उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में मनाया गया अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस
देहरादून 21 जून (जे के रस्तौगी संवाददाता गोविंद कृपा देहरादून) 7वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में किया गया।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी को शुभकामना देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से आज पूरी दुनियां 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रही है। योग से हम केवल अपने आप को स्वस्थ हीं नहीं रख सकते बल्कि एक स्वस्थ निर्मा ण भी कर सकते हैं। उत्तराखण्ड योग का उद्गम स्थल रहा है, हिमालय की वादियो से निकलकर पूरी दुनियां में फैला है। उत्तराखण्ड की धरती पर अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के योगाभ्यास किये जाने का अपना अलग महत्व है, उन्होने कहा कि जैसा कि मुझे बताया गया इस अवसर पर प्रदेश के 4000 से अधिक लोग ऑनलाईन माध्यम से योगाभ्यास अपने घरों में रहे है इसके लिए मैं आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग को बधाई देता हूं। कार्यक्रम को सम्बोधित विशिष्ट अतिथि मा० आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डॉ० हरक सिंह रावत ने कहा कि कोरोना काल में लोगों ने योग के महत्ता को पहचाना है, उत्तराखण्ड की धरती से ही योग का उद्भव हुआ चरक जिन्होंने चरक संहिता का ज्ञान दिया, उनकी तपस्थली कोटद्वार स्थित चरेक डांडा में उच्च स्तर का आयुर्वेद शोध संस्थान का निर्माण किया जा रहा है जिसके लिए लगभग 52 एकड आवंटन किया जा चुका है। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा इस अवसर पर योग सप्ताह का चलाया जाना अत्यन्त सराहनीय है। विश्वविद्यालय के परिसर में कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के राजकीय कार्यक्रम के आयोजन किये जाने हेतु उन्होंने आयुर्वेद विश्वविद्यालय सहित आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग तथा निदेशालय आयुर्वेदिक एवं यूनानी के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को बधाई दी। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उत्तराखण विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार जोशी जी ने कहा कि यद्यपि योग से हम परिस्थिति को नहीं बदल सकते लेकिन परिस्थितियों से उत्पन्न प्रतिक्रियाओं को बदलने में योग की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय योग को बढ़ावा देने के लिए योग के पाठय क्रमो की शुरुआत करने जा रहा है जिसके अन्तर्गत योग के डिप्लोमा एवं सार्टिफिकेट पाठ्यक्रमों का समावेश जायेगा। प्रोफेसर सुनील कुमार जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के माध्यम से आयुर्वेद एवं योग को प्रदेश के जन जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
कार्यक्रम में परिसर के अन्दर वृक्ष वाटिका में वृक्ष नमन वृक्षारोपण कार्यक्रम हुआ जिसमें भा० मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत, मा० आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डॉ० हरक सिंह रावत ने परिसर में वृक्षारोपण किया। कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दिये गये प्रोटोकॉल के तहत आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिये गये सामान्य योग प्रोटोकॉल का अभ्यास कराया गया जिसमें मा० मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत, मा० आयुष मंत्री डॉ० हरक सिंह रावत सहित गणमान्य अतिथियों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए योगाभ्यास किया। कार्यक्रम योग सत्र संचालन एवं योग प्रदर्शन क्रमश: डॉ० मन्नत मारवाहा, कु० दिलराज प्रीत कौर एवं कु० नेहा नन्दा द्वारा किया गया। इसी कार्यक्रम में विशिष्ट योग का प्रदर्शन कु० दिलराज प्रीत कौर द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन निदेशक आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवायें डॉ० एम०पी० सिंह द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ० नवीन चन्द्र जोशी एवं डॉ० वर्षा सक्सैना द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। अन्त में राष्ट्र गान द्वारा कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम के उपरान्त विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन में मा० मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक ली गई, जिसमें मा० आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डॉ० हरक सिंह रावत एवं सचिव, आयुष एवं आयुष शिक्षा श्री चन्द्रेश कुमार विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर उत्तम कुमार शर्मा सहित विश्वविद्यालय / आयुष विभाग के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया गया। चरेक का डांडा अन्तर्राष्ट्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान हेतु रूपया 10.00 करोड़ का बजट आवंटन विश्वविद्यालय की बचतों से किये जाने जाने के साथ ही परिसर में 500 बैठने की क्षमता वाले ऑडिटोरियम के निर्माण की स्वीकृति भी दी गई। इस अवसर पर कुलसचिव प्रोफेसर उत्तम कुमार शर्मा, परिसर निदेशक प्रोफेसर राधावल्लभ सती, कुलपति के निजी सचिव श्री चन्द्रमोहन पैन्यूली, परीक्षा नियंत्रक डॉ० पी०के० गुप्ता, उप कुलसचिव डॉ० शैलेन्द्र प्रधान, सहायक कुलसचिव श्री संजीव कुमार पाण्डेय, संयुक्त निदेशक डॉ० के०एस० नपलच्याल, डॉ० आर०पी० सिंह. डॉ० जी०एस० जंगपांगी, डॉ० अनुराग वत्स, डॉ० दीप चन्द्र पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।
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