हरिद्वार/ ज्वालापुर 18 अगस्त ( संजय वर्मा )श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर स्थानीय श्री सिद्धपीठ सिद्धाश्रम मयूर विहार आर्य नगर ज्वालापुर हरिद्वार में विशेष आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्रीकृष्ण व सिद्धसंत आध्यात्मिक गुरु महाप्रभु श्री योगेश्वर पुष्पनंदन जी महाराज की भव्य प्रतिमा अनावरण कर वैदिक मंत्रोच्चारण नगाड़ों व शंखनाद के साथ किया गया तदोपरांत विभिन्न स्थानों से आए श्रद्धालुओं ने आश्रम परिसर में भक्ति गीतों के माध्यम से कार्यक्रम में ऊर्जा का संचार किया एवं गायकों द्वारा गाए गए सुंदर भजनों पर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे भगवान श्री कृष्ण की यह प्रतिमा उत्तर भारत की पंचधातु से निर्मित व 7 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा है । भगवान श्री कृष्ण की इस भव्य प्रतिमा के उपलक्ष में बताते हुए ब्रह्मलीन सिद्धसंत आध्यात्मिक गुरु महाप्रभु श्री योगेश्वर पुष्पनंदन जी महाराज कहते थे कि जो व्यक्ति भगवान श्री कृष्ण की इस पंचधातु से निर्मित प्रतिमा का प्रतिदिन दर्शन करता है एवं शीश नवा कर प्रणाम करता है तो उस व्यक्ति पर नवग्रह का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है । इस प्रतिमा के ऊपर प्रतिदिन त्राटक करने से व्यक्ति राजा के समान जीवन यापन करता है।
घंटे, घड़ियाल शंख नगाड़ों के साथ भगवान श्री कृष्ण की आरती नन्हे-मुन्ने बाल गोपालों द्वारा श्रद्धा पूर्वक की गई तथा सभी बाल गोपालों को उपहार भेंट किए गए।
कार्यक्रम में भगवान लड्डू गोपाल जी को शुद्ध देसी घी से बने 11 किलो के लड्डू व माखन मिश्री का भोग लगाया गया,
कार्यक्रम में उपस्थित हुए श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया श्री सिद्धपीठ सिद्धाश्रम में कार्यक्रम का प्रसारण फेसबुक पर लाइव किया गया।
इस शुभ अवसर पर आश्रम के डायरेक्टर व ट्रस्टी राजेश अंगिरा ने बताया कि सिद्धसंत आध्यात्मिक गुरु महाप्रभु श्री योगेश्वर जी महाराज एवम् भगवान श्री कृष्ण की इस प्रतिमा के प्रतिदिन दर्शन मात्र से संसार एवं आध्यात्मिक दोनों मार्गों में सफलता मिलती है और शांति व उन्नति मिलती है। सिद्धसंत आध्यात्मिक गुरु महाप्रभु श्री योगेश्वर पुष्पनंदन जी महाराज व भगवान श्री कृष्ण की भव्य प्रतिमा के पूजन उपरांत सभी भक्तों व शिष्यों ने जय गुरुदेव, जय गुरुदेव कहते हुए अपने-अपने घर को प्रस्थान किया।
इस मौके पर आशु चौहान, विकास भारद्वाज, नरेंद्र चौहान, गुरदीप सिंह, राजीव कपूर, नकुल चौहान, विकास चौहान, संजय खन्ना, दिनेश गोयल सहित सैकड़ों भक्तों व शिष्यों ने भाग लिया।
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