका मिलन हुआ। उस प्रेत ने प्रसन्न होकर गोस्वामीजी को कहा कि मैं आपको कुछ देना चाहता हूँ। आपने जो शौच के बचे हुए जल से जो सींचन किया है मैं तृप्त हुआ हूँ। मैं आपको कुछ देना चाहता हूँ।


गोस्वामीजी बोले – भैया, हमारे मन तो केवल एक ही चाह है कि ठाकुर जी का दर्शन हमें हो जाए। राम की कथा तो हमने लिख दी है, गा दी है।पर दर्शन अभी तक साक्षात् नहीं हुआ है। ह्रदय में तो होता है पर साक्षात् नहीं होता। यदि दर्शन हो जाए तो बस बड़ी कृपा होगी।


उस प्रेत ने कहा कि महाराज! मैं यदि दर्शन करवा सकता तो मैं अब तक मुक्त न हो जाता? मैं खुद प्रेत योनि में पड़ा हुआ हूँ, अगर इतनी ताकत मुझमें होती कि मैं आपको दर्शन करवा देता तो मैं तो मुक्त हो गया होता अब तक।


तुलसीदास जी बोले – फिर भैया हमको कुछ नहीं चाहिए।


तो उस प्रेत ने कहा – सुनिए महाराज! मैं आपको दर्शन तो नहीं करवा सकता लेकिन दर्शन कैसे होंगे उसका रास्ता आपको बता सकता हूँ।


तुलसीदास जी बोले कि बताइये।


बोले आप जहाँ पर कथा कहते हो, बहुत सारे भक्त सुनने आते हैं, अब आपको तो मालूम नहीं लेकिन मैं जानता हूँ आपकी कथा में रोज हनुमानजी भी सुनने आते हैं। मुझे मालूम है हनुमानजी रोज आते हैं।


बोले कहाँ बैठते हैं?


बताया कि सबसे पीछे कम्बल ओढ़कर, एक दीन हीन एक कोढ़ी के स्वरूप में व्यक्ति बैठता है और जहाँ जूट चप्पल लोग उतारते हैं वहां पर बैठते हैं। उनके पैर पकड़ लेना वो हनुमान जी ही हैं।


गोस्वामीजी बड़े खुश हुए हैं। आज जब कथा हुई है गोस्वामीजी की नजर उसी व्यक्ति पर है कि वो कब आएंगे? और जैसे ही वो व्यक्ति आकर बैठे पीछे, तो गोस्वामीजी आज अपने आसन से कूद पड़े हैं और दौड़ पड़े। जाकर चरणों में गिर गए हैं।


वो व्यक्ति बोला कि महाराज आप व्यासपीठ पर हो और मेरे चरण पकड़ रहे हो। मैं एक दीन हीन कोढ़ी व्यक्ति हूँ। मुझे तो न कोई प्रणाम करता है और न कोई स्पर्श करता है। आप व्यासपीठ छोड़कर मुझे प्रणाम कर रहे हो?


गोस्वामीजी बोले कि महाराज आप सबसे छुप सकते हो मुझसे नहीं छुप सकते हो। अब आपके चरण मैं तब तक नहीं छोडूंगा जब तक आप राम से नहीं मिलवाओगे। जो ऐसा कहा तो हनुमानजी अपने दिव्य स्वरूप में प्रकट हो गए।


आज तुलसीदास जी ने कहा कि कृपा करके मुझे राम से मिलवा दो। अब और कोई अभिलाषा नहीं बची। राम जी का साक्षात्कार हो जाए हनुमानजी, आप तो राम जी से मिलवा सकते हो। अगर आप नहीं मिलवाओगे तो कौन मिलवायेगा?


हनुमानजी बोले कि आपको रामजी जरूर मिलेंगे और मैं मिलवाऊँगा लेकिन उसके लिए आपको चित्रकूट चलना पड़ेगा, वहाँ आपको भगवन मिलेंगे।


गोस्वामीजी चित्रकूट गए हैं। मन्दाकिनी जी में स्नान किया, कामदगिरि की परिकम्मा लगाई। अब घूम रहे हैं कहाँ मिलेंगे? कहाँ मिलेंगे? 
सामने से घोड़े पर सवार होकर दो सुकुमार राजकुमार आये। एक गौर वर्ण और एक श्याम वर्ण और गोस्वमीजी इधर से निकल रहे हैं। 
उन्होंने पूछा कि हमको रास्ता बता तो हम भटक रहे हैं।


गोस्वामीजी ने रास्ता बताया कि बेटा इधर से निकल जाओ और वो निकल गए। अब गोस्वामीजी पागलों की तरह खोजते हुए घूम रहे हैं कब मिलेंगे? कब मिलेंगे?


हनुमानजी प्रकट हुए और बोले कि मिले?
गोस्वामीजी बोले – कहाँ मिले?


हनुमानजी ने सिर पकड़ लिया और बोले अरे अभी मिले तो थे। जो घोड़े पर सवार राजकुमार थे वो ही तो थे। आपसे ही तो रास्ता पूछा और कहते हो मिले नहीं। चूक गए और ये गलती हम सब करते हैं। न जाने कितनी बार भगवान हमारे सामने आये होंगे और हम पहचान नहीं पाए। कितनी बार वो सामने खड़े हो जाते हैं हम पहचान नहीं पाते। न जाने वो किस रूप में आ जाये।


सबका कर आदर समान जो तेरे घर आये
क्योंकि न जाने किस रूप में नारायण मिल जाये।


गोस्वामीजी कहते हैं हनुमानजी आज बहुत बड़ी गलती हो गई। फिर कृपा करवाओ। फिर मिलवाओ।


हनुमानजी बोले कि थोड़ा धैर्य रखो। एक बार और फिर मिलेंगे। गोस्वामीजी बैठे हैं। मन्दाकिनी के तट पर स्नान करके बैठे हैं। स्नान करके घाट पर चन्दन घिस रहे हैं। मगन हैं और गा रहे हैं। श्री राम जय राम जय जय राम। ह्रदय में एक ही लग्न है कि भगवान कब आएंगे। और ठाकुर जी एक बार फिर से कृपा करते हैं। ठाकुर जी आ गए और कहते हैं बाबा.. बाबा… चन्दन तो आपने बहुत प्यारा घिसा है। थोड़ा सा चन्दन हमें दे दो… लगा दो।


