- *शीघ्र ही वेबसाइट पर मिलेंगी कोविड-19 से जुड़ी जानकारियां*
हरिद्वार 30अप्रैल (विरेन्द्र शर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) कोरोना वायरस आपदा से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी उपलब्ध कराने और राहत एवं बचाव कार्य से रूबरू कराने के लिए हरिद्वार के एक बीटेक छात्र ने अपनी सहपाठी के साथ मिलकर इस लाकडाउन अवधि का सदुपयोग कर एक बहुपयोगी वेबसाइट के निर्माण पर तत्पर हैं। मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी और अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह ने गुरुवार को छात्र का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि दोनों छात्रों के द्वारा वेबसाइट निर्माण पर कार्य किया जा रहा है तथा इसके पूर्ण होने के पश्चात सरकार द्वारा अनुमोदित एवं स्वीकृति के पश्चात ही इसको लोकापर्ण किया जायेगा।अधिवक्ता अनुज शर्मा और बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ऑफिस इंचार्ज संध्या शर्मा के बेटे विनम्र शर्मा राजकीय कॉलेज द्वाराहाट में बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। उन्होंने अल्मोड़ा निवासी अपनी सहपाठी हिमानी के साथ मिलकर कोविड-19 पॉइंट इन्फो के नाम से एक वेबसाइट का निर्माण को अन्तिम रूप प्रदान कर रहा है। विनम्र शर्मा ने बताया कि इस वेबसाइट में अपने शहर से लेकर विश्व स्तर पर कोरोना की लाइव अपडेट उपलब्ध होगी। कोराना का इलाज ढूंढने के संबंध में चल रही तमाम रिसर्च, विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा जारी प्रैस विज्ञप्ति, जरूरी निर्देश आदि भी वेबसाईट पर उपलब्ध रहेंगे। इतना ही नहीं आरोग्य सेतु से लेकर मुख्यमंत्री राहत कोष और पीएम केयर फंड पर भी इस वेबसाइट के माध्यम से संपर्क किया जा सकता सकेंगा। विनम्र शर्मा ने बताया कि कोरोना आपदा की घड़ी में डॉक्टर, पुलिस, सफाईकर्मी, मीडियाकर्मी सभी कुछ ना कुछ योगदान कर रहे हैं। इसलिए उन्हें भी विचार आया कि जनहित में कुछ ऐसा कार्य करना चाहिए, जिससे लोगों को लाभ मिले। श्रीमहंत रविन्द्र पुरी ने विनम्र शर्मा को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऐसे मेधावी छात्र ही देश के कर्णधार हैं। अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह ने कहा कि विनम्र शर्मा का भविष्य उज्जवल है। मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी प्रदीप शर्मा ने कहा कि जनहित में वेबसाइट पर कार्य करने वाले विनम्र शर्मा एवं उसकी सहपाठी हिमानी वास्तव में बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग ही हमारे देश की आन,बान और शान हैं, क्योंकि यह युवा ही कोरोना जैसी महामारी पर नई नई खोज में तत्पर हैं। इस अवसर पर संजीव शर्मा महंत श्रीडोंगर गिरी, स्वामी राजपुरी, स्वामी धनंजय गिरी, स्वामी मधुर वन, गुलशन टुटेजा, प्रतीक सूरी आदि उपस्थित रहे।
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उत्तराखंड के छात्रों की उपलब्धि
भारतीय फिल्मो के पितामह
भारत में मूक फिल्मो के प्रथम निर्माता, दादा साहब फालके को30 अप्रैल/जन्म-दिवस भावपूर्ण स्मरण
भारत में धार्मिक फिल्मो के जनक थे दादा साहब
भारतीय फिल्मों के पितामह दादासाहब फाल्के
नासिक के पास प्रसिद्ध तीर्थस्थल त्रयम्बकेश्वर में 30 अप्रैल, 1870 को धुण्डराज गोविन्द फाल्के का जन्म हुआ। उनके पिता श्री गोविन्द फाल्के संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान थे। वे चाहते थे कि उनका पुत्र भी उनकी तरह विद्वान् पुरोहित बने। इसलिए उन्होंने बचपन से ही उसे गीता, रामायण, शास्त्र, पुराण, वेद, उपनिषद आदि का अध्ययन कराया; पर धुण्डराज का मन तो संस्कृत से अधिक कला, फोटोग्राफी, जादू आदि में लगता था।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वे मुम्बई के विल्सन कालेज में संस्कृत कालेज में प्राध्यापक बन गये। वहाँ वे छात्रों को पढ़ाते तो थे ही, पर साथ ही अपना शौक पूरा करने के लिए उन्होंने जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स में भी प्रवेश ले लिया।
इससे उनके अन्दर के कलाकार को पूरी तरह विकसित होने का अवसर मिला। यहाँ उन्होंने नाटक, चित्रकला, फोटोग्राफी तथा कलाक्षेत्र के अन्य तकनीकी विषयों की पूरी जानकारी लेकर इनमें महारत प्राप्त की। बाद में वे बड़ौदा के कलाभवन से भी जुड़ गये।
एक दिन मुम्बई में उन्होंने ‘लाइफ ऑफ क्राइस्ट’ नामक फिल्म देखी। उसमें ईसा मसीह के जीवन को दर्शाया गया था। इसके द्वारा ईसाइयत का प्रचार होता देख उन्हें बहुत पीड़ा हुई। उन्होंने संकल्प लिया कि वे भी हिन्दू धर्म से सम्बन्धित कथाओं, अवतारों आदि के बारे में फिल्म बनायेंगे। अतः अब वे फिल्म निर्माण की हर विधा के गहन अध्ययन में जुट गये।
उनके सम्मुख आर्थिक समस्या भी बहुत प्रबल थी। अपने एक मित्र से कुछ धन उधार लेकर वे इंग्लैण्ड चले गये तथा वहाँ जाकर इस विधा के हर पहलू को निकट से देखा। इंग्लैण्ड से लौटते समय वे अपने साथ एक कैमरा और पर्याप्त मात्रा में फिल्म की रील भी लेकर आये। भारत आकर वे फिल्म निर्माण में जुट गये।
उन दिनों फिल्म बनाना आज की तरह आसान नहीं था। कोई इसमें पैसा लगाने का तैयार नहीं था। नारी पात्रों के लिए कोई महिला कलाकार नहीं मिलती थी; पर दादासाहब ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने पुरुषों से ही महिलाओं का अभिनय भी कराया। इस प्रकार 1913 में भारत की पहली मूक फिल्म ‘राजा हरिश्चन्द्र’ बनी।
इस फिल्म के बनते ही चारों ओर धूम मच गयी। हर आयु और वर्ग की जनता यह फिल्म देखने के लिए थियेटरों पर टूट पड़ी। इसके बाद उन्होंने मोहिनी भस्मासुर और सत्यवान-सावित्री नामक फिल्में बनायीं। हर फिल्म ने सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किये।
दादा साहब भारत के पौराणिक कथानकों को लेकर ही फिल्म बनाते थे। इस प्रकार उन्होंने ईसाइयत के प्रभाव में आ रही नयी पीढ़ी के मन में धर्म के प्रति प्रेम एवं आदर की भावना जाग्रत की। उन्होंने छोटी-बड़ी कुल मिलाकर 103 फिल्में बनायीं। इस सफलता को देखकर कई उद्योगपति पैसा लगाने को तैयार हो गये। अतः उन्होंने ‘हिन्दुस्तान फिल्म कम्पनी’ की स्थापना की।
जब बोलती फिल्मों का दौर आया, तो लोगों का ध्यान मूक फिल्मों से हट गया। यह देखकर उन्होंने एक बोलती फिल्म भी बनायी; पर वह चल न सकी। तब तक उनका स्वास्थ्य भी बिगड़ गया था। 16 फरवरी, 1944 को उनका देहान्त हो गया।
दादासाहब फाल्के ने भारतीय फिल्म जगत की नींव रखी। इसलिए उन्हें फिल्म जगत का पितामह माना जाता है। फिल्म क्षेत्र का सबसे बड़ा पुरस्कार उनके नाम पर ही दिया जाता है।
जीते जी रक्तदान, मरणोपरांत देहदान
*कोरोना से लड़ाई में आरएसएस ने किया 71 यूनिट रक्तदान*
-रक्त की कमी से किसी का नही न हो जीवन समाप्त-पदम्
हरिद्वार ।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हरिद्वार द्वारा कोरोना महामारी से लड़ने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। 'कोविड-19 से लड़ाई के लिए हम हैं तैयार' शीर्षक के माध्यम से आर्यनगर स्थित आइसोलेशन वार्ड चित्रा गार्डन में आयोजित रक्त दान शिविर में 100 लोगो का पंजीयन हुआ। 71 रक्तवीरों ने रक्तदान किया। जिला ब्लड बैंक व ब्लड वोलेंटियर ग्रुप के सहयोग से शिविर सम्प्पन हुआ।
इस अवसर पर आरएसएस के क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने खुद सबसे पहले रक्तदान करते हुए कहा वैश्विक महामारी कोरोना से कारण इस समय ब्लड बैंको में ब्लड की कमी हो रही है। इस कमी को पूरी करने के लिए हम सभी का दायित्व बनता है कि हम राष्ट्र हित मे रक्तदान करें। रक्त की कमी के कारण किसी भी व्यक्ति का जीवन समाप्त ना हो। इस युद्ध में यह भी एक मोर्चा है ,और हम इस मोर्चे पर विफल न हो इसलिए संघ ने लॉक डाउन व सोशल डिस्टेंटिंग का पूर्ण पालन करते हुए रक्तदान किया है।
उन्होंने कहा कि युद्ध दसों दिशाओं में दसों मोर्चों पर लड़ा जा रहा है। एक मोर्चा भी कमजोर नहीं होना चाहिए। इस मोर्चे को भी मजबूत करना हमारा दायित्व बनता है। उसका केवल हमने निर्वहन करने का एक छोटा सा प्रयास किया है। संघ की स्थापना से लेकर अब तक जब-जब जैसी जैसी प्राकृतिक आपदाएं आई उन सब में संघ ने बिना किसी जाति भेद के बिना किसी वर्ग संप्रदाय के राष्ट्र सेवा की है।
विभाग प्रचारक शरद कुमार ने बताया कि शिविर में आते ही सबसे पहले रक्तदाता के हाथ को अच्छी तरह से सेनेटाइज किया गया। ततपश्चात उसकी थर्मल सकैनिंग की गयी ओर उसके बाद ही उसको अंदर आने दिया गया। सोशल डिस्टनसिंग का पूर्ण रूप से ख्याल रखा गया। जिससे कोरोना वायरस के चलते बनाये गए सभी नियमो का पालन पूर्ण रूप से किया जाए। बिना रजिस्ट्रेशन किये हुए रक्तदाता को रक्तदान शिविर में आने की अनुमति नही थी। शिविर में हर रक्तदाता को पहले से टाइम दिया गया था। जिससे शिविर में किसी भी तरह की कोई भीड़ न हो और सभी रक्तदाता आराम से रक्तदान कर वापस जा सके। इसी के साथ प्रत्येक रक्तदाता के रक्तदान करने के उपरांत बैड को अच्छी तरह सेनेटाइज किया गया। जबकि शिविर में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अच्छे से सेनेटाइज भी किया गया।
शिविर में मुख्य रूप से सहयोग की भूमिका में ब्लड वॉलंटियर्स हरिद्वार से अनिल अरोड़ा, विशाल अनेजा, मनीष लखानी, अशोक कालरा ,शेखर सतिजा आदि उपस्थित रहे। डॉक्टर्स टीम में डॉ. विकास शर्मा,महावीर सिंह,किंशुक लॉड,रैना नैय्यर,राखी सजवाण,दिनेश लखेड़ा, जेएफ केएम आदि उपस्थित थे। ब्लड बैंक की टीम का आभार व्यक्त करते हुए माला पहनाकर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर जिला संघचालक रोहिताश कुँवर, जिला प्रचारक अमित कुमार, प्रचारक प्रभात कुमार, नगर सह संघचालक डॉ. यतीन्द्र नागयन ,जिला व्यवस्था प्रमुख अनिल गुप्ता, वीर प्रताप चौहान ,रमेश उपाधयाय,नगर कार्यवाह गुरमीत सिंह, सह कार्यवाह डॉ अनुराग, रानीपुर कार्यवाह देवेश वशिष्ठ, डॉ विनोद आर्य,अमित शर्मा, अमित त्यागी,अमित चौहान,मोनू त्यागी, मोहित, रितिक,एवीबीपी से राहुल कुमार, विक्रम भुल्लर, नितिन चौहान ,मनीष कुमारआदि मुख्य रूप से व्यवस्था में रहे।
