!!विद्यालय में मना नारी सम्मान
का पवित्र पर्व रक्षाबंधन!!
रूडकी 21 अगस्त (कमल किशोर डुकलान शिक्षाविद) रक्षाबंधन के पर्व में भाई बहन का अटूट स्नेह के साथ नारी सम्मान की रक्षा के लिए सर्वस्व समर्पण करने एवं भगवान बिष्णु के वामनावतार के रूप में राजा बलि के साम्राज्यवाद से पृथ्वी को मुक्त कराने की अदभुत गाथा का का इतिहास छिपा है।
समाजिक समरसता एवं नारी सम्मान के पवित्र पर्व रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर वासुदेव लाल मैथिल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज ब्रह्मपुर रुड़की हरिद्वार के छात्र-छात्राओं ने राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया।
कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री कमल किशोर डुकलान ने कहा कि भारतवर्ष विविध संस्कृतियों वाला देश है। प्राचीनकाल से ही भारत में किसी न किसी उत्सव-पर्वों की एक महान श्रृंखला चली आ रही है। उसी कड़ी में श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष सामाजिक समरसता और नारी सम्मान का पवित्र पर्व रक्षाबंधन मनाया जाता है। इस पर्व का भारतीय समाज व संस्कृति में अत्यंत महत्व है।
छात्रों को सम्बोधित करते हुए श्री कमल किशोर डुकलान ने रक्षासूत्र में भाई बहन का अटूट स्नेह बंधन गुंथा हुआ है। इनमें छिपा है नारी के सम्मान की रक्षा के लिए सर्वस्व समर्पण करने वाले वीर पुरूषों का इतिहास छिपा है।हमने पिछले वर्ष कोरोना काल के प्रतिबंधों में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रसार भारती द्वारा दूरदर्शन पर दिखाये जा रहे बिष्णु पुराण धारावाहिक में राजा बलि के साम्राज्यवाद से पृथ्वी को मुक्त कराने की वामनावतार की अदभुत गाथा को देखा। रक्षाबंधन के पर्व पर हाथ की कलाई में बंधने वाले रक्षासूत्र से जन -जन के हृदय को जोड़ने का नाम ही रक्षाबंधन है।
विद्यालय की प्रातः कालीन वंदना सभा में विद्यालयी भैया-बहिनों ने परस्पर एक दूसरे को रक्षासूत्र बंधे तथा एक-दूसरे की सुरक्षा की शपथ ली। इस मौके पर कार्यक्रम प्रमुख श्रीमती मंजू सैनी ने सामाजिक समरसता एवं नारी सम्मान के प्रतीक भाई बहिन के अटूट रिश्ते को सदा बनाए रखने पर जोर दिया।
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