गोस्वामीजी को लगा कि कोई बालक होगा। चन्दन घिसते देखा तो आ गया। तो तुरंत लेकर चन्दन ठाकुर जी को दिया और ठाकुर जी लगाने लगे, हनुमानजी महाराज समझ गए कि आज बाबा फिर चूके जा रहे हैं। आज ठाकुर जी फिर से इनके हाथ से निकल रहे हैं। हनुमानजी तोता बनकर आ गए शुक रूप में और घोषणा कर दी कि


चित्रकूट के घाट पर, भई संतन की भीर।
तुलसीदास चंदन घिसे, तिलक देत रघुवीर।


हनुमानजी ने घोसणा कर दी कि अब मत चूक जाना। आज जो आपसे चन्दन ग्रहण कर रहे हैं ये साक्षात् रघुनाथ हैं और जो ये वाणी गोस्वामीजी के कान में पड़ी तो गोस्वामीजी चरणों में गिर गए ठाकुर जी तो चन्दन लगा रहे थे। बोले प्रभु अब आपको नहीं छोडूंगा।


 जैसे ही पहचाना तो प्रभु अपने दिव्य स्वरूप में प्रकट हो गए हैं और बस वो झलक ठाकुर जी को दिखाई दी है। ठाकुर जी अंतर्ध्यान हो गए और वो झलक आखों में बस गई ह्रदय तक उतरकर। फिर कोई अभिलाषा जीवन में नहीं रही है। परम शांति। परम आनंद जीवन में आ गया ठाकुर जी के मिलने से।


आराम की तलब है तो एक काम करले
आ राम की शरण में और राम राम करले।


और इस तरह से आज तुलसीदास जी का राम से मिलन हनुमानजी ने करवाया है। 


जय सियाराम


<no title>संजय चोपड़ा ने की पार्षद के आचरण की निन्दा

संजय चौपडा ने पार्षद के कृत्य की निंदा कहाँ ऐसे कृत्य से अच्छे बुरे आचरण का पता चलता


हरिद्वार नगर निगम में पार्षद द्वारा अपर मुख्य नगर अधिकारी महेंद्र सिंह यादव को जूता दिखाए जाने के घटनाक्रम पर उत्पादन कृषि मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष संजय चोपडा ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, साथ ही साथ संजय चोपडा जी ने कहाँ कि पार्षद द्वारा उच्च स्तर के सरकारी अधिकारी के साथ की गयी ऐसी निंदनीय अभ्रदता से पता चला है, कि ऐसे लोग किस सभ्यता के पैरोकार है, ऐसे असभ्य लोगो के व्यवहार से उनके रहन सहन का पता चलता है, और ऐसे आचरण और व्यवहार से शिक्षा का भी पता चलता है, पूर्व कृषि उत्पादन मंडी समिति अध्यक्ष भाजपा नेता संजय चोपड़ा ने कहा जन प्रति निधि द्वारा इस प्रकार का आचरण व व्यवहार निंदनीय है, जनप्रति निधि को अधिकारी के साथ दोस्ताना माहौल में काम करना चाहिए और यह स्वस्थ परंपरा नहीं है, सरकार को इस अमानवीय घटना का संज्ञान लेना चाहिए और पार्षद के अधिकारों को फ्रीज कर पूरे अमानवीय प्रकरण की जांच करानी, ताकि राज्य में इस प्रकार का अमानवीय कृत्य ना दोहराया जाये, यदि इस प्रकार की घटनाएं सरकारी कर्मचारियों के साथ घटित होगी तो ऐसी घटनाएं अच्छे सुशासन के लिए बहुत नुकसान दायक हो सकती है।


शरणय् फाउण्डेशन ने स्कूली बच्चों के साथ मिलकर मनाई दीपावली की खुशीया

शरणय् फाउण्डेशन ने स्कूली बच्चों के साथ मनाई दीपावली की खुशिया
स्वामी विवेकानंद एकेडमी कांगड़ी जा कर बच्चों को बाँटे उपहार 
हरिद्वार 25 अक्टूबर  दीपावली का पर्व खुशीयो का पर्व है जो बच्चों के साथ मिलकर मनाने से यादगार बन जाता है उक्त विचार समाजसेवी संस्था शरणय् फाउण्डेशन के संस्थापक डा0 अरूण कुमार ने स्वामी विवेकानंद एकेडमी जूनियर हाई स्कूल काँगडी में बच्चों के बीच दीपावली मिलन समारोह के मध्य प्रकट किये उन्हों ने कहा कि समाज के अन्तिम व्यक्ति तक खुशीयां और सुविधा पहुँचे के   लिए शरणय् फाउण्डेशन संकल्पबद्ध है। स्वामी विवेकानंद एकेडमी के अध्यक्ष सुदीप बेनर्जी ने गोविंद कृपा सेवा समिति के पदाधिकारीयो और शरणय् फाउण्डेशन के प्रति आभार प्रकट करते हुए विद्यालय में आने पर स्वागत किया। समाजसेवी गगन नामदेव  ने बच्चों को उपहार प्रदान करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए दीपावली की शुभकामनाएं प्रदान की, गोविद कृपा सेवा समिति की अध्यक्ष अनीता वर्मा, सचिव आकांक्षा पुंडीर, समाज सेवी अशोक राणा, डा0 हेम प्रकाश ने बच्चों को स्टेशनरी और मिठाईया वितरित की विधालय के प्रधानाचार्य डा0 कमलेश काण्डपाल, उप प्रधानाचार्य गोपाल रतूडी, शिक्षिका पूजा सैनी, मीनाक्षी भट्ट आदि ने अतिथयो का स्वागत किया।


श्री सांई गंगा शिपिंग माल निकट हरकी पौड़ी पर दीपावली की खरीदारी कर अवसर का लाभ उठाए


गोविद कृपा सेवा समिति के सहयोग से आयोजित किया गया निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण चिकित्सा शिविर


ऋषि कुल आयुर्वेदिक चिकित्सालय के डाक्टरो ने की बच्चों के स्वास्थ्य की जांच 
सरस्वती शिशु मंदिर गैडीखाता में लगाया निःशुल्क चिकित्सा शिविर 
हरिद्वार 24 अक्टूबर  ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से ऋषि कुल आयुर्वेदिक कालेज चिकित्सालय ने गोविंद कृपा सेवा समिति के सहयोग से सरस्वती विद्या मन्दिर मे निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जिसमें बच्चों के नेत्रो की जांच कर उन्हें दवाई वितरित की गयी। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा0अरूण कुमार डा0 श्वेता, डा0 हेमप्रकाश, अर्चना प्रियंका, स्वाती आदि ने बालिकाओ की जांच कर उन्हें स्वस्थ रहने के टिप्स दिये। विद्यालय के प्रधानाचार्य मंत्री प्रसाद उनियाल ने बताया कि इस निःशुल्क कैम्प में लगभग 150 बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें दवाई वितरित की गयी। प्रधानाचार्य ने ऋषिकुल आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रति आभार प्रकट किया तथा कैम्प में सहयोग करने वाले समाजसेवी गगन नामदेव, संजय वर्मा, सुदीप बनर्जी आदि का स्वागत किया


