वहीदा रहमान हर दिल अजीज अभिनेत्री

 मशहूर अभिनेत्री  "वहीदा रहमान जी" को जन्मदिन पर हार्दिक बधाईऔर शुभकामनाएं💐

                  :-- Happy Birthday --:


वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) का जन्म 3 फ़रवरी, 1936 को चेंगलपट्टू,तमिलनाडु में एक परंपरावादी मुस्लिम परिवार में हुआ था. बचपन से वहीदा डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन उनका भाग्य उन्हें सिनेमा में खींच लाया. मुंबई में आने के बाद वहीदा  रहमान (Waheeda Rehman) और उनकी बहन ने भरतनाट्यम की शिक्षा ली.

फिल्मी कैरियर की शुरुआत उन्होंने 1955 में दो तेलुगू फिल्मों के द्वारा की और दोनों ही हिट रहीं जिसका फायदा उन्हें गुरुदत्त (Guru Dutt) की फिल्म “सीआईडी” में खलनायिका के रोल के रुप में मिला.फिल्म में वहीदा रहमान(Waheeda Rehman) के अभिनय की सबने सराहना की और गुरुदत्त तो उनके कायल ही हो गए.

इसके बाद गुरुदत्त ने वहीदा के साथ कई फिल्में की जिनमें प्यासा सबसे चर्चित फिल्म रही है.फिल्म प्यासा से ही गुरु दत्त और वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) का विफल प्रेम प्रसंग आरंभ हुआ. गुरुदत्त एवं वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) अभिनीत फिल्म कागज के फूल (1959) की असफल प्रेम कथा उन दोनों की स्वयं के जीवन पर आधारित थी. दोनों ही कलाकारों ने फिल्म चौदहवीं का चाँद (1960) और साहिब बीबी और गुलाम (1962) में साथ साथ काम किया.हालांकि कुछ समय बाद गुरुदत्त और वहीदा अलग हो गए. 10 अक्टूबर, 1964 को गुरुदत्त ने कथित रुप से आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद वहीदा अकेली हो गई, लेकिन फिर भी उन्होंने कैरियर से मुंह नहीं मोड़ा और 1965 में “गाइड” के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड का पुरस्कार मिला. 1968 में आई “नीलकमल” के बाद एक बार फिर से वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) का कैरियर आसमान की बुलंदियों पर चढ़ने लगा.

साल 1974 में उनके साथ काम करने वाले अभिनेता कमलजीत ने उनसे शादी का प्रस्ताव रखा जिसे वहीदा रहामान ने सहर्ष स्वीकार कर लिया और शादी के बंधन में बंध गई. साल 1991 में फिल्म “लम्हे” के बाद उन्होंने फिल्मों में काम करने से ब्रेक ले लिया और घर बसाने की तरफ ज्यादा ध्यान देने लगी.

साल 2000 उनके जिंदगी में एक और धक्के के रुप में आया जब उनके पति की आकस्मिक मृत्यु हो गई पर वहीदा ने यहां भी अपनी इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए दुबारा फिल्मों में काम करने का निर्णय लिया और वाटर, रंग दे बसंती और दिल्ली 6 जैसी फिल्मों में काम किया.

CID के बाद उन्होंने ‘प्यासा’, ‘कागज के फूल’, ‘गाइड’, ‘नील कमल’, ‘राम और श्याम’, ‘तीसरी कसम’, ‘रंग दे बसंती’, ‘पार्क एवेन्यू’ जैसी हिट फिल्मों में शानदार एक्टिंग की है।साथ ही उन्होंने कई गानों में अपने शानदार डांस से दर्शकों के दिल को जीत लिया था।

आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ गानों के बारे में...

*'पिया तोसे नैना लागे रे’..*

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फिल्म गाइड के ये गाना ‘पिया तोसे नैना लागे रे’... बॉलीवुड की दिग्गज सिंगर लता मंगेशकर ने गाया है। इस गाने में वहीदा रहमान ने शानदार डांस किया है।इस गाने को शैलेंद्र ने लिखा है।

*'आज फिर जीने की तमन्ना है’..*

गाइड फिल्म का ये गाना आज भी लोगों के दिल पर राज कर रहा है। इस गाने में अभिनेत्री बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर देव आनंद के साथ नजर आ रही हैं। इस गाने को भी लता मंगेशकर ने गाया है और शैलेंद्र जी ने लिखा है।

*‘कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना’...*

फिल्म सीआईडी का गाना ‘कहीं पर निगाहें कही पर निशाना’ को आज भी लोग गुन-गुनते नजर आते हैं। इस गाने में वहीदा रहमान ने अपने डांस के कौशल को दिखाया है।

*‘गाता रहे मेरा दिल’..*

फिल्म गाइड का गाना ‘गाता रहे मेरा दिल’.. को लता मंगेशकर और किशोर कुमार ने गाया है। इस गाने में अभिनेत्री एक्टर देव आनंद के साथ अभिनय करती नजर आ रही हैं।

*'पान खाए सइयां हमारो’...*

फिल्म तीसरी कसम का गाना ‘पान खाए सइयां हमारो’.. आज भी उतना ही सुना जाता है। जितना की पहले सुना जाता था। इस गाने को दिग्गज सिंगर लता मंगेशकर ने गाया है।

अभिनय के क्षेत्र में बेमिसाल प्रदर्शन के लिए उन्हें साल 1972 में पद्म श्री और साल 2011 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसके साथ वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) को दो बार बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिल चुका है.

आज भी वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) फिल्मों में सक्रिय हैं और भारतीय सिनेमा के स्वर्ण काल की याद दिलाती हैं.

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पिया तोसे नैना लागे रे...

चित्रपट : गाइड          गायिका: लता मंगेशकर

गीतकार: शैलेंद्र         संगीतकार: सचिन देव बर्मन

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