बाबरी मस्जिद विध्वंस में कोर्ट के फैसले से संत समाज में हर्ष व्याप्त हरिद्वार 30 सितम्बर (विरेन्द्र शर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कोर्ट के फैसले का संत समाज ने स्वागत किया है जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरिगिरि ने कहा कि 6दिसम्बर 1992* को *अयोध्या* में हुए *"बाबरी ध्वंस"* के प्रकरण पर आज प्रस्तुत हुए सी.बी.आई. न्यायालय के निर्णय का हम सम्मान करते हैं यह सत्य की जीत है। युग पुरूष स्वामी परमानन्द जी महाराज की शिष्या साध्वी ऋतम्भरा जो इस आंदोलन की मुख्य भूमिका में रही उन्होने ने कहा कि । मैंने हमेशा कहा है कि हम मंत्रों के रचने वाले भारतीय, कभी षड्यंत्र नहीं रचते। अयोध्या का ढाँचा ध्वंस कोई षड्यंत्र नहीं था यह हिन्दू कारसेवको का भगवान राम के प्रति समर्पण था पांच शताब्दियों से कुचली जा रही हिन्दू आस्थाओं का स्वाभाविक विस्फोट था। श्री महंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि अपने आराध्य प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर पूजा-प्रार्थना और भव्य मंदिर के निर्माण के लिए यह साढ़े चार सौ वर्षों के हिन्दू बलिदानों की पूर्णाहुति थी यह घटना। श्री महंत ललितानंद गिरि महाराज ने कहा कि बर्बर मुगल लुटेरे बाबर के सेनापति मीरबाकी द्वारा *श्रीराम जन्मभूमि* का ध्वंस किया गया, उसकी पुनर्स्थापना के लिए हिन्दू समाज ने लंबा संघर्ष करते हुए लाखों बलिदान दिए किंतु सत्तालोलुप राजनीति ने स्वतंत्र भारत में भी हिन्दू समाज को उसका स्वाभाविक अधिकार नहीं दिया। जिसका प्रति उत्तर ये कांड था। जब न्याय नहीं मिला, अन्तहीन प्रतीक्षा ने करोड़ों हिन्दुओं को आतुर किया, जिसकी परिणिति ढाँचा ध्वंस के रूप में सामने आई। यह कोई षड्यंत्र नहीं बल्कि लाखों कारसेवकों का खुला आक्रोश था। श्री महंत देवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि हम पर आरोप लगाया गया कि हम इस ध्वंस और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के जिम्मेदार हैं, लेकिन आज के निर्णय ने सिद्ध कर दिया कि यह आरोप निराधार और दुर्भावना से प्रेरित था। यह सत्य है कि हमने *श्री राम जन्मभूमि* पर भव्य मंदिर पाने के लिए अनवरत संघर्ष किया लेकिन उसमें कहीं कोई षड्यंत्र नहीं था। इसपर आज न्यायालय ने अपनी मुहर लगाई है। इस मामले से जुड़े रहे सभी लोगों के प्रति आभार और माननीय न्यायालय को धन्यवाद, सत्य के पक्ष में निर्णय दे कर संविधान की श्रेष्ठता को कायम रखा है। म0म0 स्वामी विनय स्वरूप ब्रह्ममचारी, लाल माता मंदिर के संचालक भक्त दुर्गा दास, श्री महंत विनोद गिरि महाराज सहित संतजनो ने निर्णय का स्वागत किया है


#इंडोनेशिया मुस्लिम देश लेकिन राम कृष्ण आराध्य।(डा0 एस के कुलश्रेष्ठ) ! एक मुस्लिम देश जहाँ रोज सुबह TV का कार्यक्रम #रामायण से शुरू और #गीता पर खत्म होती है जहाँ #श्री_राम को आज भी वह गर्व से अपना पूर्वज और वंश के कहते है वही पर महीने का 1 दिन स्पेशल होता है क्योंकि इस दिन सब बच्चों के #माता_पिता को स्कूल में बुलाया जाता है और बच्चों से उनके #माता_पिता के पैर धुलवाए जाते हैं ताकि यह बच्चे अपने #माता_पिता की सेवा करना ना भूलें जिसका नतीजा है कि आज इंडोनेशिया में एक भी वृद्ध आश्रम नहीं है।


कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय स्वागत योग्य: श्रीमहंत रविंद्रपुरी हरिद्वार 30 सितम्बर (विरेन्द्र शर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने बाबरी विध्वंस पर आए न्यायालय के फैसले को स्वागत योग्य बताया है। उन्होंने इसे देश के करोड़ो लोगों की आस्था और भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा की जीत कहा है। श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर पहले से ही कोई साजिश नहीं रची गई थी, इसको लेकर कोर्ट ने भी स्पष्ट कर दिया है। दूसरा पक्ष इसे साबित नहीं कर सका। उन्होंने कहा कि कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय स्वागत योग्य है। इस फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए। छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में 28 साल बाद कोर्ट ने अपने फैसले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया। इस केस में कई ऐसे लोग हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं है। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। लंबे समय बाद इस लड़ाई में कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक आया है।


केदारनाथ को क्यों कहते हैं ‘जागृत महादेव’ ?, दो मिनट की ये कहानी रौंगटे खड़े कर देगी " एक बार एक शिव-भक्त अपने गांव से केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकला। पहले यातायात की सुविधाएँ तो थी नहीं, वह पैदल ही निकल पड़ा। रास्ते में जो भी मिलता केदारनाथ का मार्ग पूछ लेता। मन में भगवान शिव का ध्यान करता रहता। चलते चलते उसको महीनो बीत गए। आखिरकार एक दिन वह केदार धाम पहुच ही गया। केदारनाथ में मंदिर के द्वार 6 महीने खुलते है और 6 महीने बंद रहते है। वह उस समय पर पहुचा जब मन्दिर के द्वार बंद हो रहे थे। पंडित जी को उसने बताया वह बहुत दूर से महीनो की यात्रा करके आया है। पंडित जी से प्रार्थना की - कृपा कर के दरवाजे खोलकर प्रभु के दर्शन करवा दीजिये । लेकिन वहां का तो नियम है एक बार बंद तो बंद। नियम तो नियम होता है। वह बहुत रोया। बार-बार भगवन शिव को याद किया कि प्रभु बस एक बार दर्शन करा दो। वह प्रार्थना कर रहा था सभी से, लेकिन किसी ने भी नही सुनी। पंडित जी बोले अब यहाँ 6 महीने बाद आना, 6 महीने बाद यहा के दरवाजे खुलेंगे। यहाँ 6 महीने बर्फ और ढंड पड़ती है। और सभी जन वहा से चले गये। वह वही पर रोता रहा। रोते-रोते रात होने लगी चारो तरफ अँधेरा हो गया। लेकिन उसे विस्वास था अपने शिव पर कि वो जरुर कृपा करेगे। उसे बहुत भुख और प्यास भी लग रही थी। उसने किसी की आने की आहट सुनी। देखा एक सन्यासी बाबा उसकी ओर आ रहा है। वह सन्यासी बाबा उस के पास आया और पास में बैठ गया। पूछा - बेटा कहाँ से आये हो ? उस ने सारा हाल सुना दिया और बोला मेरा आना यहाँ पर व्यर्थ हो गया बाबा जी। बाबा जी ने उसे समझाया और खाना भी दिया। और फिर बहुत देर तक बाबा उससे बाते करते रहे। बाबा जी को उस पर दया आ गयी। वह बोले, बेटा मुझे लगता है, सुबह मन्दिर जरुर खुलेगा। तुम दर्शन जरुर करोगे। बातों-बातों में इस भक्त को ना जाने कब नींद आ गयी। सूर्य के मद्धिम प्रकाश के साथ भक्त की आँख खुली। उसने इधर उधर बाबा को देखा, किन्तु वह कहीं नहीं थे । इससे पहले कि वह कुछ समझ पाता उसने देखा पंडित जी आ रहे है अपनी पूरी मंडली के साथ। उस ने पंडित को प्रणाम किया और बोला - कल आप ने तो कहा था मन्दिर 6 महीने बाद खुलेगा ? और इस बीच कोई नहीं आएगा यहाँ, लेकिन आप तो सुबह ही आ गये। पंडित जी ने उसे गौर से देखा, पहचानने की कोशिश की और पुछा - तुम वही हो जो मंदिर का द्वार बंद होने पर आये थे ? जो मुझे मिले थे। 6 महीने होते ही वापस आ गए ! उस आदमी ने आश्चर्य से कहा - नही, मैं कहीं नहीं गया। कल ही तो आप मिले थे, रात में मैं यहीं सो गया था। मैं कहीं नहीं गया। पंडित जी के आश्चर्य का ठिकाना नहीं था। उन्होंने कहा - लेकिन मैं तो 6 महीने पहले मंदिर बन्द करके गया था और आज 6 महीने बाद आया हूँ। तुम छः महीने तक यहाँ पर जिन्दा कैसे रह सकते हो ? पंडित जी और सारी मंडली हैरान थी। इतनी सर्दी में एक अकेला व्यक्ति कैसे छः महीने तक जिन्दा रह सकता है। तब उस भक्त ने उनको सन्यासी बाबा के मिलने और उसके साथ की गयी सारी बाते बता दी। कि एक सन्यासी आया था - लम्बा था, बढ़ी-बढ़ी जटाये, एक हाथ में त्रिशुल और एक हाथ में डमरू लिए, मृग-शाला पहने हुआ था। पंडित जी और सब लोग उसके चरणों में गिर गये। बोले, हमने तो जिंदगी लगा दी किन्तु प्रभु के दर्शन ना पा सके, सच्चे भक्त तो तुम हो। तुमने तो साक्षात भगवान शिव के दर्शन किये है। उन्होंने ही अपनी योग-माया से तुम्हारे 6 महीने को एक रात में परिवर्तित कर दिया। काल-खंड को छोटा कर दिया। यह सब तुम्हारे पवित्र मन, तुम्हारी श्रद्वा और विश्वास के कारण ही हुआ है। आपकी भक्ति को प्रणाम। हर हर महादेव.....🙏🏻🌹🔱📿🌿


पर निंदा से पुण्य क्षय हो जाते हैं (डा0 एस के कुलश्रेष्ठ) राजा पृथु एक दिन सुबह-सुबह घोड़ों के तबेले में जा पहुँचे। तभी वहाँ एक साधु भिक्षा मांगने आ पहँचा। सुबह-सुबह साधु को भिक्षा मांगते देख पृथु क्रोध से भर उठे। उन्होंने साधु की निंदा करते हुये, बिना विचारे तबेले से घोड़े की लीद उठाई और उसके पात्र में डाल दी। साधु भी शांत स्वभाव का था, सो भिक्षा ले वहाँ से चला गया और वह लीद कुटिया के बाहर एक कोने में डाल दी। कुछ समय उपरान्त राजा पृथु शिकार के लिये गये। पृथु ने जंगल में देखा कि, एक कुटिया के बाहर घोड़े की लीद का बड़ा सा ढेर लगा हुआ है। उन्होंने देखा कि, यहाँ तो न कोई तबेला है और न ही दूर-दूर तक कोई घोड़े दिखाई दे रहे हैं। वह आश्चर्यचकित हो कुटिया में गये और साधु से बोले, *"महाराज ! आप हमें एक बात बताइये, यहाँ कोई घोड़ा भी नहीं, न ही तबेला है, तो यह इतनी सारी घोड़े की लीद कहा से आई ?"* साधु ने कहा, *" राजन् ! यह लीद मुझे एक राजा ने भिक्षा में दी है। अब समय आने पर यह लीद उसी को खानी पड़ेगी।"* यह सुन राजा पृथु को पूरी घटना याद आ गई। वे साधु के पैरों में गिर क्षमा मांगने लगे। उन्होंने साधु से प्रश्न किया, *हमने तो थोड़ी-सी लीद दी थी, पर यह तो बहुत अधिक हो गई ?* साधु ने कहा, *हम किसी को जो भी देते हैं, वह दिन-प्रतिदिन प्रफुल्लित होता जाता है और समय आने पर हमारे पास लौटकर आ जाता है, यह उसी का परिणाम है।* यह सुनकर पृथु की आँखों में अश्रु भर आये। वे साधु से विनती कर बोले, *"महाराज ! मुझे क्षमा कर दीजिये। मैं आइन्दा ऐसी गलती कभी नहीं करूँगा। कृपया कोई ऐसा उपाय बता दीजिये, जिससे मैं अपने दुष्ट कर्मों का प्रायश्चित कर सकूँ।"* राजा की ऐसी दु:खमयी हालत देखकर साधु बोला, *"राजन् ! एक उपाय है। आपको कोई ऐसा कार्य करना है, जो देखने में तो गलत हो, पर वास्तव में गलत न हो।* जब लोग आपको गलत देखेंगे, तो आपकी निंदा करेंगे। जितने ज्यादा लोग आपकी निंदा करेंगे, आपका पाप उतना हल्का होता जायेगा। *आपका अपराध निंदा करने वालों के हिस्से में आ जायेगा।* यह सुनकर राजा पृथु ने महल में आकर काफी सोच-विचार किया और अगले दिन सुबह से शराब की बोतल लेकर चौराहे पर बैठ गये। सुबह-सुबह राजा को इस हाल में देखकर सब लोग आपस में राजा की निंदा करने लगे कि, कैसा राजा है ? कितना निंदनीय कृत्य कर रहा है, क्या यह शोभनीय है ? आदि-आदि ! निंदा की परवाह किये बिना राजा पूरे दिन शराबियों की तरह अभिनय करते रहे। इस पूरे कृत्य के पश्चात जब राजा पृथु पुनः साधु के पास पहुँचे, तो लीद के ढेर के स्थान पर एक मुट्ठी लीद देख आश्चर्य से बोले, *"महाराज ! यह कैसे हुआ ? इतना बड़ा ढेर कहाँ गायब हो गया ?"* साधू ने कहा, *"यह आपकी अनुचित निंदा के कारण हुआ है राजन् ! जिन-जिन लोगों ने आपकी अनुचित निंदा की है,, आपका पाप उन सबमें बराबर-बराबर बंट गया है।* फिर राजा बोले, *" महाराज, फिर ये मुट्ठी भर बचा क्यूँ?? ये क्यूँ नहीं बंटा??"* तो फिर ऋषि बोले, *"राजन, ये तुम्हारा कर्म है। जितना तुमने मेरे भिक्षा पात्र मे मेरे खाने के लिए दिए थे उतना तो तुम्हें खाना ही पड़ेगा। "* कोई कितना भी उपाय, दान, पुण्य करले उसका कर्म दोष कट तो जाएगा पर उसका मूल नष्ट नहीं होगा... उतना तो भरना ही पड़ेगा.. जब हम किसी की बेवजह निंदा करते हैं, तो हमें उसके पाप का बोझ भी उठाना पड़ता है। तथा हमें अपने किये गये कर्मों का फल तो भुगतना ही पड़ता है। अब चाहे हँसकर भुगतें या रोकर। *हम जैसा देंगे, वैसा ही लौटकर वापिस आयेगा।* -साभार 🙏🙏🙏