प्रदूषण मुक्त मनाऐ दीपावली :-अनीता वर्मा 

प्रदूषण मुक्त मनाऐ दीपावली :-अनीता वर्मा 
गोविंद कृपा सेवा समिति ने सरस्वती विद्या मंदिर गैंडीखाता में  बच्चों को जागरूक किया 
मेधावी छात्र छात्राओं को किया पुरस्कृत 
हरिद्वार 24अक्टूबर  दीपावली पर्व को प्रदूषण मुक्त मनाने के लिए गोविंद कृपा सेवा समिति ने जन जागरूकता अभियान की शुरुआत गैंडीखाता स्थिति सरस्वती शिशु विद्या मंदिर से करते हुए बच्चों को प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने के लिए प्रेरित किया। गोविंद कृपा सेवा समिति की अध्यक्ष अनीता वर्मा ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दीपावली प्रकाश और उल्लास का पर्व है इसे दीपक जला कर मनाये उन्हों ने बच्चों से हानि रहित पटाखे और इको फ्रेडंली दीपावली मनाने का अहवान किया। नेत्र चिकित्स डा0 अरूण कुमार ने बच्चों को तेज ध्वनि के पटाखो का प्रयोग न करने तथा माता पिता की उपस्थिति में पटाखे जलाने की सलाह दी तथा दुर्घटना से बचाने के टिप्स भी दिये। सरस्वती शिशु विद्या मंदिर गैंडीखाता के प्रधनाचार्य मंत्री प्रसाद उनियाल ने गोविंद कृपा सेवा समिति की पहल का स्वागत करते हुए बच्चों को प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर बच्चों के बीच सुरक्षित दीपावली मनाने के लिए भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया समाजसेवी गगन नामदेव, एडवोकेट आकांक्षा पुंडीर, संजय वर्मा ने प्रतिभाग करने वाले छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर विकास पुंडीर, विरेन्द्र शर्मा, हरीश शर्मा अमर शदाणी, अशोक राणा, कृष्ण कुमार गांधी आदि उपस्थित रहेl


विधिक जागरूकता शिविर

विधिक जागरूकता शिविर आज आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज बहादरपुर जट में छात्र और छात्राओं को नशे द्वारा होने वाली हानियों और बीमारी के बारे में जानकारी दी गई विधिक जागरूकता शिविर की ओर से आए विनोद कुमार ने बताया कि आजकल युवा वर्ग में नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है जिससे अनेक प्रकार के रोग बीमारियां बढ़ रही हैं युवाओं को इनसे बचना चाहिए इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य धर्मेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि आज का युवा वर्ग नशे की ओर जा रहा है जो कि देश और समाज के लिए गलत है हम सभी को युवाओं को इससे दूर रखना चाहिए सभी युवाओं को ऐसे लोगों से बचना चाहिए जो कि नशे को करते हैं या करवाते हैं इस अवसर पर सतीश शास्त्री विकास यादव अमित चौहान हम अनूपमा चौहान अजय यादव अरुण यादव आदि


दीपावली पर आँखों का भी रखे ख्याल- डॉ अरुण कुमार,नेत्र रोग विशेषज्ञ, ऋषिकुल हरिद्वार।

दीपावली पर आँखों का भी रखे ख्याल- डॉ अरुण कुमार,नेत्र रोग विशेषज्ञ, ऋषिकुल हरिद्वार।
दीपावली का त्यौहार आते ही बच्चे हों या बडे सबके दिमाग मे सिर्फ एक ही ख्याल आता है- मिठाइयां व पटाखे। खासकर बच्चों में पटाखों को लेकर एक अलग ही उत्साह दिखाई देता है फूलझड़ी अनार से लेकर बड़े बड़े बम और आसमान को छूते रोकेट,पर इन सब के बीच अति उत्साह में बच्चे पटाखे बिना सावधानी, अधिक नजदीक से , जल्दी में व बिना किसी बड़े की मौजूदगी में जलाते हैं जिससे कई बार पटाखों के कण उड़कर आंख में चले जाते है जिसका परिणाम अत्यंत गम्भीर भी हो सकता है यहाँ तक की रोशनी तक जाने का खतरा तक बन जाता है। पटाखों से कोर्निया( पुतली) के जलने से आंख का लाल होना, सूजन, पानी आना व असहनीय पीड़ा होती है जो कॉर्निया को खराब भी कर सकती है।
बरते सावधानी- इसलिए खासकर पटाखे या बम जलाते समय बच्चे बड़ो की देखरेख में ही जलाये। उचित दूरी से जलाये व सम्भव हो तो पारदर्शी चश्मे का भी प्रयोग के सकते है। दुर्घटना होने पर तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाए।
दीपावली के पर्व को ख़ुशी व प्रकाश के पर्व के रूप में मनाए ।