उत्तम सुगर मिल ने दिया सीएम राहत कोष में सहयोग
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से भेंट कर विभिन्न मुद्दों पर की चर्चा
देहरादून 30 अप्रैल (जे के रस्तौगी संवाददाता गोविंद कृपा देहरादून) भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंसीधर भगत ने मुख्यमंत्री श्री रावत से मुलाकात के दौरान लॉक डाउन के कारण विभिन्न स्थानों में फंसे प्रवासियों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रवासियों की वापसी के लिए अब सहमति प्रदान कर दी है। लिहाजा, उनकी वापसी के लिए शीघ्र प्रयास किए जाने चाहिए इस पर मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि प्रवासियों की जल्द वापसी के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने लॉक डाउन के दौरान पीले राशन कार्ड धारकों को हो रही खाद्यान्न की समस्या का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि पीले राशन कार्ड धारकों को भी लॉक डाउन के दौरान उचित राशन वितरित किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार द्वारा निर्माण कार्यों की अनुमति दिए जाने के बाद स्टोन क्रेशर को भी नियमानुसार संचालन की अनुमति देने का मुद्दा भी उठाया। इसके साथ ही उन्होंने लंबे समय से शराब ठेकों की बंदी को देखते हुए शराब व्यवसायियों का अधिभार अगले माह के लिए शिफ्ट करने की मांग भी रखी।
अध्यक्ष भगत द्वारा उठाए गए मुद्दों पर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक खजान दास, अनिल गोयल, हल्द्वानी के मेयर जोगेंद्र सिंह रौतेला, प्रदेश कोषाध्यक्ष पुनीत मित्तल, पूर्व कुमाऊं मीडिया प्रभारी तरुण बंसल आदि उपस्थित रहे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान विभिन्न माध्यमों से प्राप्त ₹18 लाख की धनराशि के चेक मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु प्रदान किए। इसमें दस लाख की धनराशि उत्तम शुगर फैक्ट्री व पांच लाख रुपए की धनराशि हल्द्वानी के मेयर श्री जोगेंद्र सिंह रौतेला द्वारा प्रदान की गई।
वीर योद्धा हरि सिंह नलवा
भारत माता के वीर सपूत हरि सिंह नलवा को शत शत नमन
काबुल ,कंधार तक किया था महाराजा रंजीत सिंह के साम्राज्य का विस्तार
30 अप्रैल/बलिदान-दिवस
अद्भुत योद्धा हरिसिंह नलवा
भारत पर विदेशी आक्रमणकारियों की मार सर्वप्रथम सिन्ध और पंजाब को ही झेलनी पड़ी। 1802 में रणजीत सिंह विधिवत महाराजा बन गये। 40 साल के शासन में उन्हें लगातार अफगानों और पठानों से जूझना पड़ा। इसमें मुख्य भूमिका उनके सेनापति हरिसिंह नलवा की रही। 1802 में उन्होंने कसूर के पठान शासक निजामुद्दीन तथा 1803 में झंग के पठानों को हराया। 1807 में मुल्तान के शासक मुजफ्फर खान को हराकर उससे वार्षिक कर लेना शुरू किया।
इस युद्ध के बाद वीरवर हरिसिंह नलवा का नाम पेशावर से काबुल तक मुसलमानों के लिए आतंक का पर्याय बन गया। वहाँ की माताएँ अपने बच्चों को यह कहती थीं कि यदि तू नहीं सोएगा, तो नलवा आ जाएगा।
मुल्तान और अटक जीतकर रणजीत सिंह ने पेशावर और कश्मीर पर ध्यान दिया। काबुल के वजीर शेर मोहम्मद खान का बेटा अता मोहम्मद कश्मीर में शासन कर रहा था। 1819 में उसे जीतकर पहले दीवान मोतीराम को और फिर 1820 में हरिसिंह नलवा को वहाँ का सूबेदार बनाया गया। इससे कश्मीर पूरी तरह काबू में आ गया। 1822 में हरिसिंह को अफगानों के गढ़ हजारा का शासक बनाया गया।
पठान और अफगानी सेना में प्रशिक्षित सैनिकों के साथ जेहाद के नाम पर एकत्र ‘मुल्की सेना’ भी रहती थी। 1823 में अटक के पार नोशहरा में दोनों सेनाओं में भारी युद्ध हुआ। 10,000 अफगान सैनिक मारे गये, इधर भी भारी क्षति हुई। अकाली फूलासिंह और हजारों सिख बलिदान हुए; पर जीत हरिसिंह नलवा की हुई। उन्होंने अफगानों का गोला बारूद और तोपें छीन लीं। इससे उनकी धाक काबुल और कन्धार तक जम गयी। उन्होंने वहाँ का सूबेदार बुधसिंह सन्धावालिया को बना दिया।
पर पठान और अफगानों ने संघर्ष जारी रखा। 1826 से 1831 के बीच सिख राज्य के विरुद्ध जेहाद छेड़ने का कार्य मुख्यतः रायबरेली (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले सैयद अहमद खान ने किया। पठान उसे ‘सैयद बादशाह’ कहते थे। 1827 में 50,000 जेहादी तथा पेशावर के बरकजाई कबीले के 20,000 सैनिकों के साथ उसने हमला किया।
पेशावर से 32 कि.मी दूर पीरपाई में सिखों और जेहादियों के बीच घमासान युद्ध हुआ। बुधसिंह के पास 10,000 सैनिक और 12 तोपें थीं। कुछ ही घण्टों में 6,000 मुजाहिदीन मारे गये, अतः उनके पाँव उखड़ गये। सैयद अहमद भागकर स्वात की पहाडि़यों में छिप गया।
पर यह संघर्ष रुका नहीं। 8 मई, 1831 को बालाकोट के युद्ध में मुस्लिम सेना बुरी तरह पराजित हुई। सैयद बादशाह भी मारा गया। सिख सेना का नेतृत्व रणजीत सिंह का बेटा शेरसिंह कर रहा था। नलवा इस समय सम्पूर्ण पेशावर क्षेत्र के शासक थे।
1837 में काबुल का अमीर मोहम्मद खान एक बड़ी फौज और 40 तोपें लेकर नलवा के किले जमरूद पर चढ़ आया। महीनों तक संघर्ष चलता रहा। हरिसिंह नलवा उन दिनों बुरी तरह बीमार थे, फिर भी 30 अप्रैल, 1837 को वे युद्ध के मैदान में आ गये। उनका नाम सुनते ही अफगानी सेना भागने लगी। उसी समय एक चट्टान के पीछे छिपे कुछ अफगानी सैनिकों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी। वे घोड़े से गिर पड़े।
इस प्रकार भारत की विजय पताका काबुल, कन्धार और पेशावर तक फहराने वाले वीर ने युद्धभूमि में ही वीरगति प्राप्त की।
ग्रीन इंडिया सोसायटी चेयरमैन रवि राणा के नेतृत्व मे कर रही है मानवीय कार्य
- ग्रीन आर्मी सोसायटी बन रही हैं मानव सेवा का प्रयाय, जरूरतमंदो को वितरित कर रही है भोजन और राशन
रूडकी 30 अप्रैल (अनिल लोहानी संवाददाता गोविंद कृपा रूडकी) ग्रीन आर्मी इंडिया सोसायटी लाक डाउन के चलते जरूरतमंदो को भोजन, राशन और दवाई, मास्क, सेनेटाइजर वितरित कर हर उस आदमी को राहत पहुंचाने का काम कर रही है जो करोना महामारी के चलते अपने दैनिक भोजन की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं शुभम् चौहान, चेयरमैन रवि राणा और समाजसेवी कुलदीप कौर अपनी टीम के साथ भोजन, राशन और साग सब्जी के पैकेट तैयार कर गरीब मजदूरों की बस्तियों में बाँट रहे हैं। चेयरमैन रवि राणा ने बताया कि यह मानवीय कार्य है संकट के समय हर व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य के अनुसार अपने पडौसी और जरूरतमंदो की मदद करनी चाहिए, शुभम् चौहान ने बताया कि लाक डाउन के चलते यह कार्य शुरु किया गया था और निरंतर जारी है, इस मानवीय कार्य में मोनू प्रताप, शिवम् लोधी, संजीव कुशवाह, उज्जवल राणा,पंकज राणा, अभिषेक पुंडीर सहित संस्था के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्य सहयोग कर रहे हैं।
मां आन्दमयी करूणा और धर्म की प्रतिमूर्ति
करुणा की देवी श्री श्री मां आनंदमयी
हरिद्वार भी रही मां आन्दमयी की साधना स्थली
भक्ति, प्रेम और करुणा की त्रिवेणी श्री श्री मां आनंदमयी एक महान आध्यात्मिक विभूति थीं। उनका जन्म 30 अपै्रल, 1896 (वैशाख पूर्णिमा) को त्रिपुरा के खेड़ा ग्राम में अपनी ननिहाल में हुआ था। अब यह गांव बांग्लादेश में है।
उनका बचपन का नाम निर्मला सुंदरी था। उनके पिता श्री विपिन बिहारी भट्टाचार्य एक प्रसिद्ध वैष्णव भजन गायक थे। माता श्रीमती मोक्षदा सुंदरी ने आगे चलकर संन्यास ले लिया और उनका नाम मुक्तानंद गिरि हो गया। यद्यपि भक्त लोग उन्हें दीदी मां कहते थे। ऐसे धार्मिक परिवार में निर्मला का बचपन बीता।
निर्मला के मन में बचपन से ही श्रीकृष्ण के प्रति बहुत प्रेम था। वे प्रायः समाधि अवस्था में आ जाती थीं। ऐसे में उनका सम्बन्ध बाहरी जगत से टूट जाता था। उनकी लौकिक शिक्षा कुछ नहीं हुई तथा 12 वर्ष की छोटी अवस्था में ही उनका विवाह पुलिसकर्मी रमणी मोहन चक्रवर्ती (भोलानाथ) से हो गया।
निर्मला ने गृहस्थ जीवन की जिम्मेदारियों को सामान्य रूप से निभाया; पर भक्ति में भाव-विभोर होकर समाधिस्थ हो जाने का क्रम बना रहा। इससे वे जो काम कर रही होती थीं, वह अधूरा रह जाता। धीरे-धीरे परिवार और आसपास के लोग उनकी इस अध्यात्म चेतना को पहचान गये।
1925 में 'अंबूवाची पर्व' पर वे पति सहित रमणा के सिद्धेश्वरी काली मंदिर में पूजा करने गयीं। वहां वे भाव समाधि में डूब गयीं। उनके हाथों से अपने आप बन रही तांत्रिक मुद्राओं तथा चेहरे की दिव्यता देखकर उनके पति समझ गये कि वह पूर्वजन्म की कोई देवी है। उन्होंने तभी उनसे दीक्षा ले ली।
धीरे-धीरे उनकी ख्याति सर्वत्र फैल गयी। उनके कीर्तन चैतन्य महाप्रभु की याद दिला देते थे। 26 वर्ष की अवस्था में उन्होंने पहला प्रवचन दिया। वे कुछ समय अपने पति के साथ शाहबाग (ढाका) में भी रहीं। नवाब की बेगम प्यारीबानो उनसे बहुत प्रभावित थी। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई.सी.एस.) के अधिकारी ज्योतिष चंद्र (भाई जी) भी वहीं उनके शिष्य बने। ज्योतिष बाबू ने ही उन्हें ‘श्री श्री मां आनंदमयी’ नाम दिया, जो फिर उनकी स्थायी पहचान बन गया। पति के निधन के बाद वे पूरे देश में भ्रमण करने लगीं।
1932-33 में जवाहर लाल नेहरू देहरादून जेल में थे। मां भी उन दिनों देहरादून में थीं। वहीं नेहरू जी की पत्नी कमला और बेटी इंदिरा मां के संपर्क में आकर उनकी भक्त बनीं। क्रमशः प्रसिद्ध खिलाड़ी पटियाला नरेश भूपेन्द्र सिंह, कुमार नृपेन्द्र नाथ शाहदेव (रांची), संगीतकार एम.एस.सुबुलक्ष्मी, बांसुरीवादक हरिप्रसाद चैरसिया आदि अनेक विद्वान एवं विख्यात लोग उनके भक्त बने।