🛣️🍃☘️🌲🌱🍀🛣️ 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 😷😷😷😷😷😷😷 🛑 *ऐतिहासिक फैसला* 💥 *1992 को अयोध्या पर ऐतिहासिक फैसला* 🚩 *आज सत्य की जीत-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज* *ऋषिकेश, 30 सितम्बर।* (दीपक पंत संवाददाता गोविंद कृपा ऋषिकेश) सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में आज जो ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया, उस फैसले का स्वागत करते हुये परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने उसे ऐतिहासिक करार देते हुये कहा कि यह प्रभु का प्लान है, आज सत्य की विजय हुई। बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में, जिन्हें आरोपी माना जा रहा था उन सभी को बरी कर दिया गया। विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के. यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने वहाँ उपस्थित भीड़ को रोकने की कोशिश की थी। सीबीआई ने आज वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी जी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री साध्वी उमा भारती जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह जी, राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी, साध्वी ऋतम्भरा जी, श्री चंपत राय जी, श्री रामविलास वेदान्ती जी, सतीश प्रधान जी और अन्य सभी आरोपियों बरी कर दिया गया। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैैसला है, मुझे तो लगता है आज षडयन्त्र विफल हुआ और सत्य जीता। बाबरी मस्जिद को ढहाए जाना कोई प्री प्लान नहीं था, ये प्रभु प्लान था, पूर्व नियोजित था बल्कि प्रभु आयोजित था। उन्होने कहा कि सत्य को परेशान तो किया जा सकता है पर न तो पराजित किया जा सकता है न ही परास्त किया जा सकता है। स्वामी जी ने कहा कि केवल सत्य, सत्य होता है, सत्तायें कई बार पड़यन्त्र रचती हैं, साजिशें रचती हैं, प्रतिशोध के पथ पर चलती हैं पर सत्य की यात्रा तो शोध की यात्रा है सत्य की यात्रा है, श्री राम की यात्रा है। रामो विग्रहवान धर्मः श्री राम जन्मभूमि मन्दिर तो भव्य निर्माण की औरं है आईये अब सब मिल कर राष्ट्र निर्माण में जुट जायें। 28 वर्ष तक जिन्होंने आरोपी होने का दंश झेला आज वे सब सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं। उन सबकी सत्य साधना को भी नमन, आज के इस ऐतिहासिक फैसले को मैं संविधान जीत मानता हूँ। इस ऐतिहासिक फैसले के लिये सीबीआई को भी धन्यवाद देता हूँ।


बाबा केदार के भक्तो के लिये सुखद सूचना। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड द्वारा कल से चारधाम के लिये जरूरी covid जांच की नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता को चारधाम यात्रा के लिये खत्म कर दिया गया है। अब तीर्थ यात्री बिना Covid नेगेटिव रिपोर्ट के भी यात्रा पर आ सकते है। श्री केदारनाथ धाम में दर्शन व्यवस्था बाहर रेम्प के माध्यम से ही होगी उसके बाद भी धाम में आने से पहले आपकी थर्मल स्क्रीनिंग की जायेगी उस दशा में पॉजिटिव आने पर आपको धाम में नही जाने दिया जायेगा। सभी तीर्थयात्रियों से करबद्ध अनुरोध है चारधाम यात्रा में सभी का स्वागत है किंतु आपको अगर किसी भी तरह की सर्दी खांसी है तो आप यात्रा को केंसल ही रखे। घर मे रहे सुरक्षित रहे,अपना भी भला करेगे और साथ ही साथ दूसरे तीर्थयात्रियों को भी Covid जैसी बीमारी से बचाने में सहयोग करे


**नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट( इंडिया उत्तराखंड की नई कार्यकारिणी में हरिद्वार के दो पत्रकारों को मिला स्थान *** काशीराम सैनी बने प्रदेश उपाध्यक्ष, विकास कुमार झा को मिली प्रदेश कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी हरिद्वार।29 सितम्बर ( आकांक्षा वर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) भारत में पत्रकारों की सबसे बड़ी संस्था नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इंडिया) इकाई उत्तराखंड की नई कार्यकारिणी में हरिद्वार के दो पत्रकारों का भी चयन किया गया है । हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार काशीराम सैनी को वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं विकास कुमार झा को जिला कोषाध्यक्ष का पदभार मिला है। दोनों पत्रकारों के चयन पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इकाई हरिद्वार के सदस्यों ने हर्ष जताया है । बताया गया कि नई कार्यकारिणी में हरिद्वार के अन्य पत्रकारों के भी शामिल होने की संभावना है। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया इकाई उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश जोशी* ने उत्तराखंड प्रदेश में एनयूजे के संगठन की मजबूती के लिये अपनी प्रांतीय टीम का गठन शुरू करते हुये *एनयूजे-आई की उत्तराखंड प्रदेश कार्यकारिणी हेतु पंजाब केसरी के उत्तराखंड प्रभारी व वरिष्ठ पत्रकार तथा हल्द्वानी प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय तलवार को प्रदेश का वरिष्ठ उपाध्यक्ष, हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार काशीराम सेनी को प्रदेश उपाध्यक्ष तथा हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार, विकास झा को प्रदेश कोषाध्यक्ष* मनोनीत किया है। इस मौके पर जोशी ने कहा कि कुमायूँ व गडवाल मंडलो के के सक्रिय व कर्मठ पत्रकारो को संगठन में सम्मान देकर सबका साथ, सबका विश्वास की नीति के साथ शासन-प्रशासन व पत्रकारो के बीच सेतु का काम करते हुये पत्रकार हितों हेतु उत्तराखंड में आदर्श तरीके से कार्य किये जायेंगे। उपरोक्त के मनोनयन पर *पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ब्रह्मदत्त शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया, प्रदेश महामंत्री सुशील त्यागी, प्रदेश संरक्षक अविकल थपलियाल, संरक्षक तारा चंद्र गुर्रानी, नैनीताल के निवर्तमान जिलाध्यक्ष दिनेश जोशी* ने बधाई देते हुए सभी पदाधिकारीयो से आशा व्यक्त की कि प्रदेश में एनयूजे, आई के सिद्धांतों के अनुरूप संगठन को मज़बूती प्रदान करेंगे। फ़ोटो-विकास झा, काशीराम सैनी।


व्यापारियों ने की ट्रेनों का संचालन शुरू किए जाने की मांग गुजरात, मुंबई व पंजाब की ट्रेनों की हो आवाजाही-विशाल गर्ग हरिद्वार, 29 सितम्बर। (गगन नामदेव संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) प्रदेश व्यापार मण्डल के जिला महामंत्री विशाल गर्ग के संयोजन में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से भेंटवार्ता कर गुजरात, मुंबई, पंजाब से आने वाली ट्रेनों की आवाजाही खोले जाने का ज्ञापन प्रेषित किया। प्रेमनगर आश्रम में पहुंचे व्यापारियों के साथ ट्रैवल्स व्यवसायियों ने भी व्यापारिक दृष्टि से ट्रेनों की आवाजाही शुरू करने की मांग की। जिला महामंत्री विशाल गर्ग ने कहा कि लाॅकडाउन के चलते कई माह से व्यापारियों का रोजगार चैपट हो चुका है। धर्मनगरी के व्यापारियों का रोजगार पर्यटन पर ही निर्भर है। बाहरी राज्यों की ट्रेनों की आवाजाही सुचारू नहीं होने से बाहरी राज्यों के यात्री धर्मनगरी में नहीं पहुंच पा रहे हैं। बाजार सुनसान हैं। व्यापारी अपने रोजगार को लेकर आर्थिक मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। अनलाॅक की जटिल प्रक्रिया के चलते बाहरी राज्यों से आने वाले धर्मनगरी में नहीं पहुंच पा रहे हैं। सरकार लगातार कोरोना संक्रमण को लेकर आदेश तो पारित कर रही है। लेकिन व्यापारियों की समस्याएं हल नहीं हो पा रही हैं। कोरोना संक्रमण के चलते आम जनमानस में तरह तरह का भ्रम भी बना हुआ है। उन्होंने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से अनलाॅक में की जा रही प्रक्रियाओं को सरल करने के साथ साथ गुजराज, मुंबई, पंजाब की ट्रेनों की आवाजाही की मांग की साथ ही चारधाम यात्रा को भी सुचारू रूप से लागू कराने की मांग की। उत्तराखण्ड के निवासियों का कारोबार पर्यटन पर निर्भर है। धार्मिक क्रियाकलापों को लेकर बाहरी राज्यों से यात्रीयों का आगमन होता है। सरकार को गंभीरता से व्यापारियों की माली हालत को सुधारने के प्रयास करने चाहिए। ट्रैवल्स व्यवसायी राकेश गोयल ने कहा कि बाहरी राज्यों से यात्री प्रदेश में नहीं आ पा रहा है। वाहनों के चालकों के अलावा टैक्स, बैंक ब्याज, देने पड़ते हैं। कामधंधा बंद होने के कारण ट्रैवल्स व्यवसायी आर्थिक परेशानियों को झेल रहे हैं। उन्होंने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से अन्य राज्यों से आने वाली ट्रेनों की आवाजाही खोले जाने की मांग की और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का कोविड टेस्ट की अनिवार्यता को समाप्त किए जाने पर बुके देकर स्वागत भी किया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने व्यापारियों को आश्वासन देते हुए कहा कि रेल मंत्री व गृह मंत्री को ट्रेनों की आवाजाही को लेकर पत्र लिखकर अवगत कराकर समस्या का समाधान कराने का प्रयास तेजी के साथ किया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास कोरोना काल में राज्य सरकार कर रही है। इस अवसर पर हरमोहन तनेजा, सुनील प्रजापति, कर्मेन्द्र सैनी आदि ने भी अपनी समस्याओं से कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को अवगत कराया। 


सीवर व पेयजल लाईनों की दुर्दशा नहीं की जायेगी बर्दाश्त : अनिरूद्ध भाटी क्षेत्रीय पार्षद के नेतृत्व में मुखिया गली, आदर्श नगर के निवासियों ने खड़खड़ी पुलिस चौकी में लोक निर्माण विभाग व ठेकेदार के खिलाफ तहरीर देकर की कार्रवाई की मांग हरिद्वार, 29 सितम्बर।(विरेन्द्र शर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) उत्तरी हरिद्वार भूपतवाला में भूमिगत विद्युत लाईन के कार्य के पश्चात सड़कों की मरम्मत कर रहे लोक निर्माण विभाग व ठेकेदार की लापरवाही के चलते पानी व सीवर की लाईन निरन्तर क्षतिग्रस्त हो रही हैं जिस कारण आक्रोशित क्षेत्रवासियों ने लोक निर्माण विभाग व जल संस्थान के अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ नाराजगी जताते हुए खड़खड़ी पुलिस चौकी में क्षेत्रीय पार्षद अनिरूद्ध भाटी के नेतृत्व में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। खड़खड़ी पुलिस चौकी प्रभारी दिलबर सिंह कण्डारी को तहरीर सौंपते हुए क्षेत्रीय पार्षद अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि विगत कुछ समय से लोक निर्माण विभाग ठेकेदार के माध्यम से उत्तरी हरिद्वार भूपतवाला में सड़कों की मरम्मत का कार्य कर रहा है। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही व ठेकेदार की हठधर्मिता के चलते विगत सप्ताह में अनेक स्थानों पर जेसीबी व डम्पर ने पानी व सीवर लाईन को क्षतिग्रस्त कर दिया है। अनेक बार मरम्मत कराने के बावजूद भी ठेकेदार की लापरवाही से पानी व सीवर की लाईन बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही है जिस कारण जहां क्षेत्रवासियों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है वहीं बहता हुआ पानी जहां सीवर लाईन को ओवर फ्लो कर रहा है साथ ही जगह-जगह पानी भरने से डेंगू जैसी संक्रामक रोगों के फैलने की संभावना बनी हुई है। पार्षद अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि उन्होंने इस संदर्भ में लोक निर्माण विभाग, जल संस्थान व गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों को अवगत कराया है, साथ ही खड़खड़ी पुलिस चौकी में तहरीर देकर क्षतिग्रस्त लाईनों की मरम्मत करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी है। मां गंगा भागीरथी व्यापार मण्डल के अध्यक्ष सूर्यकान्त शर्मा ने कहा कि आदर्श नगर, मुखिया गली में पेयजल लाईन क्षतिग्रस्त होने से अनेक घरों व धर्मशालाओं के निचले तल में पानी भर गया है। साथ ही सीवर लाईन भी ओवर फ्लो हो रही है जिसके चलते क्षेत्रवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर व्यापार मण्डल के कोषाध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि लोक निर्माण विभाग व जल संस्थान में तालमेल के अभाव का खामियाजा क्षेत्र की जनता को उठाना पड़ रहा है। जल संस्थान ने यदि शीघ्र ही क्षतिग्रस्त लाईनों की मरम्मत नहीं की तो शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से भंेट कर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जायेगी। भाजपा वार्ड अध्यक्ष नीरज शर्मा ने कहा कि लोक निर्माण विभाग का ठेकेदार सड़क मरम्मत के कार्य में लापरवाही बरत रहा है उसकी जेसीबी से बार-बार पानी व सीवर की लाईनें क्षतिग्रस्त हो रही है, निष्काम सेवा ट्रस्ट के सामने, मुखिया गली के सामने व वैदिक मोहन आश्रम के सामने क्षतिग्रस्त पेयजल लाईनों के चलते क्षेत्रवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चौकी प्रभारी दिलबर सिंह कण्डारी ने तहरीर प्राप्त करते हुए इस संदर्भ में उच्च अधिकारियों को अवगत कराते हुए कार्रवाई की जायेगी। इस मौके पर तहरीर सौंपने वालों में मुख्य रूप से नीरज शर्मा, सूर्यकान्त शर्मा, अमित गुप्ता, राजेन्द्र यादव, हीराबल्लभ पुनेठा, भागीरथ प्रजापति, प्रदीप शर्मा, प्रीत सिंह, रूपेश शर्मा, मनवीर सिंह साहू, विपिन प्रित सिंह, हेमनारायण अग्रवाल, सुनील सैनी, पुनीत बजाज, प्रकाशवीर, महेश सैनी, सतीश यादव, सोनू पंडित, किरणपाल प्रजापति, मुकुट प्रजापति, संदीप गोस्वामी, अनुपम त्यागी, विशाल गुप्ता, आदर्श पाण्डे, हंसराज आहूजा, दिनेश शर्मा, सुखेन्द्र तोमर, आशू आहूजा समेत अनेक क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।