देश में कैसे हो उद्योगों का विकास 

देश में कैसे हो उद्योगों का विकास
अनीता वर्मा 
किसी भी समाज या राष्ट्र  की उन्नति में वहां के उद्योग धन्धों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती हैं बिना औद्योगिक विकास के आर्थिक उन्नति पूर्ण रुप से संभव नहीं हैं। क्योंकि बिना उद्योग धन्धो के लोगों को रोजगार नहीं मिल सकता और रोजगार के बिना लोगों के जीवन स्तर में सुधार नहीं हो सकता, रोजगार के बिना किसी भी समाज की आर्थिक उन्नति संभव नहीं हैं। 
किसी भी समाज के औद्योगिक विकास में वहां की प्राकृतिक संपत्ति का बहुत बड़ा हाथ होता हैं। अगर इसी प्राकृतिक संपदा का सही तरीके से दोहन किया जाए, तथा उसकी पुनः उत्पत्ति व उसके विस्तार की संभावनाओं को बढ़ाया जाए तो इससे स्थानीय लघु एवं कुटीर उद्योगों के पनपने की संभावनाएं तो बढ़ेगी ही साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा, उनके जीवन स्तर में भी सुधार आयेगा। एक समाज की उन्नति पूरे राष्ट्र की उन्नति को प्रभावित करती हैं, यानि किसी भी राष्ट्र की उन्नति में उसके समाज का बहुत बड़ा योगदान होता हैं। 
उत्तराखंड में उद्योग धन्धों का विकास बहुत कम हुआ हैं। लगभग नहीं के बराबर हैं यहां पर बड़े उद्योग धन्धें तो हैं ही नहीं, जो थोड़े बहुत हैं भी तो वह मैदानी भागों तक ही सीमित हैं। उत्तराखंड को प्रकृति ने अपार उपहारों से नवाजा हैं, जिससे प्राकृतिक संसाधनों के आधार पर लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना आसानी से की जा सकती हैं। 
उत्तराखंड में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां फलों की पैदावार बहुत ज्यादा होती हैं, जैसे रानीखेत, रामगढ़, मुक्तेश्वर, जोशीमठ तथा अल्मोड़ा आदि स्थानों में सेब,लीची, अखरोट, अंगूर, खुमानी, चुलू, आडू, पूलम, नशपाती जैसे फल अत्यधिक मात्रा में पाये जाते हैं, लेकिन पहाड़ो में इन फलों की अच्छी पैकिंग कर उनको तुरंत बाजार में  पहुंचाने के लिए या फिर इन फलों को संरक्षित करने की कोई ठोस योजना नहीं हैं, जिसकी वजह से यह बहुमूल्य फल प्रतिवर्ष यू ही बरबाद हो जाते हैं, क्योंकि एक बार पकने के बाद फल अधिक समय तक बिना किसी वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित किये बिना सुरक्षित नहीं रह सकते, इन फलोत्पादन क्षेत्रों के निकट इन पर आधारित जैम, जूस अचार आदि बनाने के कुटीर उद्योग लगाये जा सकते हैं। 
इसी तरह जोशीमठ व अन्य इलाकों में आलू की पैदावार बहुत अधिक मात्रा में होती हैं आलू से बनने वाले चिप्स व पापड़ की बाजार में बहुत अधिक मांग होती हैं यहां पर कुटीर उद्योग लगाने के लिए स्थानीय युवकों को प्रशिक्षण 
दिया जाए तो इससे कई नवयुवकों को रोजगार मिलेगा आलू को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोर खोले जाये। 
इसी तरह उच्च हिमालई क्षेत्रों में  अनेक प्रकार की जड़ी बूटियां व औषधियां पाई जाती हैं जिनका प्रयोग या दोहन जानकारी के अभाव में नहीं किया जाता, अगर इन जड़ी बूटियों का उत्पादन बागवानी के रुप में किया जाये सही जानकारी उपलब्ध कराकर दवा कंपनियों के साथ मिलकर काम किया जाए, इसे भी एक लघु उद्योग के रुप में विकसित किया जा सकता हैं 
उत्तराखंड में रिंगाल और बांस के पेड़ो का उपयोग किया जाए, पशुपालन किया जाए, यानि प्राकृतिक संसाधनों के आधार पर उद्योग लगाये जाए तो इससे स्थानीय लोगों को तो रोजगार मिलेगा ही साथ ही सरकार को भी राजस्व मिलेगा, पर्यावरण प्रदूषण भी नहीं होगा, और उत्तराखंड का भी विकास होगा। 
इसी प्रकार पूरे  देश में स्थानीय संसाधनों के आधार पर उद्योग धन्धे लगाये जाने चाहिए जिससे भारत आर्थिकरण की ओर अग्रसर होगा।


पर्यावरण को संरक्षित रख हो उद्योगों का विकास :- प्रो0 पी एस चौहान 

 पर्यावरण को संरक्षित रख हो उद्योगों का विकास :- प्रो0 पी एस चौहान 
श्री कृष्णा ग्रामोत्थान समिति के तत्वावधान में आयोजित विचार गोष्ठी में हुआ विचारों का मंथन 
हरिद्वार 22 अक्टूबर  श्री कृष्णा ग्रामोत्थान समिति के तत्वावधान में होटल गार्डीनिया में आयोजित विचार गोष्ठी में 'कैसे हो उद्योगों का विकास 'विषय पर पर्यावरविदो, उद्योग पतियो, बुद्धिजीवीयो ने उद्योग के विकास को लेकर विचार प्रकट किये। गोष्ठी की अध्यक्षत करते हुए शिक्षाविद प्रो0 पी एस चौहान ने कहा कि पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए उद्योगों का विकास  होना चाहिए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर राज्य है यंहा पर पर्यटन, तीर्थाटन, बगवानी ऐसे उद्योग हैं जिनसे है पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए उद्योगों का विकास किया जा सकता है। श्रमिक नेता और मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा कि उद्योग और श्रमिक दोना एक सिक्के के दो  पहलू है मजदूर हितो को ध्यान में रखते हुए उद्योगों का विकास होना चाहिए। समाजसेवी और आर टी आई कार्यकर्ता जे पी बडोनी ने उत्तराखंड की सरकार पर ज़ोरदार हमला करते हुए उत्तराखंड में उद्योगों की दयनिय दशा के लिए ढाई -ढाई  साल की सरकारो को दोषी बताया। समाज सेवी  अनीता वर्मा ने प्राकृतिक संसाधनों के आधार पर  उद्योग धंधे स्थापित करने का सुझाव रखा विचार गोष्ठी में आऐ हुऐ प्रतिभागियो का स्वागत गोष्ठी के आयोजक- के पी शर्मा, एडवोकेट मंजू कश्यप, मलकियत सिंह रौथान, शिवम् शर्मा, रीना शर्मा, आदि ने किया। विचार गोष्ठी में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष विनोद शर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी बेबी नाज, गोविंद कृपा सेवा समिति की अध्यक्ष अनीता वर्मा, समाज सेवी जगदीश लाल पाहवा आदि ने विचार रखे गोष्ठी का संचालन समाजसेवी संजय वर्मा, ने किया।  विचार गोष्ठी में आरोग्य फारमुलेशन कम्पनी के एम डी डा0 महेन्द्र आहुजा, जय श्री कृष्णा ग्रामोत्थान समिति के पदाधिकारी,पत्रकार शिवम् एकेडमी से शिक्षक, एडवोकेट आकांक्षा पुंडीर, श्रमिक नेता विरेन्द्र श्रमिक, इरशाद खान सहित मीडिया, उद्योग, वाण्जिय जगत के लोगों में शामिल हुए।


 श्री पंचायती अखाड़ा बडा उदासीन के जखीरा प्रबंधक मुखिया महंत दुर्गा दास महाराज का बडा अखाड़ा पहुँचने पर हुआ  स्वागत 