मां का राजनीति से कुछ सम्बन्ध न होने पर भी गांधी जी, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजमाता विजयाराजे सिंधिया, महाराजा (सोलन), महाराजा चिंतामणि शरणनाथ शाहदेव (रातू), रानी साहिब (बामड़ा), फ्रांस के राष्ट्रपति, कनाडा के प्रधानमंत्री तथा भारत के अनेक उद्योगपति, वैज्ञानिक, दार्शनिक, साहित्यकार व सामाजिक कार्यकर्ता उनके दर्शन को आते रहते थे।
तत्कालीन सभी आध्यात्मिक विभूतियों से मां का संपर्क बना रहता था। इनमें देवरहा बाबा, उडि़या बाबा, हरिबाबा, नीमकरौली बाबा, श्रीराम ठाकुर, पगला बाबा, स्वामी अखंडानंद, स्वामी शरणानंद, परमहंस योगानंद, गोपीनाथ कविराज, संत छोटे महाराज, हरिगुण गायक आदि प्रमुख हैं।
असंख्य लोगों में प्रेम, भक्ति और करुणा का संदेश बांटते हुए मां ने 27 अगस्त, 1982 को देहरादून (उत्तराखंड) में अपनी देहलीला पूर्ण की। दो दिन बाद उन्हें कनखल (हरिद्वार) स्थित उनके आश्रम में समाधि दी गयी। समाधि पर जाकर उनके भक्तों को आज भी उनकी जीवंत उपस्थिति का अनुभव होता है। हरिद्वार मे में मां आन्दमयी की स्मृति में बालिका इंटर कालेज और आश्रम स्थापित है जो निरंतर शिक्षा और धर्म का प्रसार कर रहे है।
गुरु अतंर्यामी
- गुरु साक्षात परम ब्रह्म (राम कृष्ण परमहंस)
स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी कर्क रोग से पीड़ित थे। उन्हें खाँसी बहुत आती थी और वे खाना भी नहीं खा सकते थे। *स्वामी विवेकानंद जी* अपने गुरु जी की हालत से बहुत चिंतित थे।
एक दिन की बात है स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी ने विवेकानंद जी को अपने पास बुलाया और बोले-
*"नरेंद्र, तुझे वो दिन याद है, जब तू अपने घर से मेरे पास मंदिर में आता था ? तूने दो-दो दिनों से कुछ नहीं खाया होता था। परंतु अपनी माँ से झूठ कह देता था कि तूने अपने मित्र के घर खा लिया है, ताकि तेरी गरीब माँ थोड़े बहुत भोजन को तेरे छोटे भाई को परोस दें। हैं न ?"*
नरेंद्र ने रोते-रोते हाँ में सर हिला दिया।
स्वामी रामकृष्ण परमहंस फिर बोले - *"यहां मेरे पास मंदिर आता, तो अपने चेहरे पर ख़ुशी का मुखौटा पहन लेता। परन्तु मैं भी झट जान जाता कि तेरा शरीर क्षुधाग्रस्त है। और फिर तुझे अपने हाथों से लड्डू, पेड़े, माखन-मिश्री खिलाता था। है ना ?"*
नरेंद्र ने सुबकते हुए गर्दन हिलाई।
*अब रामकृष्ण परमहंस फिर मुस्कुराए और प्रश्न पूछा - "कैसे जान लेता था मैं यह बात ? कभी सोचा है तूने ?*"
*नरेंद्र सिर उठाकर परमहंस को देखने लगे।*
*"बता न, मैं तेरी आंतरिक स्थिति को कैसे जान लेता था ?"*
*नरेंद्र - "क्योंकि आप अंतर्यामी हैं गुरुदेव"।*
*राम कृष्ण परमहंस - "अंतर्यामी, अंतर्यामी किसे कहते हैं ?*"
*नरेंद्र - "जो सबके अंदर की जाने" !!*
*परमहंस - "कोई अंदर की कब जान सकता है ?"*
*नरेंद्र - "जब वह स्वयं अंदर में ही विराजमान हो।"*
*परमहंस - "अर्थात मैं तेरे अंदर भी बैठा हूँ। हूँ ना ?"*
*नरेंद्र - "जी बिल्कुल। आप मेरे हृदय में समाये हुए हैं।"*
*परमहंस - "तेरे भीतर में समाकर मैं हर बात जान लेता हूँ। हर दुःख दर्द पहचान लेता हूँ। तेरी भूख का अहसास कर लेता हूँ, तो क्या तेरी तृप्ति मुझ तक नहीं पहुँचती होगी ?*"
*नरेंद्र - "तृप्ति ?"*
*परमहंस - "हाँ तृप्ति! जब तू भोजन करता है और तुझे तृप्ति होती है, क्या वो मुझे तृप्त नहीं करती होगी ?*
*अरे पगले, गुरु अंतर्यामी है, अंतर्जगत का स्वामी है। वह अपने शिष्यों के भीतर बैठा सबकुछ भोगता है। मैं एक नहीं हज़ारों मुखों से खाता हूँ।"*
*याद रखना, गुरु कोई बाहर स्थित एक देह भर नहीं है। वह तुम्हारे रोम-रोम का वासी है। तुम्हें पूरी तरह आत्मसात कर चुका है। अलगाव कहीं है ही नहीं। अगर कल को मेरी यह देह नहीं रही, तब भी जीऊंगा, तेरे माध्यम से जीऊंगा। मैं तुझमें रहूँगा।*
सदा याद रखिये ! गुरु अपने शिष्य के प्रति कितने भावुक, कितने दयावान होते हैं। अपने शिष्य की हर उलझन को वे भली भांति जानते हैं।
*शिष्य इन सब बातों से बे-खबर होता है। वह अपनी उलझनें गुरु के आगे गाता रहता है।और भूल जाता है कि गुरु से कोई बात छिप सकती है क्या ? गुरु आखिर भगवान् का स्वरूप ही तो है..!!* 🙏🙏🙏
लक्ष्य न ओझल होने पाऐ कदम मिलाकर चल
- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री ने ली विडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से जानकारी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री बंशीधर भगत व महामंत्री (संगठन) श्री अजेय ने आज पार्टी विधायकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात कर लॉक डाउन के दौरान चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की। पार्टी ने प्रदेश में दस लाख फेस कवर निर्माण कर वितरित करने का लक्ष्य रखा है।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय ने बताया कि आज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री भगत ने गढ़वाल मंडल व प्रदेश महामंत्री (संगठन) श्री अजेय ने कुमायूं मंडल के पार्टी विधायकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की। दोनों नेताओं ने कांफ्रेंसिंग के दौरान विधायकों से उनके क्षेत्रों में पार्टी द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली।
भाजपा अध्यक्ष श्री भगत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा ने लॉक डाउन के दौरान किसी को भी भूखा नहीं सोने देने और जरूरतमंदों की हर संभव मदद की अपेक्षा सभी कार्यकर्ताओं से की थी। इस क्रम में पार्टी द्वारा प्रदेश भर में गरीबों, असहायों, बुजुर्गों की सहायता के लिए भोजन पैकेट, सूखा राशन किट व अन्य जरूरत की वस्तुओं के वितरण के साथ - साथ प्रधानमंत्री केयर फंड व मुख्यमंत्री राहत कोष में सहयोग, आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने, फेस कवर निर्माण कर वितरित करने, कोरोना वारियर्स के सम्मान आदि को लेकर विशेष अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के सहयोग से अभी तक सभी कार्यक्रम सफल रहे हैं। उन्होंने विधायकों से अपील की कि वे इन कार्यक्रमों को लगातार जारी रखने के लिए अपने स्तर से विशेष प्रयास करें।
बातचीत के दौरान कुछ विधायकों ने लॉक डाउन के कारण बाहरी राज्यों में फंसे लोगों का मुद्दा प्रदेश अध्यक्ष के सम्मुख रखा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार इस मुद्दे पर पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। बड़ी संख्या में प्रवासियों को वापस लाया भी जा चुका है। उन्होंने बताया कि वो कल मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर इस विषय पर चर्चा करेंगे।
प्रदेश महामंत्री (संगठन) श्री अजेय ने आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करने और मास्क निर्माण कर उनके वितरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी की प्रत्येक मंडल इकाई को पांच हजार मास्क निर्मित कर बांटने का लक्ष्य दिया गया है। पूरे प्रदेश में 10 लाख मास्क वितरित किए जाएंगे। पार्टी के प्रदेश महामंत्री श्री कुलदीप कुमार भी इस दौरान उपस्थित थे।
रामा कृष्णा मिशन सेवाश्रम का अन्न वितरण अभियान
रेड जौन क्षेत्र पावधोई के लिए रामकृष्ण मिशन द्वारा उपलब्ध कराया गया राशन
बीइंग भगीरथ के सर्वे पर एस॰पी॰ सिटी के माध्यम से क्षेत्रीय प्रतिनिधीयों को सुपुर्द की राशन किट
हरिद्वार, 29 अप्रैल (रजत अरोड़ा सवांददाता गोविंद कृपा ज्वालापुर) बुधवार को गरीब जरूरतमंदो को बीइंग भगीरथ के सर्वे पर श्री रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम द्वारा सील क्षेत्र पावधोई समेत लालजीवाला बस्ती व ज्वालापुर वाल्मीकि बस्ती में 300 किट राशन वितरण किया गया। आर॰के॰ मिशन के कार्यक्रम संयोजक स्वामी दयाधिपानंद ने बताया कि बीइंग भगीरथ के संयोजक शिखर पालीवाल व टीम द्वारा निरंतर वॉलुंटीयर सर्वे के आधार पर रामकृष्ण मिशन द्वारा उपलब्ध करायी गयी है ।राशन किट में आटा, दाल, चावल, मसाले, नमक, तेल, साबुन, आलू, प्याज आदि उपलब्ध कराए गए हैं जो एक परिवार के लिए दस दिन के लिए पर्याप्त है । शिखर पालीवाल ने बताया की रामकृष्ण मिशन के परमाध्यक्ष स्वामी नित्यशुद्धनंद के सानिध्य व स्वामी दयाधिपानंद के मार्गदर्शन में पिछले ग्यारह दिन से लगातार बीइंग भगीरथ के स्वयंसेवी प्रतिदिन श्यामपुर कांगड़ी, लालजीवाला, भूपतवाला, आन्नेकी, हेत्तमपुर, नवोदय नगर, कांगड़ा घाट आदि में दो सौ परिवारों को राशन वितरण में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित सील क्षेत्र में रहने वाले ग़रीब परिवारों के सामने राशन की कमी हो गयी है जिसकी सूचना पर आर॰के॰ मिशन द्वारा पावधोई के क़रीब 60 परिवारों को एस॰पी॰ सिटी व सी॰ओ॰ सिटी की मौजूदगी में राशन किट स्थानीय प्रतिनिधीयों के माध्यम से प्रत्येक परिवार को दस दिन का राशन दिया गया है। बुधवार को लालजीवाला बस्ती, वाल्मीकि बस्ती ज्वालापुर में 170 जरूरतमंद परिवारों को राशन किट का वितरण किया। स्वामी दयाधिपानंद ने बताया की बीइंग भगीरथ की गरीब जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए संचालित की जा रही रसोई के माध्यम से शहर के राजा बिस्कुट चैक, भेल बैरियर न.6, भाईचारा चेक पोस्ट, बहादराबाद काली मंदिर के पास के अलावा शिवालिक नगर, हरिपुर, मध्य हरिद्वार, कनखल, ज्वालापुर आदि तमाम क्षेत्रों में भोजन पैकेट बांटे गए।उन्होंने बताया कि जरूरतमंदों को भोजन पैकेट वितरित करने के साथ मास्क, सेनेटाइजर भी दिए जा रहे हैं। संगठन के स्वयंसेवी लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, हाथ धोने की आदत के प्रति भी जागरूक कर रहे हैं। सभी के सहयोग से ही कोरोना वायरस की वजह से उपजे इस संकट से निपटा जा सकता है। शिखर पालीवाल ने कहा कि समाज सेवा से अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिल रही है। अन्य संस्थाएं भी सेवा के लिए आगे आ रही हैं। धर्मनगरी के विभिन्न क्षेत्रों में जरूरतमंदों की सेवा में जुटे कार्यकर्ता किसी को भी भूखा सोने नहीं दे रहे हैं। यह अभियान निंरतर तेजी के साथ बड़ा रूप ले रहा है।
