हरिद्वार 15 अगस्त विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस — बलिदानों का स्मरण, एकता का संकल्प और बुजुर्गों का सम्मान
भारत-पाकिस्तान विभाजन की भयावह त्रासदी और लाखों निर्दोष नागरिकों के बलिदानों की स्मृति में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा घोषित “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” के अवसर पर हरिद्वार के गोविन्द घाट, गोविन्दपुरी में एक भव्य श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ पवित्र गंगा तट पर सामूहिक हवन, दीपदान, अरदास एवं मौन श्रद्धांजलि से हुआ। माँ गंगा की आरती और ज्योति प्रवाह के साथ उपस्थित जनसमूह ने विभाजन की पीड़ा को नमन किया और राष्ट्र की एकता व अखंडता बनाए रखने का संकल्प लिया ।
परम श्रद्धेय महामंडलेश्वर स्वामी अरुण दास जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि “विभाजन की त्रासदी हमें यह सिखाती है कि राष्ट्र की अखंडता, भाईचारा और आपसी सद्भाव बनाए रखना ही सच्ची देशभक्ति है।”
इस अवसर पर निर्मल संतपुरा आश्रम के संत जगजीत सिंह शास्त्री जी, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा जी, राज्य मंत्री विकास डाबर जी तथा हरिद्वार महापौर किरण जैसल जी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने विभाजन की पीड़ा, देश की एकता और समाज में भाईचारे के महत्व पर अपने प्रेरणादायक विचार प्रस्तुत किए ।
कार्यक्रम संयोजक वरिष्ठ समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा ने बताया की विभाजन केवल सरहदों का नहीं, बल्कि करोड़ों दिलों का बंटवारा था । इसकी पीड़ा आज भी हमारे दिलों में ताज़ा है। "हमारी माताओं-बहनों ने जो कठिनाइयाँ झेली, उन्हें याद करना और सम्मान देना हम सबका कर्तव्य है । उत्तरांचल पंजाबी महासभा हरिद्वार के जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने बताया की "यह दिवस हमारी पीढ़ियों को एकजुट रहने और अपने सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने की प्रेरणा देता है ।
कार्यक्रम के अंत में बुजुर्ग विभाजन पीड़ितों का सम्मान किया गया, जिससे उनके संघर्ष और बलिदान की स्मृति को सम्मानपूर्वक संजोया जा सके ।
इस आयोजन का नेतृत्व उत्तरांचल पंजाबी महासभा (रजि.), हरिद्वार द्वारा किया गया, जिसमें कोर कमेटी के सदस्यों और स्थानीय नागरिकों का विशेष योगदान रहा ।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति, सामाजिक कार्यकर्ता और शहरवासी उपस्थित रहे ।
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