शांतिकुंज में श्रद्धा ,व उल्लास के साथ मनाया गया महाशिवरात्रि पर्व

 डॉ पण्ड्या ने किया शिवाभिषेक, सर्वे भवन्तु सुखिनः की प्रार्थना की

देसंविवि में भक्तिगीत की बही गंगा, जय भोले हितकारी गीत में झूमे हजारों शिवभक्त


हरिद्वार 8 मार्च गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने भगवान महादेव की विशेष पूजा अर्चना की। गायत्री परिवार के हजारों श्रद्धालुओं के प्रतिनिधि के रूप में प्रमुखद्वय ने पुरुष सूक्त, महाकालाष्टक, रुद्राष्टक व अन्य वैदिक कर्मकांड के साथ पूजा अर्चना की। तो वहीं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में देसंविवि के प्रतिकुलपति व युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या एवं श्रीमती शैफाली पण्ड्या ने महाभिषेक कर विश्व शांति की कामना की। इस अवसर पर प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर परिसर में भक्ति गीत की गंगा बही, तो वहीं हजारों शिव भक्त जय भोले हितकारी गीत में झूम उठे।

इस अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि समाज को बचाने के लिए महाकाल ने विष का पान किया, उन्होंने सदैव दूसरों का कल्याण ही किया है। गायत्री परिवार के संस्थापक पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने भी विश्व कल्याण के लिए काफी अपमान सहे, परंतु शिव की भांति वसुधैव कुटुंबकम के भाव को जन-जन के मनों में उतारने का सार्थक प्रयास किया, जिससे प्राणी मात्र में प्यार, सहकार का भाव जागृत हो सकें।

पुरुष सूक्त व महाकालाष्टक के साथ रुद्राभिषेक का वैदिक कर्मकाण्ड श्री श्याम बिहारी दुबे एवं श्री उदयकिशोर मिश्र ने किया। संगीत विभाग के भाइयों ने सुमधुर शिव आराधना प्रस्तुत की। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव एवं शांतिकुंज स्थित शिवालय में विशेष पूजा, रुद्राभिषेक, शिवाभिषेक का क्रम देर सायं तक चलता रहा। इस अवसर पर देवसंस्कृति विवि के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित समस्त स्टाफ, विद्यार्थियों, शांतिकुंज के अंतेःवासी कार्यकर्त्ता एवं देश विदेश से आये शिव भक्त मौजूद रहे।


नारी शक्ति द्वारा संचालित हो रहे यज्ञायोजन

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि नारी ही समाज धुरी है। आज नारियाँ जल, पृथ्वी और आकाश में चहुंओर अपना परचम लहरा रही हैं। उन्होनें कहा कि गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा ने समाज से वंचित व पिछड़ी लाखों महिलाओं को ऊँचा उठाया है और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रशिक्षित व मार्गदर्शन किया है। अखिल विश्व गायत्री परिवार और देवसंस्कृति विश्वविद्यालय उनके बताये सूत्रों पर सतत सक्रियता के साथ आगे बढ़ रहा है। इसका परिणाम है कि छोटे से छोटे कार्य से लेकर अश्वमेध महायज्ञ जैसे विराट आयोजन भी नारी शक्ति के माध्यम से सम्पन्न होने लगे हैं।


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