ट्रवेल व्यवसायियो के प्रतिनिधि मंडल ने किया पर्यटन मंत्री का आभार व्यक्त ।हरिद्वार 29 सितम्बर (रजत अरोड़ा सवांददाता गोविंद कृपा ज्वालापुर) अनलाक के अन्तर्गत पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पहल पर सरकार द्वारा ट्रेवल व्यवसाय को गति प्रदान करने और टूर आपरेटर्स को बसो, टैम्पू ट्रेवलस,मीनी बसो को यात्रीयो को लाने लजाने में दी गई छूट और कोरोना की जांच आदि की बाध्यता को शिथिल करने के निर्णय के प्रति आभार प्रकट किया। वरिष्ठ समाजसेवी विशाल गर्ग और भाजपा नेता सुनील प्रजापति के साथ वरिष्ठ टूर आपरेटर भाजपा नेता ,राकेश गोयल, सरदार हरिमोहन सिंह ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का आभार प्रकट किया।


दीपाली गैस एजेंसी के मैनेजर सुशील गर्ग का निधन,कोरोना संक्रमित होने पर एम्स ऋषिकेश में चल रहा था उपचार । रुड़की। 29 सितम्बर (अनिल लोहानी संवाददाता गोविंद कृपा रूडकी) । दीपाली गैस एजेंसी के मैनेजर सुशील गर्ग का अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। इससे परिजन और उनके तमाम शुभचिंतक सदमे में है । सभी में शोक छाया हुआ है। सुशील गर्ग उम्र 42 वर्ष पिछले 25 वर्षों से दीपाली गैस में मैनेजर का पद संभाल रहे थे। पिछले 7 तारीख से एम्स ऋषिकेश में भर्ती थे। आज सुबह उनका निधन हुआ है। परिवार में पीछे केवल अपनी पत्नी वह 7 वर्ष की बच्ची को छोड़ गए हैं। पिछले सप्ताह उनकी लगातार दो रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी थी। लेकिन फेफड़ों में संक्रमण से जूझ रहे थे। सुशील गर्ग बड़े ही मिलनसार थे और दीपाली गैस एजेंसी मैनेजर के होते हुए उनसे सभी उपभोक्ता हमेशा प्रसन्न रहते थे । अवकाश के दिन भी यदि किसी उपभोक्ता को गैस सिलेंडर की आवश्यकता हो गई तो उनके द्वारा हर संभव सिलेंडर उपलब्ध कराने की कोशिश की गई। उपभोक्ता को यदि और किसी तरह की परेशानी हुई तो उसने वह भी दूर करने की कोशिश की चाहती थी। गैस एजेंसी के मैनेजर होने के साथ-साथ सुशील गर्ग समाजसेवी भी थे। शहर में जो भी सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम होते थे तो उनकी किसी न किसी रूप में उस में भागीदारी जरूर रहती थी। ऐसा ही परिवारों की वह जितना भी हो सके हमेशा मदद करते थे। कभी किसी जानकार को भी वह नमस्ते करने का अवसर नहीं देते थे। बड़े बुजुर्गों को वह देखते ही पहले ही नमस्ते करते । आज जब उनके निधन की सूचना हुई तो सभी में शोक छा गया। बहुत सारे लोगों ने तो अभी तक विश्वास भी नहीं किया है कि दीपावली गैस एजेंसी के मैनेजर सुशील गर्ग का इतनी कम उम्र में निधन हो गया है। जानने पर दीपाली गैस एजेंसी के स्वामी वाईपी सिंह ने बताया कि आज सुबह उनका एम्स में निधन हो गया। वह फेफड़े के संक्रमण से जूझ रहे थे चिकित्सकों द्वारा उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि सुशील गर्ग जैसा विश्वसनीय व्यक्ति मिल पाना बहुत मुश्किल रहता है। वाईपी सिंह ने कहा है कि सुशील गर्ग के निधन से उनके परिवार को बहुत बड़ा सदमा पहुंचा है। शहर विधायक प्रदीप बत्रा, मेयर गौरव गोयल लोकतांत्रिक जनमोर्चा के संयोजक सुभाष सैनी, पिछड़ा आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एडवोकेट शमीम अहमद, राज्यमंत्री शोभाराम प्रजापति, भाजपा ओबीसी मोर्चे के उत्तराखण्ड प्रदेश अध्यक्ष राकेश गिरि, रुड़की प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष शिवकुमार चौहान, रुड़की बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट बृजेश त्यागी, समाजसेविका मनीषा बत्रा, पूर्व चेयरमैन एवं व्यापारी नेता प्रमोद जौहर, भाजपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष नरेश शर्मा, व्यापारी नेता बलराज शर्मा ने सुशील गर्ग के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। सभी ने शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है और कहा है कि इस दुख की घड़ी में वह सब सुशील गर्ग की पत्नी और बच्ची के साथ खड़े हैं । उनकी हर संभव मदद की जाएगी।


*भगवान् का साथ......* एक बुजुर्ग दरिया के किनारे पर जा रहे थे। एक जगह देखा कि दरिया की सतह से एक कछुआ निकला और पानी के किनारे पर आ गया। उसी किनारे से एक बड़े ही जहरीले बिच्छु ने दरिया के अन्दर छलांग लगाई और कछुए की पीठ पर सवार हो गया। कछुए ने तैरना शुरू कर दिया। वह बुजुर्ग बड़े हैरान हुए। उन्होंने उस कछुए का पीछा करने की ठान ली। इसलिए दरिया में तैर कर उस कछुए का पीछा किया। वह कछुआ दरिया के दूसरे किनारे पर जाकर रूक गया। और बिच्छू उसकी पीठ से छलांग लगाकर दूसरे किनारे पर चढ़ गया और आगे चलना शुरू कर दिया। वह बुजुर्ग भी उसके पीछे चलते रहे। आगे जाकर देखा कि जिस तरफ बिच्छू जा रहा था उसके रास्ते में एक भगवान् का भक्त ध्यान साधना में आँखे बन्द कर भगवान् की भक्ति कर रहा था। उस बुजुर्ग ने सोचा कि अगर यह बिच्छू उस भक्त को काटना चाहेगा तो मैं करीब पहुँचने से पहले ही उसे अपनी लाठी से मार डालूँगा। लेकिन वह कुछ कदम आगे बढे ही थे कि उन्होंने देखा दूसरी तरफ से एक काला जहरीला साँप तेजी से उस भक्त को डसने के लिए आगे बढ़ रहा था। इतने में बिच्छू भी वहाँ पहुँच गया। उस बिच्छू ने उसी समय सांप डंक के ऊपर डंक मार दिया, जिसकी वजह से बिच्छू का जहर सांप के जिस्म में दाखिल हो गया और वह सांप वहीं अचेत हो कर गिर पड़ा था। इसके बाद वह बिच्छू अपने रास्ते पर वापस चला गया। थोड़ी देर बाद जब वह भक्त उठा, तब उस बुजुर्ग ने उसे बताया कि भगवान् ने उसकी रक्षा के लिए कैसे उस कछुवे को दरिया के किनारे लाया, फिर कैसे उस बिच्छु को कछुए की पीठ पर बैठा कर साँप से तेरी रक्षा के लिए भेजा। वह भक्त उस अचेत पड़े सांप को देखकर हैरान रह गया। उसकी आँखों से आँसू निकल आए, और वह आँखें बन्द कर प्रभु को याद कर उनका धन्यवाद करने लगा, तभी ""प्रभु"" ने अपने उस भक्त से कहा, जब वो बुजुर्ग जो तुम्हे जानता तक नही, वो तुम्हारी जान बचाने के लिए लाठी उठा सकता है। और फिर तू तो मेरी भक्ति में लगा हुआ था तो फिर तुझे बचाने के लिये मेरी लाठी तो हमेशा से ही तैयार रहती है...! 🌹🙏🏻🚩जय श्री कृष्ण*!!🙏🏻🔱🌹


ट्रेवल व्यवसायियो ने पर्यटन मंत्री से लगाई गुहार हरिद्वार 28 सितम्बर (गगन नामदेव संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) सरकार की अनलॉक -४ पॉलिसी के तहत , हिमाचल प्रदेश , उत्तर प्रदेश, गोवा ऐवं बाकी सभी पर्यटक राज्यों की गतिविधियों को बिना किसी पाबंदी जैसे कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट , बॉर्डर एंट्री , बिना किसी पूर्व पंजीकरण आदि के वापिस शुरू कर दिया गया है। केवल उत्तराखंड राज्य में अभी तक सभी पाबंदियां लगी हुई हैं । सरकार से अनुरोध है कि चार धाम यात्रा पर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड द्वारा लगाई गई पाबंदियों को शीघ्र हटाए , विशेष रूप से ये कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट की मांग को। २) किसी भी वाहन को सरेंडर करने का समय सरकार ने एक साल में ६ माह का दिया है, परन्तु कोरोना ऐवं उसके दुष्प्रभाव के चलते सभी व्यापारियों का कर जैसे की रॉड टैक्स देना दूभर हो गया है। कोरोना से पूरी तरह मुक्त हो पाने का समय अभी अनिश्चित है तो सरकार को ऐसे समय में वाहन को सरेंडर करने का समय तब तक बढ़ा देना चाहिए जब तक व्यापार की स्तिथि सामान्य ना हो जाए । सरकार ने सभी हवाई सेवा ऐवं रेल सेवा आदि को पूर्ण क्षमता में चलने की अनुमति दे दी है, सिवाए बस सेवा ऐवं अन्य वाहन के जो कि अभी भी ५०% क्षमता में चल रहे हैं । सरकार को क्षमता पर जोर ना डालते हुए मस्क ऐवं सनिटाइजेशन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए और बसों ऐवं अन्य वाहनों को भी पूर्ण क्षमता में चलने की अनुमति दे देनी चाहिए । ४) सभी पर्यटकों को उत्तराखंड राज्य में आने से पहले खुद का पंजीकरण देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल में कराना पड़ता है । इस पोर्टल में राज्य में आने वाले सभी वाहनों की पूरी जानकारी मांगी जाती है, परन्तु जो पर्यटक बस से सफर कर रहे हैं , उन पर्यटकों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि अभी इस पोर्टल पर बस की जानकारी देना का विकल्प उपलब्ध नहीं है । सरकार से अनुरोध है कि कृपा करके देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर वाहनों की सूची में "बस" का विकल्प भी जोड़ा जाए जिससे बस से सफर करते पर्यटकों को आसानी हो । कोरोना काल में व्यापार चौपट होने की वजह से व्यापारियों को बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और सरकार को वाहन रॉड टैक्स दे पाना भी असंभव हो गया है । सरकार से निवेदन करते हुए आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट काँग्रेस उत्तराखंड के अध्यक्ष सरदार डी एस मान ने कहा कि रॉड टैक्स को अगले एक साल के लिए माफ किया जाए या जुलाई २०२१ में जब सभी व्यापार सामान्य हो जाए तब एक साथ सभी अवैतनिक माह का रॉड टैक्स बिना किसी दंड के वसूल कर लिया जाए। उत्तराखंड जो कि एक पर्यटक स्थल है, ने कोरोना के चलते व्यापार में बहुत नुकसान झेला है। हमारे राज्य को पूर्ण विकास की राह पे लाने के लिए सरकार को सभी रेल सेवा ऐवं बसों का एक राज्य से दूसरे में आवागमन बिना किसी पाबंदी के शुरू कर देना चाहिए । हम सभी जानते है की कोरोना का अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है , केवल बचाव जैसे मस्क, सनिटाइजेशन ऐवं सही खान पान से ही इससे बचा जा सकता है । सरकार को इसके लिए सख्त कदम उठाते हुए सभी वाहनों में मास्किंग ऐवं सनिटाइजेशन को अनिवार्य कर , जो भी इन आदेशों का पालन ना करता मिले उसका चालान कर देना चाहिए । धन्यवाद। अध्यक्ष आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट काँग्रेस उत्तराखंड सरदार डी एस मान, १) राकेश गोयल , त्रिमूर्ति ट्रैवल्स हरिद्वार। २) हरमोहन सिंह , कोणार्क ट्रैवल्स हरिद्वार। ३) हरिद्वार ट्रैवल एसोसिएशन, हरिद्वार । ४) हरिद्वार टैक्सी मैक्सी एसोसिएशन, हरिद्वार । ५) हरिद्वार व्यापार मंडल, हरिद्वार ।