मिशन की ओर से स्वामी अनदयानंद, स्वामी महाकालानंद, सरोज, जनार्धन, जयदेव, गोकुल व बीइंग भगीरथ की ओर से हितेश चैहान, शिवम चैहान, ब्रजेश चैहान, आशु, अतुल, विनीत चैहान, विनोद कुमार, शुभम विश्नोई, राहुल गुप्ता, अनिकेत गर्ग, संतोष साहू, ओमशरण गुप्ता, अंकित शर्मा, मोहित शर्मा, शुभम सैनी, कुणाल धवन, आदि सहित सभी स्वयंसेवी निरंतर सहयोग कर रहे हैं।
जीते जी रक्तदान, मरणोपरांत देहदान
रक्तदान महादान, युवा व्यपारियो ने किया स्वैच्छिक रक्तदान
हरिद्वार 29 अप्रैल (गगन नामदेव संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) ब्लड वॉलिंटियर्स हरिद्वार के रक्तवीरो ने लॉकडाउन व करोना कि इस संकट की घड़ी में 2 दिन के अंदर 60 यूनिट ब्लड, ब्लड बैंक हरिद्वार जाकर रक्तदान किया, और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए ऐसे लोगो को जीवनदान दिया जिन्हें वह जानते तक नही। रक्तदाताओं में गगन नामदेव, आदित्य झा, अरविंद सैनी, महेश भाटिया, अमित शास्त्री, गोपाल शर्मा, सुनील, राम गोपाल, गजेन्द्र, सिकंदर, कमल लोधी, गोल्डी नागर, रोहित ननकानी, मनोज ननकानी, दुष्यंत शर्मा, ललित शर्मा, मुकेश भारद्वाज, संजय, विजय शर्मा, रोहित सेठी, गौतम भारद्वाज, विपिन कटारिया, अमित, पंकज भान, पारस, अनुपम, रोहित,सुमित श्रीकुंज, विक्की आडवाणी, आकाश बंसल, अखिलेश जोशी , तरुण खुराना, व उनके सुपुत्र तुषार खुराना, नवीन सोनेजा , अमित ननकानी, दीपक वर्मा, सुमित मित्तल, भूषण गौर आदि व्यक्तिओ का योगदान रहा।
कोरोना महामारी में रक्तदातो का मनोबल देखने वाला था उसी में पहले बार रक्तदान करने वालो में पार्थ सोनी, मोहित भाटिया, प्रियम ननकानी, हितेश ननकानी, पर्स अग्रवाल ने अपना योगदान दिया।
ब्लड बैंक हरिद्वार से डॉ रविंद्र चौहान, डॉ विकास, महावीर चौहान, रैना नैयर, राखी जितवान, हरीश सेमवाल, दिनेश लखेड़ा आदि का विशेष योगदान रहा।
डॉ रविंद्र चौहान ने कहा कि हर व्यक्ति को समाज के प्रति अपने कर्तव्य को समझते हए रक्तदान कर देश हित में अपना योगदान करना चाहिये। इससे बहुत से मरीजो को रक्त मिलने में आने वाली कठिनाइयों को कम किया जा सकता है।
ब्लड वालंटियर्स हरिद्वार से अनिल अरोड़ा, शेखर सतीजा, विशाल अनेजा, विशाल ननकानी, मनीश लखानी, अशोक कालरा, मयंक अरोड़ा, विक्रम गुलाटी, अंकित नेगी, लक्ष्य नारंग, मधुर वासन आदि उपस्थित रहे। अनिल अरोड़ा ने बताया कि उनकी यह टीम लॉक डाउन के दौरान भी हरिद्वार ही नही बल्कि ऋषिकेश, देहरादून व आस पास के सभी इलाको में मरीजो को रक्त उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है उनकी यह टीम आधी रात को भी किसी अंजान व्यक्ति को रक्त दिलाने के लिए सक्रिय हो जाती है उनका व उनकी टीम के सभी व्यक्तिओ का एक ही लक्ष्य है कि कभी भी कही भी रक्त की कमी की वजह से किसी की जान न जाये। 2 दिन मे 60 यूनिट रक्तदान होने से ब्लड बैंक में चल रही ब्लड की कमी को काफी हद तक कम किया जा सकता है ततपश्चात ब्लड वालंटियर्स हरिद्वार की टीम रोज़ाना 15 से 20 व्यक्तिओ को लॉक डाउन में सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए ब्लड बैंक हरिद्वार में रक्त की कमी को देखते हुए रोजाना रक्तदान करा रही है। सभी का एक ही लक्ष्य है कि रक्त की कमी की वजह से किसी भी मरीज की जान न जाये।
तीर्थ पुरोहित समाज के सामने आजीविका का संकट
हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों के आगे रोजी-रोटी का संकट गहराया....(गगन नामदेव संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार)
अखण्ड ब्राह्मण सभा के युवा प्रदेश अध्यक्ष पंडित आदित्य झा जो खुद तीर्थ पुरोहित समाज से है उन्होंने बताया
हिन्दू शास्त्र में मान्यता है कि किसी भी मृत व्यक्ति को मुक्ति तभी मिलती है जब उसकी अस्थियां गंगा में विसर्जित हो इसके लिए हर की पौड़ी स्थित ब्राह्मकुंड पर अस्थि विसर्जन का महत्व है... पिछले सवा महीने से हरिद्वार में किसी भी प्रकार का कर्म-कांड से संबंधित कोई कार्य नही हुआ है
हरिद्वार में लगभग 700 गद्दियां है 2000 से ऊपर ऐसे ब्राह्मण है जिनकी गद्दियां तो नही है लेकिन अस्थि विसर्जन का कार्य करते है । कुशा वर्त घाट पर सैकड़ों की संख्या में पर्वतीय लड़के है जो गद्दियों पर कार्य कर के अपनी आजीविका चलाते है। लेकिन आज सभी की गद्दियों पर ताले लटके हुए है घाट सुने पड़े है।
सब के आगे रोजी-रोटी का संकट-गहरा गया है
सरकार को इस और ध्यान देना होगा आने वाले समय मे ऐसा ही रह तो परिस्थितिया और खराब हो जाएगी।
सुरक्षा कवच
*_रक्षा सूत्र से पहेले सुरक्षा कवच*_
कल स्पर्श गंगा की राष्ट्रीय संयोजिका आरुषि पोखरियाल निशंक ने बॉर्डर पर तैनात सैनिकों की सुरक्षा की चिंता करते हुए खादी के कपड़े, से, बने रियूजेबल मास्क भिजवाए। स्पर्श गंगा जो देश और दुनिया में 2008 से काम कर रही है और पूरी दुनिया में 5.5 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं| स्पर्श गंगा की विभिन्न टीमों ने इन फेस मास्क को खादी के कपड़ों से स्वयं घर में बनाया है | जिन्हें धोकर दोबारा प्रयोग में लाया जा सकता है एक बार प्रयोग में लेकर फेंके जाने वाले मास्क पर वायरस के होने, से उससे और लोगों के भी कोरोना से संक्रमित होने, की संभावना बढ़ जाती। है इसलिए हाथ से, बने मास्क, ज्यादा उपयोगी है इस अवसर, पर, आरुषि निशंक ने कहा, कि हम सब अपने घरों में रह कर लॉक डाउन का पालन करते हुए इस वैश्विक महामारी से लड़ रहे, हैं और उधर हमारे वीर सैनिक भाई जो सीमा पर, एक और, दुश्मन से लड़, रहे हैं तो दूसरी ओर इस जानलेवा वायरस से, हम सब का कर्तव्य बनता। है, कि, सीमाओ, को सुरक्षित करने वाले हमारे वीर सैनिक भाइयों को रक्षासूत्रबाँधने से पहले हम इस जानलेवा वायरस से सुरक्षित कर सकें इस हेतु स्पर्श गंगा की देश व्यापी टीम ने अपने भाइयों को रक्षा कवच( फेस मास्क) भेजने का निर्णय किया आरुषि निशंक ने कहा, रक्षा बंधन हमारे देश का सबसे प्रमुख त्योहार है जिसमें प्रत्येक बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा का धागा बांधती है और भाई सदैव बहन की रक्षा करने का प्रण लेता है हमारे भाई तो जी जान से अपना प्रण निभा रहे हैं तो फिर हम बहनों का भी धर्म है कि हम उस कलाई को सुरक्षित करें जो सदैव हमारी रक्षा के, लिए ततपर रहती है।10 हजार मास्क आर्म फोर्स क्लीनिक दिल्ली को आज सौपे गए जो कि डॉक्टर एवं सैनिक वो जो हमारी सुरक्षा के लिए लगातार बने हुए हैं उनको उपलब्ध करवाए |
यह मुहिम स्पर्श गंगा ने "एक्वाक्राफ्ट" जो कि एक एनजीओ है उनके साथ मिलकर, सस्टेनेबल इनीशिएटिव के रूप में ताकि हमें आर्थिकी बढ़ाने के साथ पर्यावरण के संरक्षण एवं सवर्धन में भी सहायता मिलेगी।
कम कमीशन में कैसै उठाऐ राशन डीलर कोटा
राशन डीलरों ने कम कमीशन के कारण खाद्यान्न उठाने में जताई असमर्थता
हरिद्वार 29 अप्रैल (रजत अरोड़ा सवांददाता गोविंद कृपा ज्वालापुर) राशन डीलरों को निशुल्क चावल का किराया वह कमीशन के संबंध में बहादराबाद एफ सी आई गोदाम के माध्यम से एवम खाद्यान विभाग दुवारा राजकीय उचित दर विक्रेताओं को बार-बार दबाव दिया जा रहा है कि फ्री वाला चावल माह मई 2020 का उठान करें । जबकि राशन डीलरों का कहना है कि हमें इसका आने जाने का किराया व कमीशन तथा पल्लेदारी ही नहीं मिल रही है जिससे हमें काफी नुकसान हो रहा है और हमारी आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई है । मीडिया के माध्यम से हमारी सरकार से प्रार्थना है कि हमें आने जाने का किराया तथा कमिशन दिलाने की कृपया करें । इसी क्रम में हमें जो डेल दी जा रही है।उसको हम सरकार से ₹40.82 पैसे में ले रहे हैं और कार्ड धारक को केवल मात्र 18 पैसे के कमीशन से ₹41 किलो में बेच रहे हैं। जिसमें हमारा टोटल खर्च बिना कमीशन के प्रति कुंटल लगभग ₹55 आता है और इसी तरह ए पी एल के गेहूं तथा चावल में भी हमें केवल किराए सहित अट्ठारह पैसे प्रति किलो कमीशन सरकार देती है क्या इस अट्ठारह पैसे में हम गेहूं चावल का किराया ,पल्लेदारी, राशन डीलर ही देते हैं ।क्या इस 18 पैसे डीलर अपने परिवार का पालन पोषण कर सकते हैं कदापि नहीं कर सकते इसलिए हमें इन खाद्यानों पर भी बीपीएल खाद्यान्न वाला कमीशन ही दिया जाए अन्यथा अग्रिम माह का राशन उठाने में सभी राशन डीलर असमर्थ हो जाएंगे। जिसमें मुख्य राजेश कुमार औरंगाबाद जियापोता विजेंद्र सिंह और दिनेश कुमार अजीतपुर तथा कृष्णकांत भोगपुर भूप सिंह ,मनोज कुमार पंजनहेड़ी मुकेश कुमार मिश्रपुर सुदेश कुमार कटार पुर रविंद्र कुमार बिशनपुर मुसस्वर घिससुपुरा, भीम सिंह पथरी, विजयपाल ,नौसा ,विजयपाल पथरी,भीम सिंह पथरी, रविंदर प्रधान पथरी, सम्पूर्ण,विक्रम सिंह,आशीष नेगी,सुरेश जगजीतपुर,अर्चिन जगजीतपुर,राकेश बहादराबाद,सुनील,आदि ने अपने विचार रखे।
गाँव की आबो हवा आ रही आ रही है विदेशी पर्यटको को राश
विदेशी पर्यटको को भा रहा है शांत भारत
फ्रांस का एक पूरा परिवार एक वैनिटी वैन में बैठकर फ्रांस से बाई रोड बाघा बॉर्डर होते हुए भारत आया था
फिर इस परिवार को नेपाल से होते हुए चीन और फिर चीन के बाद इंडोनेशिया इत्यादि देशों का सफर करते हुए वापस फ्रांस जाना था
जैसे ही यह लोग गोरखपुर से सुनौली के तरफ गए तब सुनौली से 60 किलोमीटर पहले ही लॉक डाउन की घोषणा हो गई और बॉर्डर को बंद कर दिया गया
यह परिवार वही महराजगंज के लक्ष्मीपुर ब्लॉक के कोल्हुआ गांव में एक मंदिर में रुक गए.
