मैं शंख बजाते चलता हूँ, मेरे साथ चलिए ः डॉ पण्ड्या
हरिद्वार 22 दिसंबर। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि गायत्री परिवार के संस्थापक वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा दिये गये शंख बजाते हुए (गायत्री महामंत्र का विस्तार) चलता हंू, आप सब मेरे साथ चलिए। भारत सहित पूरी दुनिया में सद्बुद्धि की अधिष्ठात्री मां गायत्री के सद्विचार और मंत्र को फैलाना है। सद्विचार आपके मानसिक स्तर को परिष्कृत करेगा और गायत्री महामंत्र की साधना आध्यात्मिक उर्जा से पोषित करेगी।
युवाओं के प्रेरणा स्रोत श्रद्धेय डॉ पण्ड्या शांतिकुंज के मुख्य सभागार में आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। श्रद्धेय डॉ पण्ड्या ने कहा कि गायत्री साधना न केवल साधक को ऊँचा उठने में मदद करती है, वरन् इस मंत्र के जप से साधक का तन मन दोनों सुदृढ होता है। मुझे इस महामंत्र के जप से अनेक लाभ प्राप्त हुए हैं। आपको भी मिल सकते हैं। गीता व गायत्री विषयक कई पुस्तकों के लेखक श्रद्धेय डॉ पण्ड्या ने कहा कि लगन व निष्ठा से किया जाने वाले प्रत्येक कार्य में सफलता अवश्य मिलती हैै। पूरी दुनिया का कोई भी व्यक्ति इस मंत्र की साधना कर सकता है। अपनी आत्मिक और आध्यात्मिक उन्नति चाहने वाले प्रत्येक व्यक्ति से तपोनिष्ठ पूज्य आचार्य जी ने कहा है कि गायत्री मंत्र की साधना सभी के लिए है, कोई भी कर सकता है। यह सार्वभौम हैै।
इससे पूर्व शांतिकुंज के श्री ओंकार पाटीदार व श्री प्रेमलाल बिरला की युगगायकों की टीम ने गुरु की छाया में शरण जो पा गया और जीवन के देवता को आओ तनिक संवारे भक्ति संगीत से उपस्थित साधकों को सराबोर कर दिया। इस अवसर पर श्री शिवप्रसाद मिश्र, श्री संदीप कुमार सहित नौ दिवसीय संजीवनी साधना सत्र, एक मासीय युगशिल्पी सत्र आदि में आये प्रशिक्षणार्थी, शांतिकुंज के अंतेवासी कार्यकर्ता भाई बहिन उपस्थित रहे। मंच संचालन श्री श्याम बिहारी दुबे ने किया।
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शांतिकुंज अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी का जन्मदिन कल (आज)
अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेया शैलदीदी का 71वाँ जन्मदिन मोक्षदा एकादशी (गीता जयंती- 23 दिसंबर) को सादगी से मनाया जायेगा। देश भर में नारी सशक्तिकरण सहित अनेक रचनात्मक कार्यों का नेतृत्व करने वाली श्रद्धेया शैलदीदी का जीवन सादगी एवं साधना से परिपूर्ण है। उन्होंने पीड़ित मानवता के
उद्धार में अपना जीवन लगा दिया है।
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