योगी जी आप का जवाब नहीं, हमे आप पर गर्व है (डा0 एस के कुलश्रेष्ठ) ..🚩 ये बात अक्टूबर 2005 की है, एक UP का माफिया है जिसका नाम #मुख़्तार_अंसारी है... वो खुली जीप में हथियार लहराते... मऊ में साम्प्रदायिक दंगा करवा रहा था... और 3 दिन बीत चुका था दंगे को... उस वक़्त UP के CM #मुलायम_सिंह_यादव जी थे... और वो कई दफ़ा ये भी बोल चुके थे कि "मुझसे बड़ा गुंडा इस UP में नही है..." 👈ये बात वो सिंर्फ़ योगी जी के लिये बोलते थे। जब दंगे को का तीसरा दिन था तो प्रशासन और UP के CM इस दंगे पे कुछ भी न कर रहे थे... मूक दर्शक बने बैठे थे... तब मऊ से 64 KM दूरी पे गोरखपुर में बैठे योगी जी को ये दंगा बर्दास्त न हुआ और वो BJP के सारे बड़े नेता... अटल जी, आडवाणी जी, मुरली जी और राजनाथ जी को सीधा चुनोती दे दिये, अगर BJP के सारे कार्यकर्ता मेरे साथ मऊ नहीं गये तो परिणाम बहुत बुरा होगा।। दंगा तो मैं अपने बल पे भी रोक लूँगा...पर ऐसे हत्यायों को अगर BjP पार्टी बस देख के चुप रहेगी तो मुझसे बर्दास्त न होगा और मैं BJP छोड़ दूँगा... BJP के सारे नेताओ को योगी जी के इस बात से पसीना आ गया... पर BJP के सारे नेता हिम्मत ही नही जुटा पा रहे थे इस दंगे को जा के रोकने का,🙄 वजह सिंर्फ़ एक था... CM मुलायम क्योंकि इस BJP के सारे नेताओ को पता था, की जब अयोध्या में कार्यसेवकों पे ये मुलायम गोली चलवा सकता है... जो कार्यसेवक पूरे देश से आये थे तब ये गोली चलवा दिया... तब ये तो एक छोटे से शहर में दंगा को रोकने जाना है, जहाँ दंगा करवाने वाला भी एक कुख्यात अपराधी है... इन दोनों से बच पाना तो मुश्किल है... और इस घटना में बहुत से BjP के कार्यकर्ता मारे जायेगे,😒 तब ये सारे विरिष्ठ नेता धीमे से कन्नी काट लिये योगी जी से... क्योंकि उनको लगा ये योगी बिना BJP के कार्यकर्ताओं के वहाँ जा ही नही सकता है... क्योंकि मुख्तार अंसारी पिछले 2 साल से योगी जी को मरवाना चाहता था, और असफल भी कई दफा हुआ है... योगी जी अकेले तो वहाँ नहीं जायेंगे, पर योगी जी भी कम जिद्दी नही थे... वो अपने आश्रम से सिंर्फ़ 3 गाड़ी ले के चल दिये मऊ... फिर क्या जैसे ही गोरखपुर के लोगो को और गोरखपुर से मऊ के बीच के लोगो को पता चला योगी जी मऊ जा रहे दंगा रुकवाने... सारे लोग योगी जी के साथ हो लिये क्योंकि सबको पता था, अगर योगी जी अकेले गये तो ये मुख्तार जान से मरवा देगा... मऊ पहुँचते पहुँचते 140 से 160 गाड़ियों का काफिला हो गया, और मऊ में घुसते ही जब सारी गाड़ी आगे निकल रही थी, तभी उनके अंतिम 8 गाड़ियों पे पेट्रोल बम फेंका गया जो सिंर्फ़ 2 गाड़ियों पे पड़ा... जब सारे लोग गाड़ी से उतरने लगे तो ये पेट्रोल बम फेंकने वालों को मौत का ख़ौफ़ लगने लगा और वो सभी भागने लगे... और मुलायम साफ शब्दों में बोल दिये थे अगर योगी मऊ पहुँचा तो अरेस्ट कर लिया जाये... तभी प्रशासन भागे भागे योगी जी के काफ़िले की तरफ पहुँचा, प्रशासन के भी हाथ पांव फूलने लगा इतना काफ़िला देख के... इस प्रशासन की हिम्मत ही न हुआ कि अरेस्ट कर सके... फ़िर उसी दिन मऊ का दंगा खत्म भी हुआ.... वजह जानते हो क्यों?🤔 क्योंकि यही प्रशासन जब CM मुलायम को ये बताया कि अगर हम योगी जी को अरेस्ट करेगे तो, ये काफ़िले के लोग हम लोगो को जान से मार देंगे, और मुख्तार को भी नही छोड़ेंगे, फिर दंगा खत्म होने के बाद ये योगी जी BJP छोड़ दिये पर Bjp इनका स्तीफा नही ले रही थी... बड़ा मनाया जा रहा था, की योगी जी आप BJP न छोड़े, राजनाथ सिंह जी लगातार फोन करते कि मैं आ रहा गोरखपुर बात करता हूं आप से तब ये राजनाथ जी को सीधे बोल दिये गोरखपुर में कदम भी मत रखना, तब अटल जी बड़े विचलित थे कि पूर्वांचल का एक ही तो नेता था अगर वो BJP छोड़ देगा तो कैसे चलेगा, तब आडवाणी जी गोरखपुर पहुँचे, .... के अध्यक्ष भी शायद पहुँचे बहुत मनाया गया, 2 दिन बाद माने योगी जी, अब सोच लो दंगाईयों ये योगी जब कोई मंत्री, CM न रह के दंगाइयों और माफियों को भगा सकता है... और BJP को लात मार सकता है, तो जरा सोचो अब तो ये प्रदेश का CM बन के बैठा है... ये क्या से क्या न करवा दे।🙄😋😂 एक बात जान लो ये योगी जी हैं... 900 से अधिक लोगो में से कुछ को जेल कुछ को ऊपर तेल लेने भेज चुके है...कुछ तो दूसरे प्रदेश में भाग गये है... अब सोच लो तुम सब क्या करना है,,,????????


🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 🛣️🍃☘️🌲🌱🌳🛣️ 😷😷😷😷😷😷😷 🛑 *महान क्रान्तिकारी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह के जन्मदिवस पर विशेष* *ऋषिकेश, 28 सितम्बर।*(दीपक पंत संवाददाता गोविंद कृपा ऋषिकेश) परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने आज भारत के महान क्रान्तिकारी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह के जन्मदिवस पर उन्हें याद करते हुये कहा कि क्रान्तिकारी भगत सिंह के साहस और देशभक्ति को नमन। उन्होने अद्भुत साहस के साथ स्वतंत्रता संग्राम में जो योगदान दिया उसे युगों-युगों तक याद किया जायेगा। उनके विचार भी उनके साहस की तरह अद्भुत थे। उन्होंने कहा था कि ‘‘ क्रांति की तलवार तो सिर्फ विचारों की शान पर ही तेज होती है’’। यह संदेश है वीर भगतसिंह का आज के युवाओं को कि विचारों में बड़ी शक्ति है इसलिये जीवन में आगे बढ़ने के लिये विचारों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। जीवन में आगे बढ़ना है तो टंग (जीभ) मेनेजमेंट, थाट्स (विचार) मेनेजमेंट और टाईम मेनेजमेंट करना नितांत आवश्यक है। पूज्य स्वामी जी ने आज वीर भगतसिंह के जन्मदिवस के अवसर पर संदेश देे हुये कहा कि भगत सिंह जी आज के युवाओं के लिये प्रेरणास्रोत हैं। कैसे एक युवा लड़के ने जिसके आगे उसका पूरा जीवन पड़ा है, उसकी पूरी जवानी के वसंत में अभी फूल खिलने बाकी हैं, प्रत्येक युवा की अनेक आशायें और अभिलाषायें होती हैं उन सबका त्याग कर दिया अपनी मातृभूति की आजादी के लिये, कैसा अद्भुत देश प्रेम। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि क्या देशभक्ति थी भगतसिंह की। उन्होंने कहा था कि ’’मेरी कलम मेरी भावनाओं से इस कदर रूबरू, है कि मैं जब भी इश्क लिखना चाहूँ तो हमेशा इन्कलाब लिखा जाता है।’’ ये था अपनी मातृभूमि के लिये उनका प्रेम और भारत माता के लिये त्याग। पूज्य स्वामी जी ने कहा हमारे वीरों ने अपनी मातृभूमि को परतंत्रता की जंजीरों से आजाद कराने के लिये जो पराक्रम और साहस दिखाया है उसे केवल वास्तव में इतिहास के पन्नों में समाहित नहीं बल्कि हर दिल में समाहित किया जाना चाहिये। हमारे गौरवशाली इतिहास में ऐसे अनेक अध्याय हैं जो हमें केवल जानकारी ही नहीं बल्कि ऊर्जा प्रदान करते हैं, जीवन प्रदान करते हैं । पूज्य स्वामी जी ने युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि अपने इतिहास, भारतीय संस्कृति और हमारी गौरवशाली संस्कृति से जुड़ें। आप जहां पर भी रहें परन्तु अपनी जड़ों से जुड़े रहें, भारतीय मूल्यों को अपनायें। भारत की गौरवशाली संस्कृति को जानें और उसे आत्मसात करने का प्रयत्न करें। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि ’देश हमें देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखें।’ अब अपनी भारत माता को देने का समय है, धरती के विषय में सोचने का समय है और भावी पीढ़ियों के लिये अपने पर्यावरण सुरक्षित रखने का समय है। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि भगतसिंह जैसे अद्भुत व्यक्तित्व वाले महापुरूष धरती पर जन्म तो लेते हैं और इस धरती से भौतिक रूप से विदा होते हैं परन्तु विचारों में युगों-युगों तक जिन्दा रहते हैं। आईये आज भगतसिंह जी के जन्मदिवस पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि और उनकी देशभक्ति को नमन। हम सभी आज एक संकल्प लें कि भारत है तो हमारा अस्तित्व है इसलिये इसकी अखंडता और प्रभुता को अक्षुण्ण बनाये रखेंगे। 🌼🌹🌺🌻🌸🌼


सनातन संस्कृति के सच्चे संवाहक थे स्वामी शांतानन्द शास्त्री : हरिचेतनानन्द महाराज स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री के संयोजन में श्री जगदीश आश्रम में आयोजित हुआ चतुर्थ पुण्यतिथि समारोह हरिद्वार, 28 सितम्बर।(विरेन्द्र शर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) उत्तरी हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री जगदीश आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद शास्त्री महाराज की चतुर्थ पुण्यतिथि कोरोना महामारी के चलते अत्यन्त सूक्ष्म व गरिमामयी रूप से सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री के संयोजन में आयोजित की गयी। श्रद्धाजंलि समारोह को संबोधित करते हुए म.मं. स्वामी हरिचेतनान्द जी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी शांतानन्द शास्त्री जी महाराज सनातन संस्कृति के सच्चे संवाहक थे। उन्हांेने सदैव धर्म प्रचार व लोक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने षड्दर्शन साधु समाज व गरीब दासीय महापरिषद की स्थापना कर संत समाज की मजबूती के लिए अद्भुत व अकल्पनीय कार्य किया। श्री जगदीश आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद शास्त्री महाराज एक महान आत्मा थे। जिन्होंने अपने ज्ञान व तप के माध्यम से सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का परचम पूरे भारत में फहराकर सदैव समाज को एक नई दिशा प्रदान की। पूज्य गुरूदेव के पदचिन्हों पर चलकर संस्था सदैव लोक कल्याण व भारतीय संस्कृति की रक्षा को समर्पित रहेगी। स्वामी रविदेव शास्त्री व स्वामी केशवानन्द जी महाराज ने कहा कि महापुरूषों की जीवनशैली व उपदेश सदैव प्रेरणादायी होते हैं। ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद शास्त्री महाराज ने सदैव अपने जीवनकाल में गरीब असहाय लोगों की मदद कर राष्ट्र कल्याण में अपना अहम योगदन प्रदान किया। भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि संतो के दर्शन मात्र से पापों से निवृति व पुण्य की प्राप्ति होती है। संतों का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित रहता है। उन्होंने कहा कि योग्य गुरू को ही सुयोग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री महाराज ने अपने गुरू के बताए मार्ग का अनुसरण कर संत समाज की सेवा करते हुए उनके अधूरे कार्यों को पूर्ण कर रहे हैं। इससे युवा संतों को प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर उपस्थित संतगण व भक्तों ने ब्रह्मलीन स्वामी शांतानन्द शास्त्री को भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।


भगत सिंह सदैव रहेंगे देशवासियों के प्रेरणा के अक्षुण्ण स्त्रोत : डाॅ. बत्रा जयन्ती पर किया शहीद भगत सिंह के चरणों में किया कोटि-कोटि नमन हरिद्वार 28 सितम्बर (आकांक्षा वर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) शहीद भगत की जयन्ती पर आज महाविद्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अपने परिवर्तनकारी विचारों व अद्वितीय त्याग से स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा देने वाले, देश के युवाओं में स्वाधीनता के संकल्प को जागृत करने वाले शहीद भगत सिंह के चरणों में कोटि-कोटि नमन किया। इस अवसर पर काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि देश आज शहीदों के सिरमौर सरदार भगत सिंह की जयन्ती मना रहा है, माँ भारती के सपूत अमर शहीद भगत सिंह जयन्ती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन, वीरता और पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी। साथ ही भगत सिंह सदैव हम सभी देशवासियों के प्रेरणा के अक्षुण्ण स्त्रोत रहेंगे। डाॅ. बत्रा ने कहा कि आजादी मिलने के 16 साल पूर्व ही जिन्होंने जवानी में अपने प्राण देश के लिए न्यौछावर कर दिये ताकि आगे की पीढ़ियां स्वतंत्रता की खुली हवा में सांस ले सके और एक नये भारत का निर्माण कर सके। डाॅ. बत्रा ने उपस्थित सभी में जोश भरते हुए कहा कि शहीद भगत सिंह के विचार आज भी किसी नौजवान में क्रान्ति भड़का देने की तपिश रखते हैं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए चले आन्दोलनों में शहीद भगत सिंह की अहम भूमिका रहती थी। डाॅ. बत्रा ने शहीद भगत सिंह के नारे ‘लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज आयेगा-मेरे लहू का एक-एक कतरा कल देश में इंकलाब लायेगा’ के साथ शहीद भगत सिंह को नमन किया। डाॅ. बत्रा ने बतााय कि भगत सिंह ने एक अवसर पर कहा था कि जीवन अपने बूते जिया जाता है, दूसरों के बूते तो जनाजा निकलता है। मुख्य अधिष्ठाता डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने शहीद भगत सिंह की जयन्ती की पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि जब जलियावाला बाग कांड हुआ था तो भगत सिंह केवल 12 वर्ष के थे, इस घटना से उनके मन पर गहरा प्रभाव पड़ा और 14 वर्ष की आयु में वे स्कूल की किताबों और कपड़ों को त्यागकर देश की आग बुझाने के लिए निकल पड़े। 1920 में वे प्रथम बार महात्मा गांधी के अहिंसा आन्दोलन में शामिल हुए। डाॅ. माहेश्वरी ने कहा कि भगत सिंह मार्कस के विचारों से काफी प्रभावित थे। उनका इंकलाब जिन्दाबाद का नारा आज भी प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि उनकी लोकप्रियता का आंकलन इस तथ्य से होता है कि अंग्रेज सरकार ने तय दिन से एक दिन पूर्व ही उनको फांसी दे दी ताकि जन आक्रोश से अंग्रेज सरकार को परेशानी न हो। राजनीति विज्ञान के असि. प्रोफेसर विनय थपलियाल ने कहा कि सरदार भगत सिंह को केवल एक क्रान्तिकारी के रूप में नहीं अपितु गहन अध्ययनशील दार्शनिक के रूप में देखा जाना चाहिए और उनके क्रान्ति के विचारों को नयी पीढ़ी को आत्मसात करना चाहिए। इस अवसर पर डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, मोहन चन्द्र पाण्डेय, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, विनीत सक्सेना, नेहा गुप्ता, वैभव बत्रा, डाॅ. प्रज्ञा जोशी, नेहा सिद्दकी आदि उपस्थित शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को शहीद भगत सिंह को नमन किया।