और यह परिवार 1 महीने से उसी गांव के मंदिर में रुका हुआ है जिला प्रशासन से लेकर फ्रांस दूतावास तक ने इन्हें आलीशान होटल में ठहराने का पेशकश किया लेकिन यह लोग गांव में अब इतना खुश है कि यह लोग उस गांव को और उस मंदिर को छोड़ना नहीं चाहते
गांव वाले भी अतिथि देवो भव की सनातन परंपरा का पालन करते हुए इनका बहुत अच्छे से देखभाल करते हैं मंदिर के पुजारी हर रोज इस परिवार के लिए खाना बनाते हैं और यह परिवार भी गांव में रहकर भारत के खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण परंपरा का खूब अनुभव कर रहा है
बस आप कल्पना करिए कि यदि यह परिवार सीरिया अफगानिस्तान लेबनान लीबिया इटोपिया सोमालिया में फंसा होता तो ??
बस यही फर्क है उनके कल्चर में और हमारे कल्चर में
आरोग्य सेतु
- *नेहरू युवा केन्द्र की ओर से अजीतपुर ग्रामीणों को आरोग्य सेतु का लाभ बताया गया*
पिछले काफी समय से कोरोना महामारी से बचने हेतु लॉकडाउन के समय मे आरोग्य सेतु एप्प काफी कारगर साबित हुई हैं। जिसकी उपयोगिता को ध्यान में रखते हुवे नेहरू युवा केंद्र हरिद्वार की जिला युवा समन्वयक अंकिता कोठियाल के निर्देशानुसार ग्रामीणों को इसकी बहुमूल्य जानकारी दिलाई गई। धारा 144 और सोशल डिस्टेन्स का पालन करते हुवे नेहरू युवा मंडल अजीतपुर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रखर कश्यप ने यह जिम्मेदारी निभाते हुवे अपने साथियों के संग गांव में जिन व्यक्तियों के पास एंड्रॉयड मोबाइल था, उनके मोबाइल मे आरोग्य सेतु व आई गोट एप डाउनलोड कराया गया। ग्रामीणों के अतिरिक्त महिला मंडलों के सदस्यों को भी इस ऐप को इस्तेमाल करने की विधि बताई गई कि इस ऐप के माध्यम से हम कैसे करोना जैसी महामारी से बचे सकते हैं।
नेहरू युवा केन्द्र के वालिंटयरस के सहयोग से जरूरतमंदो को वितरित किया गया राशन
रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम ने जमाँलपुर कँला जरूरतमंदो को दिया राशन
नेहरू युवा केंद्र के वालियंटर हरीश कुमार, युथ एडवोकेट मनु काजला ने चिंहित किये जरूरतमंद लोग
हरिद्वार 28 अप्रैल (रजत अरोड़ा सवांददाता गोविंद कृपा ज्वालापुर) नेहरू युवा केन्द्र, हरिद्वार के वालंटियर हरीश कुमार व युथ एडवोकेट मनु काजला द्वारा जमालपुर गांव में किये गयज सर्वे के उपरांत ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार की गई जिन्हें वास्तव में भोजन व खाने के सामान की जरूरत थी। उस लिस्ट के अनुसार मंगलवार को राम कृष्ण मिशन सेवाश्रम ट्रस्ट द्वारा नेहरू युवा केन्द्र हरिद्वार के सहयोग से लगभग 160 परिवारों को मास्क व कच्चा राशन दिया गया जिसमें घरेलू जरूरी सामान व खाने पीने की वस्तुएँ आदि दी गई। जिसमें समाजसेवी शिखर पालीवाल और जमालपुर गांव के प्रधान सुशील कुमार राजराणा जी भी सहयोग रहा।ग्राम प्रधान सुशील कुमार राजराणा ने राम कृष्ण मिशन सेवाश्रम ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी नित्यशुद्धान और मंजू महाराज का आभार प्रकट किया साथ ही नेहरू युवा केन्द्र के वालिंटयरस का भी आभार प्रकट किया।
प्रेरक प्रसंग
स्वर्ग और नर्क
एक बुजुर्ग औरत मर गई, यमराज लेने आये।
औरत ने यमराज से पूछा, आप मुझे स्वर्ग ले जायेगें या नरक।
यमराज बोले दोनों में से कहीं नहीं।
तुमनें इस जन्म में बहुत ही अच्छे कर्म किये हैं, इसलिये मैं तुम्हें सिधे प्रभु के धाम ले जा रहा हूं।
बुजुर्ग औरत खुश हो गई, बोली धन्यवाद, पर मेरी आपसे एक विनती है।
मैनें यहां धरती पर सबसे बहुत स्वर्ग - नरक के बारे में सुना है मैं एक बार इन दोनों जगाहो को देखना चाहती हूं।
यमराज बोले तुम्हारे कर्म अच्छे हैं, इसलिये मैं तुम्हारी ये इच्छा पूरी करता हूं।
चलो हम स्वर्ग और नरक के रसते से होते हुए प्रभु के धाम चलेगें।
दोनों चल पडें, सबसे पहले नरक आया।
नरक में बुजुर्ग औरत ने जो़र जो़र से लोगो के रोने कि आवाज़ सुनी।
वहां नरक में सभी लोग दुबले पतले और बीमार दिखाई दे रहे थे।
औरत ने एक आदमी से पूछा यहां आप सब लोगों कि ऐसी हालत क्यों है।
आदमी बोला तो और कैसी हालत होगी, मरने के बाद जबसे यहां आये हैं, हमने एक दिन भी खाना नहीं खाया।
भूख से हमारी आतमायें तड़प रही हैं
बुजुर्ग औरत कि नज़र एक वीशाल पतिले पर पडी़, जो कि लोगों के कद से करीब 300 फूट ऊंचा होगा, उस पतिले के ऊपर एक वीशाल चम्मच लटका हुआ था।
उस पतिले में से बहुत ही शानदार खुशबु आ रही थी।
बुजुर्ग औरत ने उस आदमी से पूछा इस पतिले में कया है।
आदमी मायूस होकर बोला ये पतिला बहुत ही स्वादीशट खीर से हर समय भरा रहता है।
बुजुर्ग औरत ने हैरानी से पूछा, इसमें खीर है
तो आप लोग पेट भरके ये खीर खाते क्यों नहीं, भूख से क्यों तड़प रहें हैं।
आदमी रो रो कर बोलने लगा, कैसे खायें
ये पतिला 300 फीट ऊंचा है हममें से कोई भी उस पतिले तक नहीं पहुँच पाता।
बुजुर्ग औरत को उन पर तरस आ गया
सोचने लगी बेचारे, खीर का पतिला होते हुए भी भूख से बेहाल हैं।
शायद ईश्वर नें इन्हें ये ही दंड दिया होगा
यमराज बुजुर्ग औरत से बोले चलो हमें देर हो रही है।
दोनों चल पडे़, कुछ दूर चलने पर स्वरग आया।
वहां पर बुजुर्ग औरत को सबकी हंसने,खिलखिलाने कि आवाज़ सुनाई दी।
सब लोग बहुत खुश दिखाई दे रहे थे।
उनको खुश देखकर बुजुर्ग औरत भी बहुत खुश हो गई।
पर वहां स्वरग में भी बुजुर्ग औरत कि नज़र वैसे ही 300 फूट उचें पतिले पर पडी़ जैसा नरक में था, उसके ऊपर भी वैसा ही चम्मच लटका हुआ था।
बुजुर्ग औरत ने वहां लोगो से पूछा इस पतिले में कया है।
स्वर्ग के लोग बोले के इसमें बहुत टेस्टी खीर है।
बुजुर्ग औरत हैरान हो गई
उनसे बोली पर ये पतीला तो 300 फीट ऊंचा है
आप लोग तो इस तक पहुँच ही नहीं पाते होगें
उस हिसाब से तो आप लोगों को खाना मिलता ही नहीं होगा, आप लोग भूख से बेहाल होगें
पर मुझे तो आप सभी इतने खुश लग रहे हो, ऐसे कैसे
लोग बोले हम तो सभी लोग इस पतिले में से पेट भर के खीर खाते हैं
औरत बोली पर कैसे,पतिला तो बहुत ऊंचा है।
लोग बोले तो क्या हो गया पतिला ऊंचा है तो
यहां पर कितने सारे पेड़ हैं, ईश्वर ने ये पेड़ पौधे, नदी, झरने हम मनुष्यों के उपयोग के लिये तो बनाईं हैं
हमनें इन पेडो़ कि लकडी़ ली, उसको काटा, फिर लकड़ीयों के तुकडो़ को जोड़ के विशाल सिढी़ का निर्माण किया
उस लकडी़ की सिढी़ के सहारे हम पतिले तक पहुंचते हैं
और सब मिलकर खीर का आंनद लेते हैं
बुजुर्ग औरत यमराज कि तरफ देखने लगी
यमराज मुसकाये बोले
*ईशवर ने स्वर्ग और नरक मनुष्यों के हाथों में ही सौंप रखा है,चाहें तो अपने लिये नरक बना लें, चाहे तो अपने लिये स्वरग, ईशवर ने सबको एक समान हालातो में डाला हैं*
*उसके लिए उसके सभी बच्चें एक समान हैं, वो किसी से भेदभाव नहीं करता*
*वहां नरक में भी पेेड़ पौधे सब थे, पर वो लोग खुद ही आलसी हैं, उन्हें खीर हाथ में चाहीये,वो कोई कर्म नहीं करना चाहते, कोई मेहनत नहीं करना चाहते, इसलिये भूख से बेहाल हैं*
*कयोकिं ये ही तो ईश्वर कि बनाई इस दुनिया का नियम है,जो कर्म करेगा, मेहनत करेगा, उसी को मीठा फल खाने को मिलेगा*
दोस्तों ये ही आज का सुविचार है, स्वर्ग और नरक आपके हाथ में है
मेहनत करें, अच्छे कर्म करें और अपने जीवन को स्वर्ग बनाएं।
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राष्ट्र को आध्यात्मिक एकता के सूत्र में पिरोने वाले शिव स्वरूप भगवान आद्य शंकराचार्य जी को शत शत नमन
- भगवान आद्य शंकराचार्य स्वयं साक्षात शिव के अवतार है :-श्रीमहंत देवानंद सरस्वती (महामंत्री आद्य शंकराचार्य स्मारक समिति)
*शंकरो शंकर: साक्षात्*'।
*अष्टवर्षेचतुर्वेदी, द्वादशेसर्वशास्त्रवित् षोडशेकृतवान्भाष्यम्द्वात्रिंशेमुनिरभ्यगात्*
अर्थात् आठ वर्ष की आयु में चारों वेदों में निष्णात हो गए, बारह वर्ष की आयु में सभी शास्त्रों में पारंगत, सोलह वर्ष की आयु में शांकरभाष्यतथा बत्तीस वर्ष की आयु में शरीर त्याग दिया। ब्रह्मसूत्र के ऊपर शांकरभाष्यकी रचना कर विश्व को एक सूत्र में बांधने का प्रयास भी शंकराचार्य के द्वारा किया गया है, जो कि सामान्य मानव से सम्भव नहीं है। शंकराचार्य के दर्शन में सगुण ब्रह्म तथा निर्गुण ब्रह्म दोनों का हम दर्शन, कर सकते हैं। निर्गुण ब्रह्म उनका निराकार ईश्वर है तथा सगुण ब्रह्म साकार ईश्वर है। जीव अज्ञान व्यष्टि की उपाधि से युक्त है। तत्त्वमसि तुम ही ब्रह्म हो; अहं ब्रह्मास्मि मैं ही ब्रह्म हूं; 'अयामात्मा ब्रह्म' यह आत्मा ही ब्रह्म है; इन वाक्यों के द्वारा इस जीवात्मा को निराकार ब्रह्म से अभिन्न "अद्वैत दर्शन" का प्रतिपादन शंकराचार्य जी ने किया है।
शंकराचार्य ने हिंदू धर्म को व्यवस्थित करने का भरपूर प्रयास किया। उन्होंने हिंदुओं की सभी जातियों को इकट्ठा करके 'दसनामी संप्रदाय' बनाया और साधु समाज की अनादिकाल से चली आ रही धारा को पुनर्जीवित कर चार धाम की चार पीठ का गठन किया जिस पर चार शंकराचार्यों की परम्परा की शुरुआत हुई।
शंकराचार्य ने सुप्रसिद्ध ब्रह्मसूत्र भाष्य के अतिरिक्त ग्यारह उपनिषदों पर तथा गीता पर भाष्यों की रचनाएं की एवं अन्य महत्वपूर्ण ग्रंथों स्तोत्र-साहित्य का निर्माण कर वैदिक धर्म एवं दर्शन को पुन: प्रतिष्ठित करने के लिए अनेक श्रमण, बौद्ध तथा हिंदू विद्वानों से शास्त्रार्थ कर उन्हें पराजित किया।
