समसामयिक परिस्थितियो मे वरिष्ठ समाजसेवी और पार्षद अनिल मिश्रा जी का महत्वपूर्ण लेख
पहले पडौसी के भोजन की चिंता करे फिर नेताओ को चैक और राहत सामग्री देना। अगर नेताओ के भरोसे देश सुखद, सम्पन्न और समाज सुरक्षित हो जाता तो स्वीस बैक में अथाह भारत की सम्पति कैद न होती।
यह जो हरिद्वार के दानवीर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री राहत कोष में धन जमा करा रहे हैं इसका लाभ यहां की स्थानीय जनता को बिल्कुल भी नहीं मिल पा रहा है जो कि बहुत ही दुखद विषय है जबकि जनता के ऊपर लाक डाउन का आदेश सरकार ने दे करके उनको घरों में बंद किया है तो उनके राशन पानी की व्यवस्था भी सरकार को निर्बाध रूप से करना चाहिए इसमें यह नहीं देखना चाहिए कि कौन वोटर है कौन सपोर्टर है यहां सम्मानित जनता अपना कामकाज करके अपना जीवन निर्वाह करती थी वह भिखारी नहीं है सिर्फ सरकार के द्वारा आदेशों के पालन बस मजबूर है अतः हमें इनकी मजबूरी का फायदा ना उठाते हुए और राजनीति से परे रखते हुए इनका पालन पोषण करना चाहिए हम कोई एहसान नहीं कर रहे जनता पर जो लोग सरकार को कोषऔर सामान दे रहे हैं उसमें से बहुत सारे लोग स्थानीय स्तर पर हम लोगों के माध्यम से जो कि सीधे सीधे जनता से जुड़े हुए लोग हैं हम सब लोग कोई सहयोग नहीं कर पा रहे हैं जो कि बहुत ही समस्याओं को जन्म दे रही सरकार में बैठे लोग एवं अधिकारी इन बातों से इत्तेफाक नहीं रखते हैं यह भी चिंता का विषय है।
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