 श्री पंचायती अखाड़ा बडा उदासीन के जखीरा प्रबंधक मुखिया महंत दुर्गा दास महाराज का बडा अखाड़ा पहुँचने पर हुआ  स्वागत 
श्री सत् पंचपरमेश्वर पंचायती अखाड़ा बडा उदासीन भ्रमण शील जमात के मुखिया महंत कुम्भ मेले की व्यवस्थाओ के लिए  पहुँचे हरिद्वार बडा अखाड़ा कनखल 
हरिद्वार 17 अक्टूबर कुम्भ मेला 2021की व्यवस्था को सम्भालने के लिए श्री सत् पंचपरमेश्वर पंचायती अखाड़ा बडा उदासीन भ्रमणशील जमात के श्री मुखिया महंत दुर्गा दास महाराज का अपने सहयोगी संतजनों के साथ कनखल बड़ा अखाड़ा उदासीन आगमन हुआ, अखाड़े में पहुंचने पर कुम्भ मेला जखीरा प्रबंधक श्री मान मुखिया महंत दुर्गा दास जी महाराज का कोठारी महंत प्रेम दास महाराज, महंत ब्रह्म मुनी, महंत राघवेंद्र दास,महंत निर्मल दास, महंत बलवंत दास, महंत श्याम दास, महंत दामोदर दास, महंत व्यास मुनि आदि ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया। श्री पंचायती अखाड़ा बडा उदासीन भ्रमण शील जमात के मुखिया महंत दुर्गा दास महाराज ने बताया कि हरिद्वार कुम्भ मेले की व्यवस्थाओ को लेकर यँहा आगमन हुआ है उन्होंने बताया कि कुम्भ मेले मे उदासीन परम्परा के समस्त संत-महंतजनो तथा श्रद्धालु भक्तो के ठहरने, भोजन तथा स्नान आदि की उत्तम व्यस्था की जाऐगी, उन्हों ने देश विदेश में रहने वाले हिन्दू धर्मावलंबीयो से हरिद्वार कुम्भ में आनेका अहवान किया। बडा अखाड़ा उदासीन कनखल पहुंचने पर,,,,, का  स्वागत किया गया। इस अवसर पर
संत वैराग्य मुनि, संत सेवा दास, संत सेवक दास, संत पूनम दास, संत भगवत दास, संत वासुदेव मुनि का आगमन हुआ, जिनका स्वागत बडा अखाड़ा उदासीन कनखल में स्वस्ति वाचन फूल माला पहनाकर किया गया


रीजनल आऊटरीच ब्यूरों सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार देहरादून के सांस्कृतिक दल शहर भर में नुकड नाटको के माध्यम से फैला रहे हैं जन जागरूकता

 रीजनल आऊटरीच ब्यूरों सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार देहरादून के सांस्कृतिक दल शहर भर में नुकड नाटको के माध्यम से फैला रहे हैं जन जागरूकता
आदित्य उज्जवल मीडिया कम्यूनिकेशन ग्रुप, सम्भव ग्रुप के कलाकार शहर भर में कर रहे हैं नुकड नाटक 
हरिद्वार 17 अक्टूबर महात्मा गांधी जी की 150वी जयन्ती वर्ष के अन्तर्गत रीजनल आऊटरीच ब्यूरों सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार देहरादून के तत्वावधान में ऋषि कुल आयुर्वेदिक कालेज चिकित्सालय के प्रांगण में जँहा डिजिटल प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है वही शहर भर के  सार्वजनिक स्थानों बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर पंजीकृत सांस्कृतिक दल स्वछता, सिगंल यूज प्लास्टिक उन्मूलन, ओ डी एफ जैसी सार्वजनिक बुराईयो को समाप्त करने के लिए नुकड नाटको, गीत, नृत्य के माध्यम से जागरूकता अभियान चला रहे हैं
आदित्य उज्जवल मीडिया कम्यूनिकेशन ग्रुप के कलाकारो ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड तथा मंसा देवी रोपवे पर नुकड नाटक प्रस्तुत कर जनजागरूकता अभियान चलाया। सम्भव सांस्कृतिक ग्रुप ने प्रदर्शनी स्थल पर नुकड नाटको के माध्यम से स्वच्छता, गंगा निर्मलता जैसे विषयों पर नुकड नाटक प्रस्तुत कर विधार्थीयो, आम जन मानस को जागरूक किया। रीजनल आऊटरीच ब्यूरों देहरादून के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी एन एस नयाल ने बताया कि डिजिटल प्रदर्शनी का आयोजन 19 अक्टूबर तक जारी रहेगा साथ ही सांस्कृतिक दलो के द्वारा नुकड नाटक प्रस्तुत किये जाते रहेगे।


वृद्धजनो के कल्याण और देखभाल के लिए संकल्पबद्ध है सरकार :-मदन कौशिक 


वृद्धजनो के कल्याण और देखभाल के लिए संकल्पबद्ध है सरकार :-मदन कौशिक 


सीनियर सिटीज़नस फोरम एवं शहजार होमस ने वृद्धजनो की स्थिति और सरकार के दायित्वों के लेकर गोष्ठी का आयोजन किया 
हरिद्वार 12 अक्टूबर  समाज में वृद्धजनो का महत्वपूर्ण स्थान है उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन से नयी पीढ़ी आगे बढती है उक्त विचार कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने होटल गार्डीनिया में सीनियर सिटीज़नस फोरम एवं शहजार होमस के तत्वावधान में आयोजित विचार गोष्ठी में प्रकट किये उन्हों ने कहा कि सरकार वृद्धजनो के कल्याण और देखभाल के लिए संकल्पबद्ध है। सीनियर सिटीज़नस फोरम एवं शहजार होमस के तत्वावधान में आयोजित देश के विभिन्न भागों से आए सीनियर सिटीज़नस ने सरकार से वृद्धजनो की देखभाल के लिए कार्य करने की अपील करते हुए प्रभावी कदम उठाने की मांग की, एच के मिश्रा, एस सी गोयल, एस के जैन, गोष्ठी के मुख्य अतिथि स्वामी चिदानंद मुनि ने दीफ प्रज्वलित कर गोष्ठी का शुभारम्भ किया, सीनियर सिटीज़नस फोरम के अध्यक्ष सर्वेश गुप्ता, महामंत्री पी पी धस्माना, उपाध्यक्ष एम के रैना तथा न्यासी अजीत जैन, सरोज जैन, एके सनाडिया आदि ने देश के विभिन्न भागों से आए सीनियर सिटीज़नस का स्वागत किया। स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि


जिदंगी की शुरुआत साठ वर्ष के बाद ही होती हैं, सीनियर सिटीज़नस अब बडे हो गए है, सीनियर सिटीज़नस किसी पर बोझ नहीं है मन में आत्म विश्वास का भाव रख कर शेष जीवन सम्मान से व्यतीत करे। सीनियर सिटीज़नस नौलिज बैक हैं जिसका कोई विकल्प नहीं है।


महामृत्युजंय मंत्र अकाल मृत्यु अभय देता है :-शिव प्रकाश शुक्ल

महामृत्युजंय मंत्र अकाल मृत्यु से  अभय देता है :-शिव प्रकाश शुक्ल
आत्म संवाद अंतर्यात्रा शिविर में महामृतुंजय सत्र में हुआ ईश्वरीय शक्ति को लेकर मंथन 
हरिद्वार 12 अक्टूबर  दिव्य प्रेम सेवा मिशन के वार्षिकोत्सव में आत्म संवाद अंतर्यात्रा शिविर के दूसरे दिन राज्यसभा सांसद शिव प्रकाश शुक्ल की अध्यक्षता में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें प्रसिद्ध आध्यात्मिक विचारक डा0 पवन सिंह गुरु जी ने गोष्ठी का शुभारम्भ करते हुए कहा कि भगवान शिव निर्वाण स्वरूप और महामृतुंजय मंत्र भगवान शिव की कृपा पाने का अमोघ मंत्र है जिसके बीज स्वरूप मंत्र के जाप से ही आध्यात्मिक शक्ति का संचार होता हैं। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में राज्यसभा सांसद शिव प्रकाश शुक्ल ने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन के वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित आत्म संवाद अंतर्यात्रा शिविर का आयोजन गंगा जी के तट पर एक अनूपम 



कार्य है और उसमें महामृतुंजय सत्र अध्यात्म चेतना को जाग्रत करने का अवसर बना उन्हों ने दिव्य प्रेम सेवा मिशन के प्रति शुभकामनाएं प्रदान की। विचार गोष्ठी में ऋषिकेश एम्स के निदेशक डा0 रविकांत ने महिला सशक्तिकरण विषय पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि सुदृढ भारत के लिए मातृ शक्ति का स्वस्थ और शिक्षित होना बहुत जरूरी है उन्हों ने कहा कि हमारे देश में महिलाओं और बच्चों की स्थिति अच्छी नहीं है उन्हों ने दिव्य प्रेम सेवा मिशन के सामाजिक कार्यो की प्रशंसा करते मिशन के प्रति मंगल कामनाऐ प्रदान की गोष्ठी में आने वाले बुद्धिजीवीयो का स्वागत मिशन के संस्थापक आशीष गौतम, राष्ट्रीय संयोजक संजय चतुर्वेदी सहित मिशन के पदाधिकारीयो ने किया


दिव्य प्रेम सेवा मिशन में प्रारंभ हुआ आत्म संवाद अंतर्यात्रा शिविर 

दिव्य प्रेम सेवा मिशन में प्रारंभ हुआ आत्म संवाद अंतर्यात्रा शिविर 
नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, पूज्य विजय कौशल जी महाराज, कुलपति डा0 के एन सिंह ने दीपक प्रज्वलित कर तीन दिवसीय आयोजन का शुभारम्भ किया। 
शनिवार को चण्डी घाट गंगा तट पर होगा  भव्य गंगा आरती का आयोजन 
हरिद्वार 11 अक्टूबर दिव्य प्रेम सेवा मिशन के वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित आत्म संवाद अंतर्यात्रा शिविर का शुभारम्भ दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक आशीष गौतम, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, पूज्य विजय कौशल जी महाराज तथा कुलपति डा0 के एन सिंह ने किया। इस अवसर पर संस्था का परिचय देते हुए संस्था के संस्थापक आशीष गौतम ने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन निरंतर मानवता की सेवा करते हुए आध्यात्म सेवा की ओर अग्रसर हो रहा है। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन कुष्ठ रोगियो की सेवा करते करते राष्ट्र की एकता को एक सूत्र में बाँधने का कार्य कर रहे हैं यह संस्था पीडित मानवता को सम्बल प्रदान कर रही हैं,।पूज्य विजय कौशल जी महाराज ने आशीर्वाद देते हुए दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक आशीष गौतम, संजय चतुर्वेदी सहित मिशन परिवार को शुभकामनाएं प्रदान की उन्हों ने कहा कि गंगा तट पर आयोजित आत्म संवाद अंतर्यात्रा शिविर प्रतिभागियो को ईश्वर सै मिलने का मार्ग दिखायेगा। उद्घाटन समारोह में आऐ हुऐ अतिथयो का स्वागत दिव्य प्रेम सेवा मिशन के पदाधिकारीयो ने किया। कल नव निर्मित चण्डी घाट गंगा तट पर भव्य गंगा आरती का आयोजन किया


राम से बड़ा हैं राम का नाम :-श्री महंत अनपूर्णा पुरी
सुभाष घाट पर धार्मिक आयोजन में शामिल  हुए श्रद्धालु भक्त जन 
हरिद्वार 12 अक्टूबर  सुभाष घाट गंगा तट पर भव्य हनुमंत कथा और सुंदर काण्ड का आयोजन समाजसेवी राजू बधावान के संयोजन में हुआ जिसमें जूना अखाड़े की श्री महंत अनपूर्णा पुरी ने कहा कि भगवान राम का नाम उनके नाम से भी बडा है  ,राम नाम के लिखे पत्थर भी तैर जाते है, उन्हों ने कहा कि हनुमंत कथा श्रवण करने से भगवान राम की कृपा सहज ही मिल जाती हैं। इस अवसर पर व्यापार मंडल के पदाधिकारी, अनूप त्यागी,संदीप गोस्वामी, सूर्यकांत शर्मा, गोविंद कृपा सेवा समिति की अध्यक्ष अनीता वर्मा, समाजसेवी, संजय वर्मा, व्यपारी नेता गगन नामदेव, विरेन्द्र शर्मा, पार्षद विनित जौली, अनिरूद्ध भाटी सहित श्रद्धालु भक्त जनो ने हनुमंत कथा और सुंदर काण्ड के पाठ का श्रवण कर भगवान राम और हनुमान जी की पूजा अर्चना कर संतजनों का आशीर्वाद प्राप्त किया।