कठोर परिश्रम का नहीं है कोई विकल्प: नितिन पाण्डेय शिक्षा एवं उद्योग में सामंजस्य स्थापित होना आवश्यक: डाॅ. बत्रा महाविद्यालय में किया गया आॅनलाइन कैरियर विकास कार्यक्रम का आयोजन हरिद्वार 28 सितम्बर। (आकांक्षा वर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) शिक्षक, विधार्थी व काॅरपाॅरेट जगत के मध्य सामंजस्य विकसित करने के उद्देश्य से इन्नोरेनोवेट सोल्युसनस प्राइवेट लिमिटेड के ‘सहयोग’ कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए आयोजित आॅनलाइन कैरियर विकास कार्यक्रम में कंपनी के संस्थापक व सीईओ नितिन पाण्डेय ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते जीवन में केवल एक कैरियर का विकल्प चुनने के बजाए अनेक कैरियर चुनने पर बल दिया व स्पष्ट किया कि कठोर परिश्रम का कोई विकल्प नहीं। उन्होंने समय व धन जैसे संसाधनों के उचित प्रबंधन पर बल देते हुए विद्यार्थियों को अपना उचित कैरियर बोर्ड बनाने की सलाह दी। उनके अनुसार, नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थियों द्वारा अपने माइंड सेट को बदलना आज की आवश्यकता है। उन्होंने रोजगार प्राप्त करने के साथ जुड़े भ्रमों को भी दूर करने का प्रयास करते हुए मानविकी, कला व सामाजिक विज्ञानों के विद्यार्थियों के लिए कैरियर विकल्पों के अनेक आयामों को स्पष्ट किया। काॅलेज के प्राचार्य एवं कार्यक्रम संरक्षक डाॅ सुनील कुमार बत्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि रोजगार सृजन इस कोविड-19 महामारी में अवसर एवं चुनौतियां लेकर आया है। शिक्षा एवं उद्योग जगत के बीच में रिक्तता के कारण रोजगार के अवसरों को भुनाने में विद्यार्थी असफल रहते हैं। डाॅ. बत्रा ने जोर देते हुए कहा कि वर्तमान में आवश्यकता इस बात की है कि इस रिक्तता को दूर कर शिक्षा एवं उद्योग में सामंजस्य स्थापित किया जाये। उन्होंने इस कार्यक्रम हेतु अर्थशास्त्र विभाग की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाने हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम के संचालक व अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डाॅ0 नरेश कुमार गर्ग ने अतिथियों, शिक्षकों व विद्यार्थियों का आॅनलाइन कार्यक्रम में स्वागत करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि शिक्षा प्राप्त कर वह या तो स्वःनियोजित हो अथवा नौकरी करे। अर्थशास्त्र विषय को पढ़ने वाले विद्यार्थी अक्सर प्रश्न करते हैं कि अर्थशास्त्र पढ़ कर क्या करेंगे? इसका उत्तर खोजना आसान नहीं है क्योंकि प्रायः हमें अपनी योग्यता की पहचान नहीं होती या हमें उन अवसरों के विषय में ज्ञात नहीं होता जो हमें उपलब्ध हो सकते हैं। हमारे उड़ान के सपने का स्तर ज्ञात हो व हमें उनके लिए रोजगार के अवसरों की पहचान हो तो हम उनके लिए आवश्यक योग्यता प्राप्त करने का प्रयास कर सकते हैं व योग्यता प्राप्त कर उन अवसरों को पकड़ सकते हैं। यहां हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि व्यक्ति दृष्टिकोण से एक के लिए रोजगार के निम्न / मध्यम / उच्च स्तरों का कम या अधिक महत्व हो सकता है परंतु समष्टि दृष्टिकोण से अर्थव्यवस्था के संचालन व समाज में स्थिरता के लिए प्रत्येक स्तर के रोजगार का महत्व है क्योंकि वे सब रोजगार परस्पर एक दूसरे पर निर्भर करते हैं। आॅनलाइन कार्यक्रम में गढ़वाल विश्वविद्यालय के डाॅ. प्रशांत कंडारी, महाविद्यालय के डाॅ. तेजवीर सिंह तोमर, डाॅ. अमिता श्रीवास्तव, डाॅ. प्रज्ञा जोशी, डाॅ. विनिता चौहान, डाॅ. पूर्णिमा सुन्द्रियाल, नेहा गुप्ता , नेहा सिद्दीकी,कु. अंतिम त्यागी, कु. महिमा राणा आदि अनेक प्राध्यापक/प्राध्यापिकाएं, राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य हितेश जोशी सहित एम.ए. व बी.ए. अर्थशास्त्र के अनेक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।


*आज 28 सितंबर को भारत के वीर पुत्र हुतात्मा भगत सिंह का जन्मदिवस है।इस अवसर पर हम उनका श्रद्धापुर्ण स्मरण करते है।* *आर्यों द्वारा स्थापित डीएवी कॉलेज, लाहौर का भव्य भवन जहा पर भाई परमानंद जी ने भगत सिंह नाम की चिंगारी को मशाल मे बदल दिया था...* *भगत सिंह के दादा श्री अर्जुन सिंह जी का यज्ञौपवीत संस्कार स्वयं "महर्षि दयानंद सरस्वती" ने ही करवाया था ओर ओर दादा ने अपने दोनो पोतों का....."स्मरण" रहे सिख समाज मे यज्ञोपवित संस्कार नही होता हैं...* ===================================== सरदार अर्जुन सिंह जी एक कट्टर आर्य समाजी थे। वे महर्षि दयानंद जी के आरम्भिक शिष्यों में से एक थे जिनका यज्ञोपवित संस्कार खुद महर्षि दयानंद जी ने करवाया था । लोगो ने तो मंदिर से आर्य समाज तक का सफ़र तय किया था *लेकिन सरदार अर्जुन सिंह जी ने गुरुद्वारे से आर्य समाज तक कासफर तय किया था।* उनको वैदिक साहित्य का इतना अध्ययन था की मूर्ति पूजा श्राद्ध आदि विषयों पर आर्य समाज की तरफ से शास्त्रार्थ लड़ते थे । प्रतिदिन यज्ञ करना उनकी आदत थी । जब वे सफ़र में जाते थे तब भी अपनी हवन सामग्री यज्ञ कुंड इत्यादि साथ लेकर चलते थे । जब उन्होंने अपने दोनों पोतो जगत सिंह और भगत सिंह का यज्ञोपवीत करवाया था तब उन्होंने अपने दोनों पोतो को दायं और बायं बाजू के निचे लेकर ये प्रतिज्ञा ली थी की *मै अपने दोनों पोतो को देशकी बली वेदी पर दान करता हूँ।* भगत सिंह जी के पिता जी का नाम सरदार किशन सिंह था और माँ का नाम विद्यावती था । दोनों परिवार सिख थे लेकिन उनका विवाह आर्य समाज के तरीके से हुआ था अर्थात फेरे गुरु ग्रन्थ साहिब के स्थान पर यज्ञके फेरे लिए थे । *उस समय लोगो ने कहा की देखो कैसा दामाद आया है जो खुद मन्त्र पढ़ रहा है ।* भगत सिंह जी के चाचा अजित सिंह जी भी दृढ़ आर्य समाजी थे । आर्य समाज के लिए उन्होंने बहुत ट्रैक्ट लिखे जिनमे से ' विधवा की पुकार' मुख्य है । *भगत सिंह अपने दादा जी को जबभी पत्र लिखते थे तो ओ३म् और नमस्ते ही लिखते थे।* भगत सिंह आर्य समाजी लाला लाजपत राय जी द्वारा संचालित नेशनल कोलेज के छात्र थे । और प्रसिद्ध आर्य विद्वान जयचन्द्र विद्यालंकार , उदयवीर शास्त्री तथा भाई परमानन्द जी के शिष्य थे । भगतसिंह का जनेऊ संस्कार "पूजनीय प्रभो हमारे...." के रचनाकार पूज्य लोकनाथ वाचस्पति जी द्वारा हुआ था । *साभार पुस्तक : 'युगद्रष्टा भगत सिंह और उनके मृत्युंजय पुरखे'* लेखिका : सरदार भगतसिंह के छोटे भाई कुलतार सिंह जी की सुपुत्री वीरेन्द्र सिंधु https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=529586084481619&id=100022906952736 भगत सिंह लाहौर से सुदुर वामपंथ के गढ़ कलकत्ता दो‌ बार गए पर दोनों बार आर्यसमाज (19 विधान सारणी वाली आर्यसमाज कलकत्ता) में शरण ली, उनके आर्य समाज के प्रति प्रेम का इससे ज्यादा और क्या प्रमाण हो सकता है। संलग्न फोटो:- एक प्रसिद्ध अंग्रेजी दैनिक में भगत सिंह के आर्य समाज कलकत्ता में रहने का वर्णन और आर्य समाज कलकत्ता में भगत सिंह के ठहरने के घटनाक्रम को बताता बोर्ड (पवन आर्य सवांददाता गोविंद कृपा लक्सर) ।


युवाओ ने नशे के विरुद्ध लगाई दौड़। हरिद्वार 27 सितम्बर ( धर्मेंद्र चौहान संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार ग्रामीण) । गांव अम्बुवाला के रेसलिंग पहलवाल सुमित कुमार के नेतृत्व में नशा मुक्त क्षेत्र बनाने के लिये दो सौ मीटर दौड़ आयोजित की गई। इस अवसर पर युवाओं से मिलने पहुचे भाजपा नेता नरेश शर्मा ने कहा कि नशे के खिलाफ क्षेत्र में पहली बार दौड़ आयोजित की गई है। उन्होंने युवाओं को जागरूक करने के लिए लगातार इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर दिया। कहा कि क्षेत्र में युवा पीढ़ी को इस तरह के कार्येक्रम आयोजित करने चाहिये इससे अन्य लोगों व युवाओं को नशे के बारे में जागरूक किया जा सकता है। उहो ने कहा कि अगर क्षेत्र नशा मुक्त होगा तो युवा पढ़ लिख कर देश का भविष्य बन सकेंगे। इस दौरान उन्होंने दौड़ में शामिल मिल युवाओं का सम्मान करते हुए उनका फूलमालाओं से स्वागत किया। युवाओं में प्रथम स्थान आलोक कुमार, दूसरा राहुल कुमार, तीसरा दीपक, युवतियों में प्रथम शिवानी, दूसरा पिंकी, तीसरा परांची दौड़ में शामिल संजय पहलवान, सुभम, राकेश, सोहन, लक्की, सोनू, सुशील, किशन, रवि, मुनेश ने दौड़ आयोजित कर लोगो को जागरूक किया। इस अवशर पर पूर्व मंडल अध्यक्ष अश्वनी पाल, बबलू शर्मा, प्रधान मायाराम, बाबू राम सैनी, मनोज राठोर, विजय कुमार आदि उपस्थित रहे।


*ऑल इंडिया उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल का सदस्य अभियान का शुभारंभ।* *समस्त मध्यम व्यापारियों का सर्वे कराकर दस लाख की कर्ज़ के रूप में सहायता राशि लोन प्रक्रिया के माध्यम से व्यापारियों को दें राज्य सरकार: संजय चोपड़ा* *हरिद्वार 27 सितंबर* (गगन नामदेव संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) ऑल इंडिया उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष संजय चोपड़ा द्वारा गोविंद भवन स्थित कार्यलय पर समाजिक दूरी के साथ व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर संगठन के सदस्य अभियान का शुभारंभ किया। सदस्य अभियान के उपरांत गोविंद भवन प्रांगण में व्यापारियों की बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ व्यापारी नेता आलोक मिश्रा ने की, संचालन व्यापारी नेता गंगा शरण चंदेलिया ने किया। बैठक में निर्णय लिया कि 4 सप्ताह तक ऑल इंडिया उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल का सदस्य अभियान जारी रहेगा साथ ही व्यापारियों की तीन सूत्रीय मांगों को लेकर ईमेल द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन प्रेषित किया, ज्ञापन में मांग की उत्तराखंड राज्य में गुजरात की तर्ज़ पर उत्तराखंड व्यापार आयोग का गठन किया जाए, ज्ञापन में यह भी मांग की कोविड-19 की वैश्विक महामारी के चलते व्यापारियों का व्यापार पूर्ण रूप से चोपट हो चुका है इसके दृष्टिगत उत्तराखंड के सभी समस्त मध्यम व्यापारियों को राज्य सरकार की और से दस लाख की सहायता राशि कर्ज़ के रूप में लोन प्रक्रिया के माध्यम से दी जाए व ज्ञापन में यह भी मांग की व्यापारियों की आर्थिक तंगी के दृष्टिगत बिजली, पानी के बिल, व बच्चो की स्कूल फीस एक वर्ष 2020 की माफ की जाएं। इस अवसर पर ऑल इंडिया उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा कोविड-19 की वैश्विक महामारी की वजह से उत्तराखंड चारधाम यात्रा का विधिवत रूप से संचालन ना होने के कारण समस्त व्यापारी वर्ग आर्थिक तंगी से गुज़र रहा है, इसके दृष्टिगत राज्य सरकार को चाहिए की समस्त मध्यम व्यापारियों का सर्वे कराकर दस लाख की कर्ज़ के रूप में सहायता राशि लोन प्रक्रिया के माध्यम से दी जाए ताकि व्यापारी वर्ग उत्तराखंड राज्य में आत्मनिर्भरता की और बढ़ सके। चोपड़ा ने यह भी कहा राज्य सरकार को गुजरात राज्य की तर्ज़ पर उत्तराखंड में व्यापार आयोग का गठन किया जाना चाहिए ताकि छोटा-बड़ा व्यापारी व्यापार आयोग के माध्यम से अपनी पीड़ा व अपनी समस्या का निदान कर सके। बैठक की अध्यक्षता कर रहे व्यापारी नेता आलोक मिश्रा ने कहा उत्तराखंड राज्य में पर्यटन उद्योग ही एक मात्र ज़रिया है जिसके माध्यम से व्यापारी अपनी आजीविका को संचालित करता चला आ रहा है आज कोविड-19 से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है तो मध्यम वर्ग का व्यापारी है जिसे मदद के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है और अपने व्यापार को पूर्ण रूप से संचालित करने में बहुत सी परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। इसी लिए राज्य सरकार को वर्ष 2020 के बिजली, पानी के बिलों के साथ सरकारी व प्राइवेट स्कूलों की एक वर्ष की फीस माफ किया जाना न्यायसंगत होगा। ऑल इंडिया व्यापार प्रतिनिधि मंडल की बैठक को संबोधित करते वरिष्ठ व्यापारी नेता विजय भंडारी, गिरीश भाटिया (बंटी), उमेश पालीवाल, मोहित गर्ग, राजेश खुराना, संजय बंसल, हरीश भाटिया, राजेश अरोड़ा, श्रवण गुप्ता (पप्पी), हितेश कोठियाल, संजय भारद्वाज, रवि अरोड़ा, कौशल मित्तल, अजय सडाना, नितिन त्यागी, विवेक त्यागी, संदीप गुप्ता, अरविंद अरोड़ा, आरएस रतूड़ी, कुंवर मण्डवल, रंजीत रावत आदि ने संबोधित किया।