श्रद्धाभाव के साथ मनाई जा रही है आद्य शंकराचार्य भगवान की जयंती
श्रीविग्रह के पूजन के साथ मनाई गई शंकराचार्य जयंती
लाक डाउन के चलते प्रतिकारात्मक रूप से किया गया पूजन
हरिद्वार 28 अप्रैल सन्यास परम्परा के प्रवर्तक भगवान आद्य शंकराचार्य जी की 1232वीं जयंती तीर्थ नगरी हरिद्वार मे लाक डाउन के चलते शंकराचार्य चौक पर प्रतिकारात्मक रूप से मनाई गई। आद्य शंकराचार्य स्मारक समिति के अध्यक्ष म0म0 स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज के निर्देशन और आद्य शंकराचार्य स्मारक समिति के महामंत्री श्रीमहंत देवानंद सरस्वती महाराज के संयोजन में शंकराचार्य चौक पर म0म0 स्वामी दिव्या नंद, म0म0 स्वामी जनकपुरी, म0म0 स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज , म0म0 स्वामी गिरधर गिरि, महंत रविन्द्र पुरी, ,भारत माता मंदिर के श्रीमहंत ललिता नंद गिरि,
स्वामी सतपाल ब्रह्मचारी, महंत दुर्गेशा नंद, स्वामी कमलानंद महाराज की गरिमामय उपस्थिति में स्वामी विवेकानंद महाराज ने सोशल डिस्टेंश को कायम रखते हुए आद्य शंकराचार्य भगवान के श्रीविग्रह का षोडशोपचार, अभिषेक व पूजन कर आरती उतारी। प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए संत समाज की ओर से इस वर्ष यह आयोजन प्रतिकारात्मक रूप से किया गया। आद्य शंकराचार्य स्मारक समिति के महामंत्री श्रीमहंत देवानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि इस वर्ष तीन दिन तक चलने वाले आयोजन को बहुत ही संक्षिप्त रूप से मनाया गया है लेकिन सभी 13 अखाडो के प्रतिनिधि इस आयोजन में शामिल हुए साथ ही संयासी अखाडो में यह आयोजन भगवान आद्य शंकराचार्य जी के पूजन अर्चन के साथ मनाया जा रहा है,लेकिन भव्य शोभायात्रा, श्रद्धांजलि सभा और भोजन भंडारा जैसे आयोजन स्थगित कर दिये गए हैं।
समीक्षा
भाजपा द्वारा लॉक डाउन के दौरान चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा व कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय के लिए संवाद की विस्तृत श्रृंखला शुरू की गई है।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय ने बताया कि पार्टी द्वारा कोरोना संकट के दौरान जरूरतमंदों की मदद व अन्य कई गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इन गतिविधियों के संचालन की समीक्षा के लिए प्रदेश संगठन द्वारा ऑडियो व वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद स्थापित किया जा रहा है।
पार्टी विधायकों से समन्वय के लिए बनाए गए विधान सभा समन्वयकों और जिलों में स्थापित कंट्रोल रूम के प्रमुखों से क्रमशः प्रदेश महामंत्री (संगठन) श्री अजेय व महामंत्री श्री कुलदीप कुमार द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की जा चुकी है। 28 अप्रैल को प्रदेश महामंत्री श्री राजू भंडारी मंडलों के समन्वयकों से बातचीत करेंगे।
29 अप्रैल को प्रदेश अध्यक्ष श्री बंशीधर भगत गढ़वाल क्षेत्र व प्रदेश महामंत्री (संगठन) श्री अजेय कुमाऊं क्षेत्र के विधायकों से चर्चा करेंगे। 30 अप्रैल को प्रदेश अध्यक्ष व महामंत्री (संगठन) सरकार में दायित्वधारियों, 1 मई को प्रदेश अध्यक्ष पार्टी के जिला समन्वयकों व वरिष्ठ जनों के साथ अलग - अलग संवाद करेंगे। 3 मई को प्रदेश अध्यक्ष व महामंत्री (संगठन) सभी जिला अध्यक्षों से बातचीत करेंगे।
भाजपा मीडिया प्रभारी ने बताया कि इस ऑडियो व वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए निचली इकाई तक के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। खास कर पीएम केयर व मुख्यमंत्री राहत कोष में सहयोग, भोजन पैकेट वितरण व मोदी किचन, आरोग्य सेतु एप डाउनलोड, फेस कवर निर्माण व वितरण, कोरोना वारियर्स के सम्मान, क्षेत्र के प्रतिष्ठित जनों से संवाद आदि को लेकर चर्चा की जाएगी।
प्रेरणादायक प्रसंग
विश्व का सबसे अनोखा मुकदमा ,,,,
न्यायालय में एक मुकद्दमा आया ,जिसने सभी को झकझोर दिया |अदालतों में प्रॉपर्टी विवाद व अन्य पारिवारिक विवाद के केस आते ही रहते हैं| मगर ये मामला बहुत ही अलग किस्म का था|
एक 70 साल के बूढ़े व्यक्ति ने ,अपने 80 साल के बूढ़े भाई पर मुकद्दमा किया था|
मुकद्दमे का कुछ यूं था कि "मेरा 80 साल का बड़ा भाई ,अब बूढ़ा हो चला है ,इसलिए वह खुद अपना ख्याल भी ठीक से नहीं रख सकता |मगर मेरे मना करने पर भी वह हमारी 110 साल की मां की देखभाल कर रहा है |
मैं अभी ठीक हूं, इसलिए अब मुझे मां की सेवा करने का मौका दिया जाय और मां को मुझे सौंप दिया जाय"।
न्यायाधीश महोदय का दिमाग घूम गया और मुक़दमा भी चर्चा में आ गया| न्यायाधीश महोदय ने दोनों भाइयों को समझाने की कोशिश की कि आप लोग 15-15 दिन रख लो|
मगर कोई टस से मस नहीं हुआ,बड़े भाई का कहना था कि मैं अपने स्वर्ग को खुद से दूर क्यों होने दूँ |अगर मां कह दे कि उसको मेरे पास कोई परेशानी है या मैं उसकी देखभाल ठीक से नहीं करता, तो अवश्य छोटे भाई को दे दो।
छोटा भाई कहता कि पिछले 40 साल से अकेले ये सेवा किये जा रहा है, आखिर मैं अपना कर्तव्य कब पूरा करूँगा।
परेशान न्यायाधीश महोदय ने सभी प्रयास कर लिये ,मगर कोई हल नहीं निकला|
आखिर उन्होंने मां की राय जानने के लिए उसको बुलवाया और पूंछा कि वह किसके साथ रहना चाहती है|
मां कुल 30 किलो की बेहद कमजोर सी औरत थी और बड़ी मुश्किल से व्हील चेयर पर आई थी|उसने दुखी दिल से कहा कि मेरे लिए दोनों संतान बराबर हैं| मैं किसी एक के पक्ष में फैसला सुनाकर ,दूसरे का दिल नहीं दुखा सकती|
आप न्यायाधीश हैं , निर्णय करना आपका काम है |जो आपका निर्णय होगा मैं उसको ही मान लूंगी।
आखिर न्यायाधीश महोदय ने भारी मन से निर्णय दिया कि न्यायालय छोटे भाई की भावनाओं से सहमत है कि बड़ा भाई वाकई बूढ़ा और कमजोर है| ऐसे में मां की सेवा की जिम्मेदारी छोटे भाई को दी जाती है।
फैसला सुनकर बड़ा भाई जोर जोर से रोने लगा कि इस बुढापे ने मेरे स्वर्ग को मुझसे छीन लिया |अदालत में मौजूद न्यायाधीश समेत सभी रोने लगे।
कहने का तात्पर्य यह है कि अगर भाई बहनों में वाद विवाद हो ,तो इस स्तर का हो|
ये क्या बात है कि 'माँ तेरी है' की लड़ाई हो,और पता चले कि माता पिता ओल्ड एज होम में रह रहे हैं |यह पाप है।
हमें इस मुकदमे से ये सबक लेना ही चाहिए कि माता -पिता का दिल दुखाना नही चाहिए।।
संकल्प ही सिद्धि का मंत्र
जरूरतमंदो की मदद के लिए आगे आ रहे है सामान्य लोग
अपनी मेहनत की कमाई से गरीब लोगों को बाँट रहे हैं राशन
हरिद्वार 27 अप्रैल (विरेन्द्र शर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार)
करोना महामारी के चलते लाक डाउन के दौरान जरूरतमंदो को भोजन, राशन देने के काम में जँहा बडी -बड़ी सामाजिक, धार्मिक संस्था कार्य कर रही है वही इस आपात काल में सामान्य लोग भी अपनी मेहनत की कमाई में से गरीब लोगों को भोजन, राशन वितरित करते नजर आ रहे है उनका यह प्रयास हमे भले ही छोटा नज़र आए लेकिन परमार्थ के मार्ग में बडा कदम है क्यों कि उन्हें इस कार्य से आयकर में छूट नहीं चाहिए और न ही अखबारो में फोटो चाहिए बस आत्म संतुष्टि के लिए अपनी सामर्थ्य से ज्यादा किये जा रहे हैं।
ऐसा ही कार्य ब्रह्मपुरी, बिल्केश्वर नगर निवासी, सरोज प्रसाद, गोपी त्रिवाल, और उनके एक मित्र ने पार्षद विनीत जौली की प्रेरणा से किया। इन तीनों मित्रों ने बिल्केश्वर मंदिर के पास रहने वाले 32 परिवारो को अपनी जमापूंजी से आटा, चावल, दाले, नमक, आलू आदि वितरित किये जो आज क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है खास बात यह है कि ये तीनो मित्र प्राइवेट नौकरी पेशा लोग हैं जिनकी तन्खवाह, भी हाजारो मे नहीं है लेकिन समाज के प्रति सम्वेदाना का हृदय में ऐसा ज्वार उमडा कि घर से निकल पड़े गरीब के आँसू पोछने।
सोशल डिस्टेंश की उडाई धज्जीया
लाक डाउन के समय भी नेतागिरी दिखाने से बाज नहीं आ रहे है छपास के रोगी
दुकाने बंद है फिर भी नहीं होने दे रहे हैं जनहित के काम
हरिद्वार 27 अप्रैल (गगन नामदेव संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार)
सोशल डिस्टेंश के नियमो की धज्जियां उडाते हुए आज कुछ छपास के रोगी नेता बाजार में बरसाती नाले के चैम्बर निर्माण में टांग अडाने पहुंच गये, जिन्होंने नगर निगम के आयुक्त को खूब हैकडी दिखाई, यंहा विशेष बात यह है कि ऐसे समय में जब शासन प्रशासन करोना से लड रहा है ऐसे मे एक स्थान पर भीड लगाना कँहा तक उचित है।
सीएम राहत कोष में प्रदेश भर से आ रही है सहयोग राशि
मुख्यमंत्री राहत कोष" में कोरोना वायरस (COVID-19) के दृष्टिगत निम्न सहयोग राशि प्रदान की गई।
● श्री जितेंद्र जोशी जी, कुलाधिपति उत्तरांचल विश्वविद्यालय, देहरादून द्वारा ₹ 11 लाख रुपए का चेक दिया गया।
● ब्रिगे. (रीटा.) सी.बी. थापा जी, अध्यक्ष 11, किरांति समिति, देहरादून ने ₹ 1लाख 41हजार
रुपए का चेक दिया गया।
