नारी सशक्तिकरण, राष्ट्र की सुख समृद्धि के भाव जगा मुंबई अश्वमेध महायज्ञ सम्पन्न
-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुंबई अश्वमेध महायज्ञ के उद्देश्य व आयोजन के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार की सराहना,
शांतिकंुज प्रमुखद्वय व डाॅ चिन्मय पण्ड्या को दिया साधुवाद
-भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस, मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, गीतकार समीर अनजान सहित फिल्म, कला एवं खेल जगत की जानी मानी हस्तियों ने किया प्रतिभाग
-समीर ने अश्वमेध महायज्ञ पर लिखा गीत, शंकर महादेवन की आवाज, हिमेश रेशमिया का रहा संगीत, इन्होंने महायज्ञ में भी डाली आहुतियां
हरिद्वार, 27 फरवरी।
नारी सशक्तिकरण, नशा मुक्ति पीढी और राष्ट्र की सुख समृद्धि उन्नति के भाव जगा पांच दिवसीय मुंबई अश्वमेध महायज्ञ का सफल समापन हो गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अखिल विश्व गायत्री परिवार को साधुवाद देते हुए कहा कि अश्वमेध महायज्ञ सामाजिक संकल्प का महाभियान है। महा जग में वर्चुअली प्रतिभाग करते हुए अपने संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यज्ञ के माध्यम से युवाओं को नशा और दुव्र्यसन से मुक्ति दिलाने का जो संकल्प कराया गया है, वह युवाओं को राष्ट्र के निर्माण में उत्सर्जित करेगा, उन्होंने महायज्ञ आयोजन के लिए डाॅ चिन्मय पण्ड्या के नेतृत्व की सराहना की।
सत्ताइस लाख से अधिक साधकों ने अश्वमेध महायज्ञ में अखिल विश्व गायत्री परिवार के उद्देश्योे की पूर्ति के लिए हवन कुण्ड में आहुति डाली और संकल्प लिया। देश विदेश के अनेकानेक लोेग भी आनलाइन जुड़े। मुंबई अश्वमेध महायज्ञ का नेतृत्व कर रहे युवा आइकाॅन डाॅ चिन्मय पण्ड्या के आवाहन पर धरा को हरा-भरा रखने के लिए लाखों की संख्या में पौधों का वितरण किया गया और लोगों को पर्यावरण संरक्षण संकल्प दिलाया गया।
पांच दिवसीय मुंबई अश्वमेध महायज्ञ का शुभारंभ पच्चीस हजार महिलाओं की कलश शोभायात्रा से हुआ। इस अवसर पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फणनवीस विशेष रूप से उपस्थित थे। गायत्री परिवार की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी, डाॅ चिन्मय पण्ड्या, श्रीमती शेफाली पण्ड्या, प्रसिद्ध व्यवसायी जे कुमार इन्फ्रा के जगदीश कुमार गुप्ता ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखा शोभायात्रा का शुभारंभ किया था। महायज्ञ के अंतिम करीब पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने विभिन्न पाली में आहुतियां डाली।
महायज्ञ के प्रथम दिन देवमंच से युवा आइकान डाॅ चिन्मय पण्ड्या ने यज्ञ की विशेषता, प्रकार एवं लाभ पर विस्तार से प्रकाश डाला। यज्ञ के दूसरे पर्यावरण संरक्षण नारी सशक्तिकरण, नशा मुक्त विश्व, मानव कल्याण, सहयोग संगठन, और सशक्त राष्ट्र के संकल्प को पूरा करने के उदृदेश्य से 50 से अधिक देशों से आये याजक-साधकों ने यज्ञ में आहुति डाली। इस मौके पर गायत्री परिवार की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने लाखों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से गायत्री महामंत्र की दीक्षा दी।
महायज्ञ के तीसरे दिन ज्ञानमंच से केन्द्रीय रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे ने संबोधन दिया। इस अवसर पर युवा आइकान डाॅ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि राष्ट्र के समग्र विकास को समर्पित अश्वमेध महायज्ञ।
चैथे दिन डाॅ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि पूज्य गुरुदेव ने हम बदलेंगंे-युग बदलेगा, हम सुधरंेगे-युग सुधरेगा, का जो सूत्र दिया है। इसकी पूर्ति हेतु गायत्री परिवार का कार्यकर्ता सतत सक्रिय है। अंतिम दिन युवा आइकान डाॅ चिन्मय पण्ड्या ने यज्ञ और महायज्ञों की महत्ता प्रकाश डालते हुए कहा कि अश्वमेध महायज्ञ राष्ट्र के सर्वागीण विकास के निमित्त आयोजित किया जाता है। इसका आरंभ 1992 में गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा ने किया था। इस क्रम में यह 47वां है। उन्होंने सभी विशेष कर युवाओं से विश्व बंधुत्व, नशा मुक्त विश्व और सुख समृद्धि राष्ट्र निर्माण में पूरे मनोयोग से जुट जाने का आवाहन किया।
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