भगवान भरोसे चल रहा है जिला भिक्षुक गृह

भगवान भरोसे चल रहा है जिला भिक्षुक गृह
भिक्षुक गृह की आधी इमारत पर समाज कल्याण विभाग, निर्वाचन विभाग ,किशोर न्याय बोर्ड का कब्जा 
सत्तर प्रतिशत पद खाली चल रहे है। 
हरिद्वार 8अक्टूबर। उत्तराखंड का समाज कल्याण मंत्रालय जन कल्याण की योजनाओं के बडे बडे दावे करता है लेकिन हरिद्वार मे समाज कल्याण विभाग की उदासीनता के चलते राजकीय भिक्षुक गृह दम तोड़ रहा है, वर्तमान में भिक्षुक गृह की आधी इमारत पर समाज कल्याण विभाग,किशोर न्याय बोर्ड, निर्वाचन विभाग का कब्जा हैं, जिला प्रशासन हरकी पौड़ी और अन्य स्थानों को भिखारीयो से मुक्त करने का दावा तो  करता है और भिक्षावृति पर लगाम लगाने के प्रयास में भिखारीयो को पकड कर रोशनाबाद स्थिति भिक्षुक गृह में लाकर बंद कर देता है लेकिन भिक्षुक गृह पर अन्य विभागो का कब्जा होने के कारण वँहा बंद भिखारीयो को जानवरों की तरह बंद कर दिया जाता है। समाज कल्याण विभाग और सरकार की अनदेखी के कारण भिक्षुक गृह के  सत्तर प्रतिशत पद खाली पड़े हैं जिसके कारण बड़ी संख्या में प्रशासन के द्वारा पकड कर लाऐ गए भिखारीयो की सुरक्षा भी एक समस्या बनी हुई हैं। सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन और सरकार की उदासीनता के कारण भिक्षुक गृह में कभी भी कोई बडा हादसा हो सकता है क्योंकि ज्यादातर भिखारी नशेडी, और अपराधीक प्रवृत्ति के होते है। देखने वाली बात यह है कि सरकार और प्रशासन इस ओर कब ध्यान देता है


विश्व दृष्टि दिवस एवं नेत्र दान संकल्प दिवस पर परमार्थीयो ने लिया नेत्रदान का संकल्प

विश्व दृष्टि दिवस एवं नेत्र दान संकल्प दिवस पर परमार्थीयो ने लिया नेत्रदान का संकल्प


हरिद्वार 10 अक्टूबर विश्व दृष्टि एवं नेत्र दान संकल्प दिवस के अवसर पर तीर्थ नगरी हरिद्वार के प्रसिद्ध समाजसेवी डा0 विशाल गर्ग के संयोजन में सेवा भारतीय के प्रांगण में ऋषि कुल आयुर्वेदिक कालेज चिकित्सालय, जौली ग्रांट हास्पिटल, श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, गोविंद कृपा सेवा समिति, मुस्कान फाउंडेशन के सहयोग से विशाल नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ उप कुम्भ मेला अधिकारी सरदार हरवीर सिंह, डा0 अरूण कुमार, नेहा मलिक, विनीत धीमान, आनीत वर्मा आदि ने किया। इस अवसर पर गोविंद कृपा समाचार पत्र के सम्पादक एवं सामाजिक कार्यकर्ता संजय वर्मा आदि ने मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प लिया। जौली ग्रांट हास्पिटल से आई मैडिकल टीम ने परमार्थीयो से नेत्रदान के संकल्प पत्र भरवाऐऔर ऋषि कुल आयुर्वेदिक कालेज चिकित्सालय की टीम ने डा0अरूण कुमार के नेतृत्व में लोगों के नेत्रो की निःशुल्क जांच कर दवाई वितरित की,
 ऋषि कुल आयुर्वेदिक कालेज चिकित्सालय की विभागाध्यक्ष डा0 गुंजन शर्मा ने बताया कि इस नेत्रदान संकल्प शिविर में 16 समाजसेवीयो ने मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प लिया तथा  ऋषि कुल आयुर्वेदिक कालेज चिकित्सालय की टीम ने 102 मरीजो की आँखों की जाँच कर चश्मे के नम्बर और निःशुल्क दवाई वितरित की इस अवसर पर श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारी ज्ञान प्रकाश पांडे, बबीता भाटिया, सहित सदस्य उपस्थिति रहे
[10/10, 3:07 PM] Sanjay Verma: नेत्ररोग विभागाध्यक्ष डा0 गुंजन के निर्देशन में डा0 अरूण कुमार, प्रीति, रंजना, हरिमोहन, कल्पना, सरिता, आकांक्षा, राधिका, एकता आदि ने कैम्प में आऐ मरीजो के नेत्रो की जांच कर उन्हें नेत्रदान के लिए प्रेरित किया।
[10/10, 5:16 PM] Sanjay Verma: आशीष गौतम करेगे शरदोत्सव, आत्म संवाद,अंर्तयात्रा शिविर का शुभारम्भ 
11से 13 अक्टूबर तक होगा दिव्य प्रेम सेवा मिशन के तत्वावधान में शरदोत्सव का आयोजन 
हरिद्वार 10अक्टूबर  दिव्य प्रेम सेवा मिशन के तत्वावधान में होने जा रहे शरदोत्सव, आत्म संवाद, अंतर्यात्रा शिविर का शुभारम्भ दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक आशीष गौतम करेगे। इस तीन दिवसीय आयोजन का शुभारम्भ शुक्रवार को दोपहर बाद  चण्डी घाट स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन के प्रांगण में होगा उक्त जानकारी आयोजन के सूत्रधार दिव्य प्रेम सेवा मिशन के राष्ट्रीय संयोजक संजय चतुर्वेदी ने प्रदान करते हुए बताया कि शरद पूर्णिमा के अवसर पर दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संयोजन में शरदोत्सव का आयोजन किया जाएगा जिसमें अध्यात्म और धर्म संस्कृति के दर्शन कराती हुयी विभिन्न प्रकार की गतिविधियां और प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी, उन्हों ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य आकर्षक 12 अक्टूबर को विशेष गंगा आरती होगी, चण्डी घाट स्थित नव निर्मित गंगा घाट पर बनारस से आऐ विप्र जन बनारस की तरज पर गंगा आरती करेगे। संजय चतुर्वेदी ने बताया कि इस आयोजन के अन्तर्गत ही दिव्य प्रेम सेवा मिशन अपना वार्षिकोत्सव भी मनाऐगा जिसमें विधायक आदेश चौहान, स्वामी यतीश्वरानन्द और विशिष्ट अतिथि उपस्थिति रहेगें। अध्यात्म जगत की पूज्य विभूतियां पधार कर अपना आशीर्वाद प्रदान करेगी।


ये बच्चा हरिद्वार G D Hospital  पहुँच चुका है, कल बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया 