परम श्रद्धेय अशोक सिंघल जी की जयंती पर शत शत नमन (डा0 एस के कुलश्रेष्ठ) अशोक सिघंल. हिन्दू जागरण के सूत्रधार, सकल विश्व के हिन्दू समाज के प्रेरणास्रोत, राम जन्म भुमि पर राम मंदिर आंदोलन के प्रणेता, हिन्दू ह्रदय सम्राट की उपाधि से पुरे विश्व में विख्यात, संन्यासी भी थे और योद्धा भी, महानतम आदर्श व्यक्तित्व. जन्म - 27 सितम्बर सन 1926 ई. आगरा, उत्तरप्रदेश. देहावसान - 17 नवम्बर सन 2015 ई. गुरुग्राम, हरियाणा. वर्तमान युग के रामकाज करने वाले हनुमान, अशोक सिघंल जी का जन्म 27 सितम्बर सन 1926 आश्विन कृष्ण पंचमी को आगरा में हुआ. अशोक सिंघल के पिता एक सरकारी दफ्तर में कार्यरत थे. घर के धार्मिक वातावरण के कारण उनके मन में बालपन से ही हिन्दू धर्म के प्रति प्रेम जाग्रत हो गया. उनके घर संन्यासी तथा धार्मिक विद्वान आते रहते थे. कक्षा नौ में उन्होंने महर्षि दयानन्द सरस्वती की जीवनी पढ़ी. उससे भारत के हर क्षेत्र में सन्तों की समृद्ध परम्परा एवं आध्यात्मिक शक्ति से उनका परिचय हुआ. सन 1942 में प्रयाग में पढ़ते समय प्रो. राजेन्द्र सिंह, रज्जू भैया ने उनका सम्पर्क राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कराया, उन्होंने अशोक सिंघल की माता जी को संघ के बारे में बताया और संघ की प्रार्थना सुनायी, इससे माता जी ने अशोक सिंघल को शाखा जाने की अनुमति दे दी. सन 1942 में संघ से जुडने के साथ-साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी. सन 1947 में देश विभाजन के समय कांग्रेसी नेता सत्ता प्राप्ति की खुशी मना रहे थे, पर देशभक्तों के मन इस पीड़ा से सुलग रहे थे कि ऐसे सत्तालोलुप नेताओं के हाथ में देश का भविष्य क्या होगा, अशोक सिंघल भी उन युवकों में थे. अतः उन्होंने अपना जीवन संघ कार्य हेतु समर्पित करने का निश्चय कर लिया. सन 1948 में संघ पर प्रतिबन्ध लगा, तो अशोक सिंघल सत्याग्रह कर जेल गये. वहाँ से आकर उन्होंने बी.ई. अंतिम वर्ष की परीक्षा दी. समाज को अपना जीवन समर्पित कर चुके सिंघल ने 1950 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मटलर्जी साइंस में इंजीनियरिंग पूरी की. इंजीनियर की नौकरी करने के बजाये उन्होंने समाज सेवा का मार्ग चुना और आगे चलकर संघ के पूर्णकालिक प्रचारक बन गये. उन्होंने उत्तर प्रदेश और आस-पास की जगहों पर संघ के लिये लंबे समय के लिये काम किया. बचपन से ही अशोक सिंघल की रुचि शास्त्रीय गायन में रही, संघ के अनेक गीतों की लय उन्होंने ही बनायी. अशोक सिंघल की सरसंघचालक श्री गुरुजी से बहुत घनिष्ठता रही. प्रचारक जीवन में लम्बे समय तक वे कानपुर रहे. यहाँ उनका सम्पर्क श्री रामचन्द्र तिवारी नामक विद्वान से हुआ, वेदों के प्रति उनका ज्ञान विलक्षण था. अशोक सिंघल अपने जीवन में इन दोनों महापुरुषों का प्रभाव स्पष्टतः स्वीकार करते रहे. सन 1975 से सन 1977 तक देश में आपातकाल और संघ पर प्रतिबन्ध रहा. इस दौरान अशोक सिंघल इंदिरा गांधी की तानाशाही के विरुद्ध हुए संघर्ष में लोगों को जुटाते रहे. आपातकाल के बाद वे दिल्ली के प्रान्त प्रचारक बनाये गये. सन 1981 में डा. कर्ण सिंह के नेतृत्व में दिल्ली में एक विराट हिन्दू सम्मेलन हुआ, पर उसके पीछे शक्ति अशोक सिंघल और संघ की थी. उसके बाद अशोक सिंघल को विश्व हिन्दू परिषद् के काम में लगा दिया गया. इसके बाद परिषद के काम में धर्म जागरण, सेवा, संस्कृत, परावर्तन, गोरक्षा, बजरंग दल, गंगा, एकल विद्यालय आदि अनेक नये आयाम जुड़े. एकात्मता रथ यात्रा, संस्कृति रक्षा निधि, राम जानकी रथयात्रा, रामशिला पूजन, रामज्योति आदि कार्यक्रमों से परिषद का नाम सर्वत्र फैल गया. इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण है श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आन्दोलन, जिससे परिषद का काम गाँव-गाँव तक पहुँच गया. इसने देश की सामाजिक और राजनीतिक दिशा बदल दी. भारतीय इतिहास में यह आन्दोलन एक मील का पत्थर है. आज विश्व हिंदू परिषद की जो वैश्विक ख्याति है, उसमें अशोक सिंघल का योगदान सर्वाधिक है. वे परिषद के सन 1982 से सन 1986 तक संयुक्त महामंत्री, सन 1995 तक महामंत्री, सन 2005 तक कार्याध्यक्ष, सन 2011 तक अध्यक्ष और फिर संरक्षक रहे. सन 1984 में दिल्ली के विज्ञान भवन में एक धर्म संसद का आयोजन किया गया, सिंघल इस के मुख्य संचालक थे, यहीं पर राम जन्म भूमि आंदोलन की रणनीति तय की गई. यहीं से सिंघल ने पूरा प्लान बनाना शुरू किया और कार सेवकों को अपने साथ जोड़ना शुरू किया. सन्तों को संगठित करना बहुत कठिन है, पर अशोक जी की विनम्रता से सभी पंथों के लाखों संत इस आंदोलन से जुड़े. इस दौरान कई बार उनके अयोध्या पहुंचने पर प्रतिबंध लगाये गये, पर वे हर बार प्रशासन को चकमा देकर वहां पहुंच जाते थे. सन 1992 में बाबरी नाम के ढांचे को तोड़ने वाले कार सेवकों का नेतृत्व सिंघल ने ही किया था. सिंघल ने देश भर से 50 हजार कारसेवक जुटाये. सभी कारसेवकों ने राम जन्म भूमि पर राम मंदिर स्थापना करने की कसम देश की प्रमुख नदियों के किनारे खायी. उन्होंने अयोध्या की सरयु नदी के किनाने राम लला की मूर्ति स्थापित करने का संकल्प लिया था. श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के दौरान उनकी हुंकार से रामभक्तों के हृदय हर्षित हो जाते थे. उनकी संगठन और नेतृत्व क्षमता का ही परिणाम था कि युवकों ने 6 दिसम्बर सन 1992 को राष्ट्रीय कलंक के प्रतीक बाबरी ढांचे को गिरा दिया. सिंघल जी ने एक इंटरव्यू में कहा था - "अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिये हमने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया, रही बात बाबरी नाम के ढांचे को तोड़ने की, तो हम उस ढांचे को तोड़ने के मकसद से नहीं गये थे. उस दिन जो कुछ भी हुआ वह मंदिर के पुर्ननिर्माण कार्य का एक हिस्सा था." विश्व हिंदू परिषद के कार्य विस्तार के लिए वे सभी प्रमुख देशों में गये. अगस्त-सितम्बर सन 2015 में भी वे इंग्लैंड, हालैंड और अमरीका के दौरे पर गये थे. फेफडो के संक्रमण से 17 नवम्बर सन 2015 को दोपहर में गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में उनका निधन हुआ. वे प्रतिदिन परिषद कार्यालय में लगने वाली शाखा में आते थे. अंतिम दिनों में भी उनकी स्मृति बहुत अच्छी थी. वे आशावादी दृष्टिकोण से सदा काम को आगे बढ़ाने की बात करते रहते थे.


*गुड़िया की कीमत... (डा0 एस के कुलश्रेष्ठ) एक 6 वर्ष का लडका अपनी 4 वर्ष की छोटी बहन के साथ बाजार से जा रहा था। अचानक से उसे लगा की,उसकी बहन पीछे रह गयी है। वह रुका, पीछे मुडकर देखा तो जाना कि, उसकी बहन एक खिलौने के दुकान के सामने खड़ी कोई चीज निहार रही है। लडका पीछे आता है और बहन से पूछता है, "कुछ चाहिये तुम्हें ?" लडकी एक गुड़िया की तरफ उंगली उठाकर दिखाती है। बच्चा उसका हाथ पकडता है, एक जिम्मेदार बडे भाई की तरह अपनी बहन को वह गुड़िया देता है। बहन बहुत खुश हो गयी है। दुकानदार यह सब देख रहा था, बच्चे का व्यवहार देखकर आश्चर्यचकित भी हुआ .... अब वह बच्चा बहन के साथ काउंटर पर आया और दुकानदार से पुछा, "सर, कितनी कीमत है इस गुड़िया की ?" दुकानदार एक शांत स्वभाव का व्यक्ति था, जिसने जीवन में कई उतार चढाव देखे हैं। उन्होनें बडे प्यार और अपनत्व से बच्चे से पूछा, "बताओ बेटे, आप क्या दे सकते हो?" बच्चा अपनी जेब से वो सारी सीपें बाहर निकालकर दुकानदार को देता है जो उसने थोडी देर पहले बहन के साथ समुंदर किनारे से चुन चुन कर लायी थी। दुकानदार वो सब लेकर यूं गिनता है जैसे पैसे गिन रहा हो। सीपें गिनकर वो बच्चे की तरफ देखने लगा तो बच्चा बोला,"सर कुछ कम है क्या?" दुकानदार :-" नही नही, ये तो इस गुड़िया की कीमत से ज्यादा है, ज्यादा मै वापिस देता हूं" यह कहकर उसने 4 सीपें रख ली और बाकी की बच्चे को वापिस दे दी। बच्चा बडी खुशी से वो सीपें जेब मे रखकर बहन को साथ लेकर चला गया। यह सब उस दुकान का नौकर देख रहा था, उसने आश्चर्य से मालिक से पूछा, " मालिक ! इतनी महंगी गुड़िया आपने केवल 4 सीपों के बदले मे दे दी ?" दुकानदार हंसते हुये बोला, "हमारे लिये ये केवल सीप है पर उस 6 साल के बच्चे के लिये अत्यंत मूल्यवान है। और अब इस उम्र मे वो नही जानता की पैसे क्या होते है ? पर जब वह बडा होगा ना... और जब उसे याद आयेगा कि उसने सीपों के बदले बहन को गुड़िया खरीदकर दी थी, तब उसे मेरी याद जरुर आयेगी, वह सोचेगा कि,,,,,, "यह विश्व अच्छे मनुष्यों से भरा हुआ है।" यही बात उसके अंदर सकारात्मक दृष्टिकोण बढ़ाने में मदद करेगी और वो भी अच्छा इंसान बनने के लिये प्रेरित होगा