● श्रीमती अनीता मंमगाई जी, मेयर नगर निगम ऋषिकेश द्वारा नगर निगम के साथ ही सीएम राहत कोष में प्रदेश भर से आरही है मदद सीएम ने जताया दानदाताओ का आभार ,ऋषिकेश के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत चालक सफाई नायकों एवं सफाई कर्मचारियों के 1 दिन के वेतन की धनराशि ₹1 लाख 21 हजार 164 रुपए का चेक दिया गया।
● श्री गौरव गोयल जी, मेयर, रुड़की, हरिद्वार (निजी खाते से) ₹1 लाख 1 हजार रुपए का चेक दिया गया।
● आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं जी, केंद्रीय अध्यक्ष, श्री लोक मणी जखवाल जी प्रांतीय अध्यक्ष एवं श्री मनोहर लाल जुयाल जी, द्वारा देवभूमि ज्ञान यज्ञ समिति की ओर से ₹1 लाख रुपए का चेक दिया गया।
● डॉ मधु सिंह जी , अध्यक्ष कृषि उत्पादन मंडी समिति मंगलौर, हरिद्वार द्वारा ₹ 1लाख रुपए का चेक दिया गया।
● श्री महेश शाही जी, ज्वाला देवी कीर्तन मंडली, गढ़ी कैंट, देहरादून ने ₹ 31 हजार रुपए का चेक दिया गया।
● श्री टी. डी. भूटिया जी, अध्यक्ष गोरखा कल्याण परिषद, 950 संगम विहार, डाकरा गढ़ी कैंट देहरादून ने ₹25 हजार रुपए का चेक दिया गया।
● श्री नोमान द्वारा डॉ मधु सिंह जी ,अध्यक्ष कृषि उत्पादन मंडी समिति मंगलौर, हरिद्वार की ओर से ₹21 हजार रुपए का चेक दिया गया।
● श्री गौरव कुमार राणा जी डॉ मधु सिंह जी ,अध्यक्ष कृषि उत्पादन मंडी समिति मंगलौर, हरिद्वार की ओर से ₹ 11 हजार रुपए का चेक दिया गया।
● श्री सिद्धांत राणा जी डॉ मधु सिंह जी ,अध्यक्ष कृषि उत्पादन मंडी समिति मंगलौर, हरिद्वार की ओर से ₹5100 रुपए का चेक दिया गया।
● श्री दयाल सिंह चौहान जी पुत्र श्री बच्चन सिंह जी, Rtd S.S.B एवं पूर्व प्रधान, ग्राम पंचायत लवा पट्टी, टिहरी गढ़वाल द्वारा ₹ 5 हजार रुपए का चेक दिया गया। बहुउद्देश्य किसान सेवा सहकारी समिति नंगला ईमरती ढ़ढेरा ने बीस हज़ार का सहयोग प्रदान किया। सीएम ने कहा कि आपका एक-एक पैसा जरूरतमंदों के काम में लाया जा रहा है। आपके सहयोग के चलते कोरोना महामारी को हराने में हम जल्द सफल होगें।
चेयरमैन रवि राणा ने सीएम राहत कोष में दिया बीस हज़ार का सहयोग
- किसान सेवा सहकारी समिति , नंगला ईमरती ,ढ़ढेरा ने दिया सीएम राहत कोष में बीस हज़ार का सहयोग
चेयरमैन रवि राणा ने सीएम कोष मे जमा कराऐ बीस हज़ार रुपये
रूडकी 27 अप्रैल (अनिल लोहानी, संवाददाता गोविंद कृपा रूडकी) बहुउद्देश्य नगला ईमरती किसान सेवा सहकारी समिति ढ़ढेरा ने जिला सहायक निबंधक सहकारी समिति के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष में करोना पीडितो की मदद के लिए बीस हज़ार रुपये का सहयोग प्रदान किया है, सहकारी समिति के चेयरमैन रवि राणा ने बताया कि किसान सहकारी समिति नंगला ईमरती किसानों की सेवा के साथ- साथ अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वाहन भी बडी शिद्दत के साथ करती हैं उन्होने ने कहा कि हमारा मानना है कि मानव सेवा ही ईश्वर की पूजा है किसान अन्नदाता हैं तो इस समय डाक्टर, पुलिस, स्वच्छता कर्मी ईश्वर का स्वरू है उनही की सेवा का अभियान जारी है जिसके अंतर्गत भोजन, मास्क, सेनेटाइजर राशन का वितरण आदि कार्य किये जा रहे हैं सीएम राहत कोष में सहयोग उसी सेवा भाव का एक छोटा सा प्रयास है।
सर संघ चालक श्रद्धेय मोहन भागवत जी का संदेश
*बौद्धिक बिंदु*
( *वर्तमान परिदृश्य तथा हमारी भूमिका* )
*प.पू. सरसंघचालक डा मोहन जी भागवत*
• स्वयंसेवकों को लगता होगा कि शाखा बंद है, नित्य कार्यक्रम बंद हैं तो संघ का काम बंद. ऐसा नहीं है. संघ का काम चल ही रहा है, बस उसका स्वरुप बदल गया है। यह सेवा कार्य संघ के कार्य जैसा है।
• तथागत के लेख को चीनी भाषा मे छपवाने के लिए जो धन इक्कठा किया था, उसे सेवा भाव मे खर्च किया। ऐसा दो बार हुआ। जब तीसरी बार मे कामयाबी मिली तो उसने कहा कि ये तथागत के जीवन की यह तीसरी आवर्ती है। क्योकि पहले 2 सेवा कार्य भी इसी का हिस्सा थे।
• सामान्य व्यक्ति को दिशा देने वाले लोगो को तैयार करना।नही तो अविवेक कभी भी सब गड़बड़ कर सकता है।शारीरिक दूरी बना कर ही भविष्य में हमे कार्य करना।
• यह सेवा प्रसिद्धि के लिए नहीं है। अपने समाज और देश के लिए आत्मीयता के लिए यह सेवा है।
• सेवा कार्य सातम्य, बिना थके सामूहिकता के साथ, योजनाबद्ध, अनुशासन पूर्वक अपनत्व की भावना से करना होगा।
• निराश व्यक्ति का प्रसंग- डिफरेन्स बिटवीन सक्सेस एंड फेल्यर इन 3 फ़ीट (मेग्नीज की खदान, से कम्पनी का मालिक बनने की कहानी)
• शिक्षा:- प्रयास अंतिम समय तक करना।
• सेवाकार्य बिना किसी भेदभाव के सबके लिए करना है। जिन्हें सहायता की आवश्यकता है वे सभी अपने है, उनमें कोई अंतर नहीं करना। हमने विश्व के मानव की सेवा, नुकसान उठा कर करी। दवा का उदाहरण
• अपने लोगों की सेवा उपकार नहीं है वरन हमारा कर्तव्य है। उनकी ही मदद की जाए , जिन्हें इसकी जरूरत है।
• किसी ने कुछ ग़लत कर भी दिया तो सभी को दोषी न माने । कुछ लोग इसका दुरूपयोग करना चाहते है। हमें ऐसे किसी प्रतिक्रिया में नहीं आना है।
• संघ ने देश के ऊपर आये इस संकट में स्वेच्छा से जून तक सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए।
• यह संकट हमको कुछ सीखा भी रहा है, राष्ट्र पुनर्निर्माण का कार्य आगे बढ़ता रहना पड़ेगा,ग्रामीणों का रोजगार,उद्योगों से उनका जुड़ाव न टूटे, स्वावलंबन के प्रति पर्यावरण को बिगड़े बिना आगे बढ़ना होगा,नए विकास का मॉडल समाज को साथ लेकर बनाएंगे।
• लॉक डाउन खुलने के बाद समाज को सिखाना पड़ेगा कि अब कैसे रहना है:- ई क्लासेस, बाजार ने डिस्टेंस बनाये रखना, कंपनी में सभी नियमो का पालन करना होगा।
• सेवा कार्य स्वयं करते हुए दूसरों को श्रेय देना है।
• षड् दोषा पुरुषेणेह हातव्या भूतिमिच्छता ।
• निद्रा तन्द्रा भयं क्रोध आलस्यं दीर्घसूत्रता ।। कल्याण अथवा उन्नति के लिये निद्रा, तन्द्रा, भय, क्रोध आलस्य और प्रमाद ये छ: दोष त्याग देने चाहिए ।
• भारत का 130 करोड़ जन भारतमाता के पुत्र है। सभी की अपनत्व के साथ सेवा करना।
• महाराष्ट्र में सन्यासीयो की हत्या जघन्य है। ऐसे विभाजनकारी तत्व से सावधान रहते हुए। इन्हे रोकते हुए अपना कार्य करना।
• जन समान्य के नित्य नियमित आचरण मे योग, काड़ा (आयुष मंत्रालय द्वारा निर्देशित) का उपयोग हो।
• सब अस्त व्यस्त हुआ है ठीक होने मे समय लगेगा।यह संकट अवसर लेकर भी आया है, हमे स्वालंबन की ओर जाना होगा।
• प्रवासी कामगार बड़ी संख्या मे अपने गाँव की ओर लौटे है। उनके हितो की चिंता शासन, प्रशासन व समाज ने भी करनी पड़ेगी।
• राष्ट्र पुनर्निर्माण का जो कार्य चल रहा है। उसमे गति प्रदान करना है।
• संस्कारमूलक शिक्षा की ओर प्रयास करना पड़ेगा।
• स्वदेशी का आचरण करना है। स्वदेशी का आवरण सर्वोत्तम हो। विदेशी आलम्बन कम से कम हो।
• पर्यावरण बहुत मात्रा मे शुद्ध हुआ है। यह ऐसा बना रहे इस दिशा मे प्रयास करना होगा।
• अनुशासन समाज मे बना रहे। जहा अनुशासन हीनता हुई है वहां महामारी का प्रकोप बड़ा है।
• संकट को अवसर बनाकर भारत के उत्थान का प्रयत्न करना।
परशुराम जयंती
हरिद्वार, 26 अप्रैल कोरोना वायरस के कारण विश्व की विकट परिस्थितियों को देखते हुये तथा सरकार के निर्देशों का अनुपालन करते हुये अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद् द्वारा पूरे देश में अक्षय तृतीया तिथि को भगवान परशुराम जन्मोत्सव इस बार वैश्विक संक्रमण कोविड-19 से बचाव हेतु चल रहे लॉक डाउन में मनाया गया। इसी क्रम में उत्तराखण्ड इकाई के वरिष्ठ पदाधिकारियांे ने आपस में विचार विमर्श करने के बाद श्री भगवान परशुराम जन्मोत्सव अक्षय तृतीया के अवसर पर 25 अप्रैल को प्रदेश के सभी जनपद, ब्लॉक एवं ग्रामांे में वैदिक मन्त्रोच्चारण से विधि पूर्वक घरों में हवन, पूजन एवं रात्रि में दीप प्रज्ज्वलन कर मनाया। परिषद के प्रदेश संयोजक पं. बालकृष्ण शास्त्री, प्रदेश अध्यक्ष पं. मनोज गौतम एवं जिला संयोजक पं. प्रदीप शर्मा ने कनखल स्थित प्रदेश कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से (सोशल डिस्टेन्सिंग) का ध्यान रखते हुये परशुराम जी के चित्र पर दीपार्चन, पुष्प व माल्यार्पण किया।
इस मौके पर परिषद के मार्गदर्शक एवं संरक्षक पं. जुगुल किशोर तिवारी (आईपीएस) ने सभी पदाधिकारियों को विडिओ के माध्यम से सन्देश देते हुए कहा कि अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है। इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। वैसे तो सभी बारह महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है, किंतु वैशाख माह की तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है। उन्होंने ने कहा कि भगवान परशुराम जी ने अपनी शक्ति का प्रयोग सदैव कुशासन के विरुद्ध किया। निर्बल और असहाय समाज की रक्षा के लिए उनका कुठार अत्याचारी कुशासकों के लिए काल बन चुका था। महिष्मती के शासक हैहयवंशी कार्तवीर्य के पुत्र सहस्त्रबाहु ने अपने आतिथ्य से अचंभित हो परशुराम जी के पिता ऋषि जमदग्नि से उनकी कामधेनु गाय माँगी। जमदग्नि के इन्कार करने पर उसके सैनिक बलपूर्वक कामधेनु को अपने साथ ले गये। बाद में परशुराम जी को सारी घटना विदित हुई तो उन्होंने अकेले ही सहस्त्रबाहु की समस्त सेना का संहार कर दिया और साथ ही अत्याचारी सहस्त्रबाहु का भी वध किया।