ये बच्चा हरिद्वार G D Hospital  पहुँच चुका है, कल बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया 


 कलियर में लावारिसी मिले बच्चे को पुलिस ने इलाज व जांच के लिए हरमिलाप रा0 जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष विनोद शर्मा ने बताया कि कल सुबह बच्चा उन्हें सुपुर्द कर दिया जाएगा, उस के बाद बच्चे को किसी को गोद देने या संस्था को सौंपने की कार्यवाही की जाऐगी।


दिव्य प्रेम सेवा मिशन करेगा शरदोत्सव का आयोजन

दिव्य प्रेम सेवा मिशन करेगा शरदोत्सव का आयोजन 
11से 13 अक्टूबर तक चण्डी घाट स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संयोजन में होगा भव्य आयोजन 
शरद पूर्णिमा 12 अक्टूबर को सांयकाल नव निर्मित गंगा घाट पर होगा भव्य गंगा आरती का आयोजन 
हरिद्वार 9 अक्टूबर  समाज सेवा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्था दिव्य प्रेम सेवा मिशन आगामी 11से 13 अक्टूबर तक चण्डी घाट स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संयोजन में शरदोत्सव का आयोजन करने जा रहा है उक्त जानकारी आयोजन के सूत्रधार दिव्य प्रेम सेवा मिशन के राष्ट्रीय संयोजक संजय चतुर्वेदी ने प्रदान करते हुए बताया कि शरद पूर्णिमा के अवसर पर दिव्य प्रेम सेवा मिशन 11 से 13 अक्टूबर तक तीन दिवसीय शरदोत्सव का आयोजन करने जा रहा है जिसमें प्रतिदिन गंगा जी की निर्मलता, स्वच्छता, और पर्यावरण रक्षा पर विचार गोष्ठी, जनजागरण रैली, नुकड नाटको तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार ईकाई के संयोजक आलोक शर्मा ने बताया कि शरदोत्सव का मुख्य आयोजन 12 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के अवसर पर सांयकाल भव्य गंगा आरती के साथ होगा जिसमें म0म0 स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी, दिव्य प्रेम सेवा मिशन के  संस्थापक आशीष गौतम जी के सानिध्य में बनारस से आऐ विप्र जन बनारस की गंगा आरती की भांति चण्डी घाट पर नव निर्मित गंगा घाट पर गंगा जी की विशेष आरती करेगे। जिसे देखने हजारों लोग गंगा घाट पर एकत्र होंगे।


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  •  सत्य, अहिंसा की प्रतिमूर्ति थे बापू :- मदन कौशिक 
    रीजनल आऊटरीच ब्यूरों देहरादून ने भल्ला इंटर कालेज में महात्मा गांधी जी की जयंती पर शुरू किया पांच दिवसीय आयोजन
     अपर महानिदेशक रीजनल आऊटरीच ब्यूरों देहरादून के निर्देशन तथा प्रचार अधिकारी एन एस नयाल ,फील्ड आऊटरीच ब्यूरों पौड़ी के प्रचार अधिकारी लीलाधर पांडे के संयोजन में महात्मा गांधी जी की जयंती पर पांच दिवसीय कार्यक्रमो काआयोजन भल्ला इंटर कालेज में हुआ जिसमें ज्वालापुर इंटर कालेज, सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज, सेवा सदन इंटर कालेज के छात्र छात्राओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, मेयर अनीता शर्मा, रीजनल आऊटरीच ब्यूरों देहरादून के अपर महानिदेशक एन के कौशल ने महात्मा गांधी जी के जीवन पर आधारित फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। एन सी सी, स्काउट, गाइड के साथ विभिन्न कालेजो के बच्चों ने देवपुरा चौक से भल्ला कालेज तक रैली निकाली जिसमें बच्चों ने लोगों को स्वच्छ भारत, पर्यावरण रक्षा का संदेश दिया।समारोह का शुभारम्भ करते हुए नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि हमे बापू के सपनो का भारत बनाना है जिसमें अशिक्षा, गदंगी, अहिंसा का कोई स्थान न हो, उन्हों ने बच्चों से प्लास्टिक का प्रयोग न करने का अहवान करते हुए कहा कि हमे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के स्वच्छ भारत मिशन, स्वस्थ भारत जैसे अनेक महत्वकांक्षी योजनाओं को धरातल पर उतारना है। अपर महानिदेशक रीजनल आऊटरीच ब्यूरों देहरादून एन के कौशल ने कहा कि बापू का जीवन हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है जिससे हमे सीख लेकर जीवन में सत्य, अहिंसा, सादगी, सहिष्णुता जैसे गुणों को जीवन में उतारना चाहिए। भल्ला इंटर कालेज के प्रधनाचार्य कैप्टन ओपी गोनियाल, सेवा सदन इंटर कालेज की प्रधानाचार्या कमलेश चौहान, ज्वालापुर इंटर कालेज के प्रधनाचार्य राम सिंह चौहान के निर्देशन में बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। ऋषि कुल आयुर्वेदिक कालेज चिकित्सालय के चिकित्सक दल ने डा0 अरूण कुमार के नेतृत्व मे छात्र, छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया, यह आयोजन 6 अक्टूबर तक जारी रहेगा।
    #धूमसू# जौनसारी सांस्कृतिक दल ने कार्यक्रम में उत्तराखंड की संस्कृति को लोक गीतो, नृत्य के माध्यम से मंच पर साकार किया। समारोह में पहुँचे अतिथयो का स्वागत सुषमा जगवान, मैजर विनीता कुर्ल, महेश चंद, गोविंद कृपा सेवा समिति की अध्यक्ष अनीता वर्मा, अनिल शर्मा आदि ने किया। समारोह में, शहर के प्रसिद्ध स्वच्छता आग्रही स्वयं सेवक नरेश गिरी, प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश शर्मा, भाजपा जिला महामंत्री विकास तिवारी, उपाध्यक्ष नरेश शर्मा संजय वर्मा को विभाग की ओर से सम्मानित किया गया।रीजनल आऊटरीच ब्यूरों सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के इस कार्यक्रम के विषय में जानकारी देते हुए एन एस नयाल और लीलाधर पांडे ने बताया कि गांधी जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम का समापन 6 अक्टूबर को होगा, इस बीच प्रतिदिन शहर वासियों के लिए विभिन्न आयोजन किए जाएंगे।
    मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने स्कूली बच्चों को धूम्रपान, तम्बाकू आदि नशीले पदार्थो  का सेवन न करने की शपथ भी दिलवाई


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