*गुरु मिले तो बन्धन छूटे* ❤️ राधे राधे 🌼(डा0 एस के कुलश्रेष्ठ) एक पंडित जी प्रतिदिन रानी को कथा सुनाने महल मे जाया करते थे । कथा के अंत में प्रतिदिन कहते। की "राम सुमर ले तो बंधन छुटे ’। कयी दिन कथा सुनने के पश्चात एक दिन पिंजरे में बंद तोता बोला ‘यूं मत कहो रे पंडित झूठे’। उस समय तो पंडित जी मन मसोस कर रह गये और चुपचाप चले गये। परन्तु अब तो तोता प्रतिदिन पंडित को झूठे कह कर सम्बोधित करने लगा। पंडित जी को मन मे क्रोध आता कि ये सब क्या सोचेंगे, रानी क्या सोचेगी। परेशान हो कर पंडित जी अपने गुरु जी के पास गये , गुरु जी को सब हाल बताया। गुरु जी अगले दिन पंडित जी के साथ स्वयं कथा करने गये और एकान्त मे तोते के पास जा कर पूछा तुम पंडित को झूठा क्यों कहते हो? तोते ने कहा- ‘मैं पहले खुले आकाश में उड़ता था। एक बार मैं एक आश्रम में जा बैठा जहां सब साधू-संत राम-राम-राम बोल रहे थे, वहां बैठा तो मैंने भी राम-राम बोलना शुरू कर दिया। एक दिन मैं उसी आश्रम में राम-राम बोल रहा था, तभी एक संत ने मुझे पकड़ कर पिंजरे में बंद कर लिया, फिर मुझे दो - चार श्लोक सिखाये। आश्रम में एक सेठ ने संत को भारी दान दक्षिणा दी। संत ने आशिर्वाद स्वरूप सेठ को मुझे सौंप दिया। अब सेठ ने मुझे चांदी के पिंजरे में रखा, मेरा बंधन बढ़ता गया। अब मै स्वच्छ वायु और ताजा फलों के लिए भी तरसने लगा। निकलने की कोई संभावना न रही। एक दिन उस सेठ ने राजा से अपना काम निकलवाने के लिए उपहार स्वरूप मुझे राजा को दे दिया, राजा ने खुशी-खुशी मुझे ले लिया, क्योंकि मैं राम-राम और श्लोक बोलता था। रानी धार्मिक प्रवृत्ति की है तो राजा ने मुझे रानी को दे दिया। रानी ने सोने का पिंजरा बनवा दिया और खाने मे हमेशा मेवे और अन्य कीमती भोज्य पदार्थ ही मिलते हैं। मिर्च खाना पेड पर लटके फलों मे चोंच मार कर स्वाद लेना भूल ही गया हूं। अपनी मर्जी से चहकना भूल गया हूं। अब मैं कैसे कहूं कि "राम-राम कहे तो बंधन छूटे’। तोते ने गुरुजी से कहा आप ही कोई युक्ति बताएं, जिससे मेरा बंधन छूट जाए। गुरु जी बोले- आज तुम खा कर थोडी देर बाद चुपचाप पड जाओ, हिलना भी नहीं। हिलाया जाये तो भी मरणासन्न अवस्था मे पडे रहना। तोते ने ऐसा ही किया। रानी ने पिंजरा खोल कर खुब हिलाया-डूलाया। थोड़ी देर बाद रानी ने सेवकों से कहा ये तोता मर गया है इसे बाग मे गढ्ढा खोद कर दबा दो। जैसे ही तोते को लेकर सेवक बाग मे पहुँचे तोता फुर से उड गया। तोता पिंजरे से निकलकर आकाश में उड़ते हुए बोलने लगा . . . ‘ *गुरु मिले तो बंधन छूटे* ’ अतः शास्त्र कितना भी पढ़ लो, कितना भी जाप कर लो, लेकिन सच्चे गुरु जब तक रास्ते ना बताऐं तब तक मुक्ति पाना सम्भव नही।


(सेवानिवृति के बाद सुखी रहने का रहस्य ) एक बार यूनान के मशहूर दार्शनिक सुकरात भ्रमण करते हुए एक नगर में गये।वहां उनकी मुलाकात एक वृद्ध सज्जन से हुई। दोनों आपस में काफी घुल मिल गये। वृद्ध सज्जन आग्रहपूर्वक सुकरात को अपने निवास पर ले गये।भरा-पूरा परिवार था उनका, घर में बहु- बेटे, पौत्र-पौत्रियां सभी थे। सुकरात ने वृद्ध से पूछा- “आपके घर में तो सुख-समृद्धि का वास है। वैसे अब आप करते क्या हैं?" इस पर वृद्ध ने कहा- “अब मुझे कुछ नहीं करना पड़ता। ईश्वर की दया से हमारा अच्छा कारोबार है, जिसकी सारी जिम्मेदारियां अब बेटों को सौंप दी हैं।घर की व्यवस्था हमारी बहुयें संभालती हैं। इसी तरह जीवन चल रहा है।" यह सुनकर सुकरात बोले-"किन्तु इस वृद्धावस्था में भी आपको कुछ तो करना ही पड़ता होगा। आप बताइये कि बुढ़ापे में आपके इस सुखी जीवन का रहस्य क्या है?" वह वृद्ध सज्जन मुस्कुराये और बोले- “मैंने अपने जीवन के इस मोड़ पर एक ही नीति को अपनाया है कि दूसरों से अधिक अपेक्षायें मत पालो और जो मिले, उसमें संतुष्ट रहो। मैं और मेरी पत्नी अपने पारिवारिक उत्तरदायित्व अपने बेटे- बहुओं को सौंपकर निश्चिंत हैं। अब वे जो कहते हैं, वह मैं कर देता हूं और जो कुछ भी खिलाते हैं, खा लेता हूं।अपने पौत्र- पौत्रियों के साथ हंसता-खेलता हूं। मेरे बच्चे जब कुछ भूल करते हैं । तब भी मैं चुप रहता हूं । मैं उनके किसी कार्य में बाधक नहीं बनता। पर जब कभी वे मेरे पास सलाह-मशविरे के लिए आते हैं तो मैं अपने जीवन के सारे अनुभवों को उनके सामने रखते हुए उनके द्वारा की गई भूल से उत्पन्न् दुष्परिणामों की ओर सचेत कर देता हूं । अब वे मेरी सलाह पर कितना अमल करते या नहीं करते हैं, यह देखना और अपना मन व्यथित करना मेरा काम नहीं है। वे मेरे निर्देशों पर चलें ही, मेरा यह आग्रह नहीं होता। परामर्श देने के बाद भी यदि वे भूल करते हैं तो मैं चिंतित नहीं होता। उस पर भी यदि वे मेरे पास पुन: आते हैं तो मैं पुन: सही सलाह देकर उन्हें विदा करता हूं। बुजुर्ग सज्जन की यह बात सुन कर सुकरात बहुत प्रसन्न हुये। उन्होंने कहा- “इस आयु में जीवन कैसे जिया जाए, यह आपने सम्यक समझ लिया है। यह कहानी सबके लिए है।अगर आज आप बूढ़े नही हैं तो कल अवश्य होंगे । इसलिए आज बुज़ुर्गों की 'इज़्ज़त' और 'मदद' करें जिससे कल कोई आपकी भी 'मदद' और 'इज़्ज़त' करे । याद रखें जो ---- आज दिया जाता है वही कल प्राप्त होता है। अपनी वाणी में सुई भले ही रखो, पर उसमें धागा जरूर डालकर रखो, ताकि सुई केवल छेद ही न करे आपस में माला की तरह जोडकर भी रखे।


🌸🌸🌹🌹🌳🌳🌹🌹🌸🌸 ✍ *_संसर्ग से गुण दोष_* ✍ एक राजा घोड़े 🐎 पर चढ़ा वन में अकेले जा रहा था। जब वह डाकू -भीलों की झोंपड़ी के पास से निकला, तब एक भील़ के द्वार पर पिंजरे में बंद तोता🦜 पुकार उठा--- 'दौड़ो!... पकड़ो!.... मार डालो इसे!.... इसका घोड़ा छीन लो!.... इसके गहने छीन लो!'....... राजा ने समझ लिया कि वह डाकुओं की बस्ती में आ गया है। उसने घोड़े 🏇 को पूरे वेग से दौड़ा दिया। डाकुओं ने पीछा किया, परंतु राजा का उत्तम घोड़ा 🏇 कुछ ही क्षण में दूर निकल गया। हताश होकर उन्होंने पीछा करना छोड़ दिया। दौड़ते-भागते हुए आगे जाकर राजा को ऋषि- मुनियों का आश्रम ⛺ मिला। जब राजा एक कुटिया के सामने से निकला, तब पिंजरे में बैठा तोता 🦜 उन्हें देखते ही बोला -- 'आइए राजन्! ... आपका स्वागत है !....अरे ! .... अतिथि पधारे हैं!... अर्घ्य लाओ !... आसन लाओ!'.... तोते की बात को सुनकर मुनि तुरंत कुटिया से बाहर आ गए। उन्होंने राजा का स्वागत किया ऋषि- मुनियों का आतिथ्य- सत्कार स्वीकार कर राजा ने मुनियों से पूछा — ' महाराज!... एक ही जाति के पक्षियों🦜🦜 के स्वभाव में इतना अंतर क्यों?'.... मुनियों के कहने से पूर्व ही तोता🦜 बोल पड़ा — '"राजन!.. हम दोनों एक ही माता-पिता की संतान हैं ; किंतु उसे डाकू ले गए और मुझे ये मुनि ले आए। वह हिंसक भीलो की बातें सुनता है और मैं मुनियों के वचन सुनता हूँ। आपने स्वयं देख ही लिया कि किस प्रकार संँग के कारण प्राणियों में 'गुण या दोष' आ जाते हैं।'" *_कहानी से सीख* —— हमारे शास्त्रों में कहा गया है— " *संसर्गजा दोष- गुणा भवंति।"* 'जैसा संग वैसा रंग' बच्चा जैसे- जैसे बढ़ता है, वैसे ही उस पर माता-पिता ,आस-पड़ोस के वातावरण और बाल -मित्रों का उसके जीवन पर प्रभाव पड़ने लगता है। इसीलिए माता-पिता को यह ध्यान देना चाहिए कि वे बच्चों में अच्छे संस्कार डालें। बुरी संगति से बच्चों को दूर रखें।_🙏 'इन कहानियों को अपने बच्चों को भी सुनाएं और उन्हें संस्कारित वह सत्संगी बनाकर उनका व देश का भविष्य बनाएं । 🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉 ✍ मदन शास्त्री "धरैल" नालागढ़


*रुड़की नगर निगम सभागार में मेयर गौरव गोयल की अध्यक्षता में टाउन वेंडिंग कमेटी का आयोजन।* *नगर निगम प्रशासन को इच्छाशक्ति के साथ रेडी पटरी के लघु व्यापारियों को संरक्षित करने होगा: संजय चोपड़ा* *रुड़की* 26 सितम्बर (अनिल लोहानी संवाददाता गोविंद कृपा रूडकी) नगर निगम प्रशासन द्वारा प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर योजना, उत्तराखंड नगरीय फेरी नीति नियमावली को रुड़की नगर निगम क्षेत्र में लागू करने की उद्देश्यों की पूर्ति के लिए नगर निगम सभागार में रेडी पटरी के संगठनों को आमंत्रित कर टाउन वेंडिंग कमेटी का आयोजन किया गया। बैठकी की अध्यक्षता रुड़की नगर निगम मेयर गौरव गोयल ने की तथा संचालन नगर निगम आयुक्त नूपुर वर्मा ने किया, बैठक में लघु व्यापार एसो. के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने रुड़की के रेडी पटरी वालो का प्रतिनिधित्व करते हुए रुड़की समस्त नगर निगम क्षेत्र में वेंडिंग जोन, हॉकिंग जोन स्थापित किये जाने व प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत रेडी पटरी के लघु व्यापारियों को 10-10,000 की सहायता राशि देने का लक्ष्य निर्धारित किये जाने का प्रस्ताव रखा। इस अवसर पर रुड़की नगर निगम मेयर गौरव गोयल ने कहा भारत सरकार व राज्य सरकार की रेडी पटरी के (स्ट्रीट वेंडर्स) लघु व्यापारियों की जन कल्याणकारी योजनाओं का प्राथमिकता के आधार पर नगर निगम क्षेत्र में क्रियान्वयन किये जाने को लेकर तेज़ी से सभी संबंधित अधिकारियों को कार्य करने होंगे। उन्होंने कहा शीघ्र ही 4 सप्ताह के भीतर पूर्व से निर्धारित चिन्हित तीन वेंडिंग जोन जिन में लगभग ढाई सौ से तीन सौ रेडी पटरी के लघु व्यापारियों को व्यवस्थित कर स्थापित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत रेडी पटरी के लघु व्यापारियों को 10-10,000 की कर्ज़ राशि के रूप में सहायता प्रदान की जाएगी इन विषयों से संबंधित नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है कि रेडी पटरी के लघु व्यापारियों से आपसी संतुलन बनाकर प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ दिलाने के लिए संजीदा से कार्य करें। टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक में सदस्य के रूप में लघु व्यापार एसो. के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा रुड़की समस्त नगर निगम क्षेत्र में पाँच से छः हज़ार लघु व्यापारी है जो दिन- प्रतिदिन फ्रूट- सब्ज़ी रेडीमेड इत्यादि कारोबार के साथ अपने व्यापार को संचालित करते चले आ रहे है, कोविड-19 की वैश्विक महामारी में लॉकडाउन अवधि के दौरान सबसे ज़्यादा रेडी पटरी के लघु व्यापारी प्रभावित हुए है जिन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा रुड़की नगर निगम प्रशासन यदि इच्छाशक्ति के साथ इसी प्रकार से गरीबी स्वरोजगार को संरक्षित करता है तो आने वाले समय मे रेडी पटरी के लघु व्यापारी उत्तराखंड नगरीय फेरी नीति नियमावली के तहत योजनाबद्ध तरीके से अपने कारोबार संवैधानिक रूप से संचालित कर सकेंगे। टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक के उपरांत वेंडिंग जोन डिज़ाइन करने वाली तीन सॉफ्टवेयर संस्थाओं द्वारा तैयार किये गए दुकानों के नमूने का निरक्षण किया गया। टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक में सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट, परियोजना अधिकारी करण मल्होत्रा, टाउन वेंडिंग सदस्य विनोद कुमार, सूरज पवार, जमशेद खान, अफजल अहमद, एसएसआई बीएस चौहान आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।