उन्होंने कहा कि अधर्मी कार्तवीर्य अर्जुन (सहस्रबाहु) की राजसत्ता को परशुरामजी ने छिन्न-भिन्न कर दिया। बाद में सहस्रबाहु के पुत्रों ने भगवान के पिता ऋषि जमदग्नि को आश्रम में अकेले पाकर छल से उनकी हत्या कर दी। अतः परशुराम जी ने उनके मूलोच्छेद के लिए 21 बार अभियान कर सभी पापियों का वध कर दिया। आज लोग किसी भी जीत को प्रकट करने के लिए जिन दो उंगलियों को उठाकर विजय मुद्रा का प्रदर्शन करते हैं, वह परशुरामजी की विजय मुद्रा की नकल मात्र है।
परिषद के प्रदेश संयोजक पं. बालकृष्ण शास्त्री ने बताया कि भविष्य पुराण के अनुसार जो कल्कि अवतार होगा उनको गुरू के रूप में भगवान परशुराम जी ही शस्त्र एवं शास्त्र की शिक्षा देंगे। इस बार सोशल कंैपेनिंग के माध्यम से ब्राह्मण एकता प्रदर्शन करने का आवाहन भी खूब किया गया एवं आपस में ब्राह्मणों ने मोबाइल से एक दूसरे को शुभकामनाएं दीं। फेसबुक, व्हाट्सप्प, ट्विटर आदि के द्वारा सोशल प्लेटफार्म पर परशुराम जन्मोत्सव के अवसर पर फोटो सहित शुभकामना सन्देशों की भरमार दिखाई दी।
अनिरूद्ध भाटी ने वितरित की राशन किट
वार्ड न0 3 मे वितरित की गई राशन किट
हरिद्वार, 26 अप्रैल। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की प्रेरणा से वार्ड नंबर 3 दुर्गा नगर भूपतवाला हरिद्वार में क्षेत्रीय पार्षद अनिरुद्ध भाटी के संयोजन में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जरूरतमंदों को राशन की किट का वितरण किया। इस अवसर पर 575 लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए राशन किट प्रदान की गई। इस अवसर पर पार्षद अनिरुद्ध भाटी ने कहा शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने संकल्प लिया है कोरोना महामारी के संक्रमण काल में प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता समाज के कमजोर वंचित वर्ग की सहायता करे, उसी श्रंृखला में मदन कौशिक की ओर से 575 जरूरतमंद परिवारों को राशन किट का वितरण करने के साथ-साथ कोरोना से बचाव, सामाजिक दूरी, हाथ धोने व सैनिटाइजर के प्रयोग करने हेतु जागरूक किया गया किया गया है। क्षेत्रीय पार्षद अनिरूद्ध भाटी द्वारा 23 मार्च से प्रतिदिन 800 भोजन के पैकेट वितरित किये जा रहे है। उनके द्वारा अब तक 980 राषन कीट का भी वितरण किया गया। शहर व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष अमित गुप्ता वाह मां गंगा भागीरथी व्यापार मंडल के अध्यक्ष सूर्यकांत शर्मा ने कहा भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता निःस्वार्थ भाव से स्थानीय नागरिकों की सेवा में जुटे हैं दवाओं का छिड़काव हो अथवा सैनिटाइजर का वितरण हो तथा आज कच्चे राशन किट का वितरण शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की प्रेरणा से किया गया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पार्षद अनिरूद्ध भाटी द्वारा आपदा की इस घड़ी में निरंतर सराहनीय कार्य किया जा रहा है। आपदा की इस घड़ी में भाजपा कार्यकर्ता सेवा कार्य में जुटे हुए हैं। वरिष्ठ समाजसेवी जनेश्वर त्यागी व मास्टर गंगा रामपाल ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा में जुटे हैं भोजन के पैकेट वितरण करने के साथ-साथ कच्चा राशन प्रदान कर स्थानीय विधायक विधायक मदन कौशिक व भाजपा कार्यकर्ताओं ने सराहनीय कार्य किया है। इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता सुखेंद्र तोमर, पीआरओ मोहित कुमार, भाजपा वार्ड अध्यक्ष नीरज शर्मा, भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष भारत नंदा, महिला मोर्चा अध्यक्ष दीपा पाठक, हंसराज आहूजा, लक्ष्मी त्रिपाठी, प्रदीप मिश्रा, दिनेश शर्मा, सोनू शर्मा, निशांत कुमार, विनोद पाठक, सोनू अरोड़ा, विवेक गुप्ता, बंटी कुमार, अश्वनी विश्नोई, विवेक शर्मा, अनुपम त्यागी, प्रमोद पाल, राघव ठाकुर, नरेश पाल, राजीव यादव, गणेश गैरोला, गंगाराम पाल, प्रमोद पाल, रूपेष शर्मा, आषीष शर्मा, रामदयाल, विक्की प्रजापति, सुन्दर, राजेन्द्र यादव, इन्द्र, रवि प्रकाश मिश्रा समय अनेक भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
परशुराम जयंती
- भगवान पुर में भाजपा मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व मे मनाई गई परशुराम जयंती
- भगवान पुर 26 अप्रैल (कमल वर्मा नामदेव संवाददाता गोविंद कृपा भगवान पुर) भारतीय जनता पार्टी नगर मंडल भगवानपुर द्वारा भगवान परशुराम की जयंती को हर्षोल्लास से मनाया गया इस मौके पर नगर मंडल अध्यक्ष सुनील बंसल ने भगवान परशुराम को नमन करते हुए सभी कार्यकर्ताओं को अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम जयंती की शुभकामना दी ।इस मौके पर नगर महामंत्री कमल वर्मा ,मीडिया प्रभारी सुनील शर्मा ,शुभम शर्मा शर्मा, नरेश प्रधान ,सुरेंद्र धीमान, संजय धीमान इत्यादि कार्यकर्ता उपस्थित रहे
अक्षय तृतीया पर नरसिंह भवन ट्रस्ट ने किया भोजन प्रसाद वितरित
- अक्षय तृतीया पर नरसिंह भवन ट्रस्ट ने किया लक्ष्मी -नरसिंह भगवान का प्रसाद वितरित
- करोना महामारी के चलते विष्णु घाट के पास किया सैकड़ों लोगों को भोजन प्रसाद वितरित
- हरिद्वार 26 अप्रैल (गगन नामदेव संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) विगत 21दिनो से नरसिंह भवन ट्रस्ट हरिद्वार का करोना महामारी के चलते लाक डाउन के समय जरूरतमंदो को भोजन वितरण का अभियान 'अक्षय तृतीया 'के दिन विशेष रहा रविवार को अक्षय तृतीया के दिन नरसिंह भवन ट्रस्ट हरिद्वार के संचालक राजेन्द्र राय और प्रबंधक ओनकार राय के संयोजन में नरसिंह भगवान और देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना की गई और उनके भोग प्रसाद को विष्णु घाट के पार जा कर गरीब, भूखे लोगों को बाँटा गया। नरसिंह भगवान को विशेष रूप से समर्पित हलुऐ, पूड़ी, खीर, फलो के भोग को पैकेट बना कर सैकड़ों लोगों में बाँटा गया, रविवार को सुबह से ही हरिद्वार मे वर्षा हो रही थी इसके बावजूद नरसिंह भवन ट्रस्ट हरिद्वार के संचालक राजेन्द्र राय अपने सहयोगीयो, कर्मचारियों के साथ भोजन वितरण करने पहुँचे जहाँ पर सैकड़ों लोग इंतजार कर रहे थे। 650 से ज्यादा लोगों को भोजन वितरित किया गया
दान, पुण्य, का फल अक्षय होता है आजके दिन
अक्षय तृतीया का महत्व
-🙏 आज ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था ।
🙏-महर्षी परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था ।
🙏-माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था
🙏-द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था ।
🙏- कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था ।
🙏- कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था ।
🙏-सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था ।
🙏-ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था ।
🙏- प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है ।
🙏- बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वो बस्त्र से ढके रहते है ।
🙏- इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था ।
🙏- अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है
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त्रिपुरा योग आश्रम में चल रही हैं राम रसोई
- त्रिपुरा योग आश्रम में चल रही हैं राम जी की रसोई '
ब्रह्मलीन स्वामी अमलानंद जी महाराज की पावन स्मृति में स्वामी शारदा नंद गिरि जी महाराज की प्रेरणा से जरूरतमंदो को दिया जा रहा है भोजन
हरिद्वार 26 अप्रैल (गगन नामदेव संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) श्री त्रिपुरा योग आश्रम ट्रस्ट कनखल के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी अमलानंद गिरि जी महाराज की पावन स्मृति में उनकी शिष्या सोमा नायर और शशि नायर ने त्रिपुरा योग आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी शारदा नंद गिरि जी महाराज की प्रेरणा से कोरोना महामारी के चलते लाक डाउन की स्थिति में जरूरतमंदो को भोजन प्रदान करने के लिए 'राम जी की रसोई ' संचालित की जा रही है जिसके माध्यम से जरूरतमंदो को भोजन प्रदान किया जा रहा है, आस्ट्रेलिया निवासी ब्रह्मलीन स्वामी अमलानंद गिरि जी महाराज की शिष्या सोमा नायर और शशि नायर आचार्य चिंतामणि और आश्रम के विद्यार्थीयो के सहयोग से भोजन बना कर गरीब, मजदूरों, फक्कडो को मां आन्दमयी आश्रम, दक्ष मंदिर के पास भोजन वितरित कर रहे हैं प्रति दिन सौ से ज्यादा लोग 'राम जी की रसोई ' में बना भोजन पा रहे हैं। सोमा नायर और शशि नायर ने बताया कि यह कार्य विगत 15 दिनों से जारी है, इस के अतिरिक्त मूक पशु, पक्षियों के लिए चारे, दाने की भी व्यवस्था की गयी हैं, उन्होने ने बताया कि 'गोविंद कृपा सेवा समिति धर्मार्थ ट्रस्ट' के माध्यम से जरूरतमंदो को राशन भी वितरित करवा गया, आश्रम के प्रबन्धक आचार्य चिंतामणि ने बताया कि भविष्य में भी ये सेवा कार्य निरंतर जारी रहेंगे
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