*विचार करें कि:-*
*(1)*
*सुबह 10 बज के 15 मिनट नंदा देवी ग्लेशियर टूटता है*
*दुर्घटना में वहां हाइड्रो परियोजना में काम कर रहे 35 लोग बह जाते हैं*
*10 मिनट बाद पानी का रेला 10 KM आगे के एक अन्य निर्माणाधीन प्रोजेक्ट को तबाह करता है... 125 लोगो को बहा ले जाता है.....*
*बस तबाही को यहां से आगे जाने लेने से रोक दिया जाता है 11:30 तक जोशीमठ के आसपास के लोग सुरक्षित निकाल लिए जाते हैं पानी आने से पहले...*
*2 बजे तक श्रीनगर के बांध से पहले पानी छोड़ कर और फिर अलकनंदा के तीव्र प्रवाह को बांध में रोक इस तबाही को आगे बढ़ने से रोक दिया जाता है.....*
*ये सिर्फ चार घंटे के भीतर का आपदा प्रबंधन था.... वो भी भारत में.... इससे पूर्व आपने इसकी कल्पना भी की थी कभी...*
*पूर्व_तैयारी_का_अनुमान लगाइए...... इससे जुड़े हर व्यक्ति की कर्मठता पर विचार कीजिये....*
*ये नया भारत है.....और इस आपदा को रोकने वाले उस देवों के देव महादेव का ही स्वरूप जिन्होंने गंगा का प्रवाह जटाओं में बांध भू लोक की रक्षा की..... मैंने पौराणिक को यथार्थ बनते देखा कल!*
*इसे कहते है*
*मैं_हूँ_न*
*वर्ना....*
*(2)*
*वर्ष 2013 में उत्तराखंड के केदारनाथ में आई भीषण आपदा पर कांग्रेस सरकार ने 2 दिन बाद केंद्र सरकार से मदद मांगी थी और केंद्र सरकार ने 3 दिन बाद सेना को भेजा था।*
*राहत सामग्री के ट्रक 2 दिन इसलिए खड़े रहे थे कि राजमाता विदेश यात्रा से लौट कर झंडी दिखा कर भेजेंगी।*
*अंततः कुछ पहुंचे और कुछ रास्ते मे ही बंदरबांट हो गये !*
*फर्क तो अंधो को भी दिख जायेगा*
*जहां आज....2021 में सिर्फ 4 घण्टे के अंदर सेना*
*ITBP, SDRF, NDRF उत्तराखण्ड पहुंची और 4 अस्थायी पुल बना कर राहत कार्य शुरू कर दिया।*
*उत्तराखंड आपदा*(डा0 संजय सिंह की वाल से साभार)
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