प्रोफेसर वेद प्रकाश शास्त्री के जन्मदिवस पर चार दिवसीय यज्ञ का हुआ शुभारंभ






. हरिद्वार 11 (सुशील त्यागी ) वैदिक साहित्य एवं संस्कृत साहित्य के विशिष्ट विद्वान तथा गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के पूर्व आचार्य एवं उपकुलपति महामहोपाध्याय आचार्य  प्रोफेसर वेद प्रकाश शास्त्री जी  की 77 वी जन्म जयंती के अवसर पर दिनांक 6 जून से 9 जून 2022 तक चार दिवसीय यज्ञ का आयोजन उनके निवास स्थान वेद निलयम ज्ञान लोक कॉलोनी कनखल हरिद्वार में किया गया। यज्ञ के ब्रह्मा गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं वैदिक विद्वान डॉ भारत वेदालंकार तथा माता पुष्प लता देवी व शास्त्री परिवार रहा।

 इस अवसर पर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एवं वैदिक विद्वान डॉ भारत भूषण विद्यालंकार ने यज्ञोपदेश करते हुए कहा कि यज्ञ से मनुष्य की सभी अभिलाषा पूर्ण होती हैं यज्ञ से पर्यावरण शुद्ध होता है प्रोफेसर विद्यालंकार ने कहा गया आचार्य वेद प्रकाश शास्त्री जी ने आजीवन यज्ञ किया इसी परंपरा का निर्वहन आज उनका परिवार पूर्णरूपेण निभा रहा है।

आचार्य वेद प्रकाश शास्त्री जी की धर्मपत्नी श्रीमती पुष्प लता देवी m.a. संस्कृत ने अपने पति देव की जन्म जयंती के अवसर पर "वेद यज्ञ सुधा" पुस्तक का प्रकाशन कराया जिसका  लोकार्पण गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफ़ेसर भारत भूषण विद्यालंकार  गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर के उपाचार्य डॉ सुशील कुमार त्यागी, B.D इंटर कॉलेज भगवानपुर के  सहायक अध्यापक संस्कृत डॉ विजय कुमार त्यागी ,माता पुष्प लता देवी संपादिका , इंजीनियर राजीव कुमार ,संजीव कुमार गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर विनीत कुमार एवं शास्त्री परिवार द्वारा संयुक्त रूप से वेद यज्ञ सुधा पुस्तिका का लोकार्पण किया गया । भूषण विद्यालंकार ने आचार्य वेद प्रकाश शास्त्री का स्मरण करते हुए कहा कि आचार्य जी यह यज्ञीय पुरुष थे । सादा जीवन उच्च विचार धारण करने वाले एक आदर्श आचार्य थे डॉक्टर सुशील कुमार त्यागी ने आचार्य जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कहा कि आचार्य वेद प्रकाश शास्त्री का जन्म 6 जून 1945 को ग्राम सरकड़ा विश्नोई जनपद मुरादाबाद में हुआ था तथा निधन 4 मई 2021 को हुआ ।  आचार्य जी का उत्तम शोध लेखों का वृहद संग्रह श्रुति मंजरी के नाम से प्रकाशित हुआ  विजय कुमार त्यागी ने कहा कि विश्वविद्यालय में आचार्य जी ने लगभग 43 वर्षों तक गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर डीन, आचार्य , उपकुलपति व कुलपति जैसे विभिन्न पदों पर कार्य किया। आचार्य जी के पुत्रों राजीव कुमार, संजीव कुमार, डॉ विनीत कुमार ,पुत्रवधू श्रीमती  छवि, श्रीमती नीलम ,श्रीमती दीपा पोत्रो अर्चित, ऋतम , श्रेयस तथा पुत्रियों वर्णिका , विचक्षा, प्रचेता आदि पारिवारिक जनों ने आचार्य श्री को याद करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन समर्पित किए तथा उनके वैदिक उनके बताए वैदिक मार्ग पर चलने का संकल्प किया।

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