उत्तरी हरिद्वार में जल संस्थान की लापरवाही से बढ़ी पानी की किल्लत पांच दिन से पानी नहीं आने से आक्रोशित इन्द्रा बस्ती की महिलाओं ने भाजपा नेता दीपांशु विद्यार्थी के नेतृत्व में सूखी नदी के पुल पर किया विरोध प्रदर्शन हरिद्वार, 26 सितम्बर।(विरेन्द्र शर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) बागरौ नदी (सूखी नदी) के पुल निर्माण के चलते हो रही पानी की लाईन स्थानान्तरण के कारण विगत एक सप्ताह से उत्तरी हरिद्वार खड़खड़ी भूपतवाला में पानी की भारी किल्लत हो रही है। मरम्मत के कार्य के बावजूद इन्द्रा बस्ती, कैलाश बस्ती, पावनधाम मार्ग पर पानी की आपूर्ति विगत 5 दिनों से ठप्प पड़ी है। पानी न आने से आक्रोशित इन्द्रा बस्ती, कैलाश गली की महिलाओं ने भाजपा नेता दीपांशु विद्यार्थी के नेतृत्व में सूखी नदी के पुल पर विरोध प्रदर्शन कर पानी की सुचारू आपूर्ति बहाल करने की मांग की। भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी, दीपांशु विद्यार्थी ने तत्काल शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को पेयजल की समस्या से अवगत कराया। शहरी विकास मंत्री के निर्देश पर जल संस्थान के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। भाजपा नेता अनिरूद्ध भाटी ने आक्रोशित महिलाओं को शांत कराते हुए जल संस्थान के अधिकारियों से वार्ता करते हुए अतिशीघ्र जल आपूर्ति बहाल करने की मांग की। पार्षद अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि जल संस्थान की हठधर्मिता के कारण उत्तरी हरिद्वार में पानी की किल्लत बढ़ गयी है। जहां सूखी नदी में पानी की पाईप लाईन स्थानान्तरण के कारण खड़खड़ी, इन्द्रा बस्ती, कोरा देवी कॉलोनी, पावनधाम मार्ग, दुर्गानगर, कैलाश गली एवं मुखिया गली में पानी की किल्लत हो रही है। वहीं विगत दिवस निष्काम सेवा ट्रस्ट के सामने लोक निर्माण विभाग की जेसीबी ने पानी की मेन राइजिंग लाईन को क्षतिग्रस्त कर दिया है। जिस कारण क्षेत्र में पानी की आपूर्ति बंद पड़ी है। उन्होंने मौके पर पहुंचे जल संस्थान के एई विपिन चौहान व अन्य कर्मचारियों को शीघ्र लाईन की मरम्मत कर जल आपूर्ति प्रारम्भ करने की मांग की। अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि जल संस्थान को अन्य कार्यदायी संस्थाओं से समन्वय बनाते हुए मरम्मत के कार्यों में तेजी लानी चाहिए जिससे लाईन क्षतिग्रस्त होने पर उसकी शीघ्र मरम्मत हो सके। युवा भाजपा नेता दीपांशु विद्यार्थी ने कहा कि जल संस्थान के अधिकारी व ठेकेदार निरन्तर झूठे आश्वासन दे रहे हैं। पांच दिन से इन्द्रा बस्ती के लोग हैण्डपम्प, टैंकर व गंगाजी का पानी पीने को मजबूर हैं। यदि आज सायंकाल तक जल आपूर्ति सुचारू नहीं की गयी तो वह क्षेत्र की सैकड़ों महिलाओं को लेकर आमरण अनशन करने को विवश होंगे। जल संस्थान के एई विपिन चौहान ने कहा कि जल संस्थान व ठेकेदार के कर्मचारियों को मरम्मत के कार्यों में लगाया है। सूखी नदी व निष्काम सेवा ट्रस्ट के सामने लाईन की मरम्मत कर सायंकाल तक पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी जायेगी। इस अवसर पर विरोध प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से महंत देवेन्द्र गिरि, शीला त्रिपाठी, सुमनलता शर्मा, गीता सरीन, हिमांशु सरीन, राकेश, मनोज, विजय आर्य, ललित सचदेवा, विवेक, सोनू पंडित, दिनेश शर्मा, रूपेश शर्मा, सावित्री, अनीता, सरोज, विदया, लता, कुसुम, उमेश तिवारी, नीरज शर्मा, ओम अरोड़ा समेत भारी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।


*भगवानपुर में टोल टैक्स को लेकर हंगामा, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं प्रदेश महामंत्री सुबोध राकेश ने टोल प्लाजा के अधिकारियों एवं रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से कहा कि स्थानीय लोगों से टैक्स नहीं वसूला जाएगा स्थानीय लोगों की समस्या का समाधान करके ही टोल टैक्स शुरू होग* *भगवानपुर*! 25 सितम्बर (कमल वर्मा नामदेव संवाददाता गोविंद कृपा भगवान पुर) विधानसभा भगवानपुर में टोल टैक्स लेने के विरोध में आज ग्रामीणों ने हंगामा किया। सूचना मिलते ही वरिष्ठ भाजपा नेता एवं प्रदेश महामंत्री सुबोध राकेश मौके पर पहुंच गए। उन्होंने टोल प्लाजा अधिकारियों से बात कर स्थानीय लोगों से टोल टैक्स ना लेने के निर्देश दिए हैं। और कहा कि स्थानीय लोगों से टैक्स नहीं वसूला जाएगा स्थानीय लोगों की समस्या का समाधान करके ही टोल टैक्स शुरू होगा और प्रदेश महामंत्री सुबोध राकेश ने स्थानीय लोगों को शांत करके वापस भेजा। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल से बातचीत की। इस मौके पर सुनील बंसल मंडल अध्यक्ष भगवानपुर, पूर्व मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र सैनी, यूनुस चेयरमैन, जॉनी प्रधान, कुकू पंडित, विकी बजरंगी, शुभम चौधरी, अनिल शर्मा, भूरा पंडित, सतेंदर प्रधान, चंदन सैनी, विक्रम पंडित, तनवीर आलम,अमन कुमार, चंदन कौशिक, विभोर धीमान, करमचंद, बलवंत, बाबूराम, दीपक कुमार, विपिन कुमार, आकाश, मैनपाल, रजत, सोनू, पंकज, सचिन कुमार, बबलू मास्टर उर्फ ब्रह्मपाल इत्यादि लोग उपस्थित रहे


सड़क दुर्घटना में तीन गायों की मौत क्षेत्रीय पार्षद ने नगर निगम व केआरएल की टीम को घटना स्थल पर बुलाकर तीन गायों के शव को राष्ट्रीय राजमार्ग से उठवाकर करवाया अंतिम संस्कार हरिद्वार, 25 सितम्बर। (विरेन्द्र शर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) विगत देर रात्रि मुखिया गली से सटे राष्ट्रीय राजमार्ग पुराना आरटीओ तिराहा के पास अज्ञात वाहन ने तीन गायों को टक्कर मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। कुछ देर तड़पने के पश्चात तीन गायों की मौत हो गयी। प्रातःकाल ही क्षेत्रवासियों ने घटना की जानकारी स्थानीय पार्षद अनिरूद्ध भाटी को दी। अनिरूद्ध भाटी ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थानीय निवासियों व सफाई कर्मियों के सहयोग से गायों के तीनों शवों को राष्ट्रीय राजमार्ग के बीचों बीच से किनारे करवाया तथा इस दुखद घटना की जानकारी नगर निगम के सफाई निरीक्षक विकास छाछर व केआरएल के क्षेत्रीय प्रभारी मनोज गिरि को दी। पार्षद अनिरूद्ध की सूचना पर सफाई निरीक्षक विकास छाछर, सफाई नायक सुभाष खेरवाल व केआरएल की टीम ने घटना स्थल पर पहुंचकर क्रेन व लोडर के माध्यम से तीनों गायों के शवों को सड़क से हटाकर अंतिम संस्कार के लिए भिजवाया। पार्षद अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि स्थानीय निवासियों ने उन्हें सूचना दी कि देर रात्रि दूधाधारी तिराहे पर एनएचएआई के निर्माणाधीन फ्लाई ओवर में लगे अज्ञात वाहनों की जोरदार टक्कर से उनकी आंख खुल गयी, जब उन्होंने घरों से बाहर निकलकर देखा तो निर्माण सामग्री लिये जा रहे ड्रम्पर व ट्रैक्टर ट्रॉली गायों को कुचलकर आगे जा रहे थे। अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि उन्होंने इस संदर्भ में स्थानीय पुलिस व नगर निगम प्रशासन को सूचित कर दिया है तथा क्षेत्र में भी स्थानीय निवासियों को अवगत कराया गया है कि तीन गायों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा पार्षदों ने कुछ दिन पूर्व ही नगर निगम में आवारा पशुओं की धर-पकड़ के लिए ज्ञापन दिया था यदि ज्ञापन का संज्ञान लेकर आवारा पशुओं की पकड़ हेतु अभियान चलाया जाता तो तीन गायों की जान बच सकती थी। मृत गायों को राष्ट्रीय राजमार्ग से हटाने व उनके अंतिम संस्कार के कार्य में नीरज शर्मा, अमित गुप्ता, दिनेश शर्मा, सोनू पंडित व नगर निगम की टीम ने सहयोग प्रदान किया।


रूडकी 25 सितम्बर (अनील लोहानी संवाददाता गोविंद कृपा रूडकी) खान पुर विधान सभा के लंढौरा मंडल में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती श्रद्धा भाव के साथ मनाई। गयी इस अवसर पर उनके चित्र पर मंडल अध्यक्ष विकास पाल , पूर्व जिला मंत्री प्रदीप पाल आदि ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती कार्यक्रम के मंडल संयोजक प्रेम गिरी प्रधान , सह संयोजक संजय सैनी रहे। कार्यक्रम मे टोडा कल्याणपुर शक्ति केंद्र के कार्यकर्ताओ सहित मंडल के पदाधिकारी उपस्थिति रहे।


रायसी/लक्सर 25 सितम्बर (पवन आर्य सवांददाता गोविंद कृपा लक्सर) प्रखर विचारक, राष्ट्र सेवा में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने वाले परम श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जन्म जयंती पर लक्सर के रायसी ग्राम में भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष राहुल गोयल के संयोजन में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें पं0 दीनदयाल उपाध्याय को भाव भीनी श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें नमन किया। जन्म जयंती का कार्यकर्म वरिष्ठ भाजपा नेता प्रदीप गोयल के अवास पर। आयोजित हुआ जिसमें माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा सम्बोधन प्रसारण सुना और पुष्पांजलि दी। वरिष्ठ भाजपा नेता प्रदीप गोयल, चंदकिरण चौधरी धरेन्द्र् सैनी व् प्रमोद शर्मा मण्डल उपाध्यक्ष राहुल गोयल, गोपाल ,: सुधीर विश्व्कर्मा ,मनीष चौधरी ,सयोंजक सोमवीर् ठाकुर सोनू भारद्वाज, रूचिन सैनी आदि ने कार्यक्रम में भाग लेकर पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।


एकात्म मानववाद के संवाहक थे पं. दीनदयाल उपाध्याय : अनिरूद्ध भाटी भाजपा कार्यकर्त्ताओं ने शिवशक्ति धाम में पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयन्ती के अवसर पर किया विचार गोष्ठी का आयोजन हरिद्वार, 25 सितम्बर।(विरेन्द्र शर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) पं. दीनदयाल उपाध्याय एकात्म मानववाद के संवाहक थे। वह एक कुशल संगठनकर्ता व प्रबल राष्ट्रवादी चिंतक भी थे जिन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़कर समाजसेवा की दिशा में अविस्मरणीय योगदान दिया। यह विचार भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने शिवशक्ति धाम में पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में व्यक्त किये। अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि जन संघ की स्थापना में पं. दीनदयाल उपाध्याय का महत्वपूर्ण योगदान रहा। भारतीय जन संघ में उत्तर प्रदेश के महासचिव के रूप में अपना राजनीतिक जीवन प्रारम्भ करने के पश्चात उन्होंने 1967-68 में भारतीय जन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर कार्य करते हुए समूचे देश में संगठन को मजबूत करने का कार्य किया। यही नहीं पत्रकारिता के क्षेत्र में राष्ट्र धर्म, पाञचजन्य और स्वदेश जैसी पत्र, पत्रिकाओं का सम्पादन करते हुए युवा पीढ़ी को राष्ट्रवाद के पथ पर अग्रसर किया। उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय भारतीय राजनीति में सादगी, शुचिता व सद्भाव के स्वर्णिम हस्ताक्षर थे। भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष व पार्षद प्रतिनिधि विदित शर्मा ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय छात्र जीवन से ही अत्यन्त मेधावी थे। उन्होंने समाज के कमजोर वर्ग को संबल प्रदान करने के लिए प्रशासनिक सेवा में चयन होने के उपरांत भी समाजसेवा का कठिन मार्ग चुना। 1937 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक से जुड़ने के उपरान्त समाज के वंचित, कमजोर, पिछड़े वर्ग के उत्थान को अपने जीवन का लक्ष्य बनाकर उन्होंने समूचे देश में भारतीय जन संघ के संगठन का प्रचार-प्रसार करते हुए कांग्रेस की गलत नीतियों का डटकर विरोध किया। जन संघ के अध्यक्ष के रूप में उनके परिश्रम का ही फल है कि आज भारतीय जनता पार्टी विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में स्थापित हो चुकी है। पार्षद विनित जौली व अनिल वशिष्ठ ने संयुक्त रूप से कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय की राजनीति के साथ-साथ साहित्य व पत्रकारिता में भी गहरी रूचि व पकड़ थी। उन्हांेने अपने साहित्य सृजन के माध्यम से राष्ट्र को एकजुटता व कमजोर वर्ग को संबल प्रदान करने का संदेश दिया। शहर व्यापार मण्डल के कोषाध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय का समूचा जीवन अभाव व कष्टों में बीता। अपने कष्टों की परवाह न कर उन्होंने कभी राजनीतिक जीवन में विचारधारा के साथ कोई समझौता नहीं किया। उन्हांेने कहा कि देश की राजनीति से यदि भ्रष्टाचार समाप्त करना है तो पं. दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा ही उसका सर्वोच्च उपाय है। इस अवसर पर पं. दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित करने के साथ-साथ मिष्ठान वितरण कर विचार गोष्ठी का समापन किया गया। इस अवसर पर विचार गोष्ठी में मुख्य रूप से सूर्यकान्त शर्मा, विकल राठी, रितेश वशिष्ठ, दिनेश शर्मा, रूपेश शर्मा, सोनू पंडित, अमरपाल प्रजापति, अंकुश भाटिया, रामवतार शर्मा, सीताराम बडोनी, दिव्यम यादव, रवि चौहान, अर्चित चौहान, हिमांशु शर्मा, संदीप गोस्वामी, अनुपम त्यागी, नरेश पाल, सतपाल सिंह, प्रकाश वीर, सुनील सैनी, सन्नी गिरि, आदित्य शर्मा, अविनाश सिंह समेत अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।


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