माता सच्चिदानंद निर्मल कुटिया का वैशाखी महोत्सव हुआ सम्पन्न

 हरि कीर्तन से मन एकाग्र होता है:-  स्वामी सर्वेश्वर सिंह शास्त्री निर्मल जी महाराज

 हरिद्वार 14 अप्रैल (संजय वर्मा)   निर्मल संप्रदाय की प्रतिष्ठित संस्था माता सच्चिदानंद निर्मल कुटिया में वैशाखी महोत्सव के अंतर्गत सदगुरुदेव स्वामी सर्वेश्वर सिंह शास्त्री निर्मल जी महाराज ने कहा कि नाद योग अंतर्गत भजन कीर्तन करने से मन ईश्वर के चरणों में विलीन हो जाता है। यह साधना का सरल मार्ग है जिसमें गीत ,संगीत ,भजन ,वाद्य यंत्रों के माध्यम से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा उर्धगामी होकर साधक को ईश्वर में विलीन कर देती है और यह ईश्वर को पाने का एक सरल उपाय है ।सदगुरुदेव स्वामी सर्वेश्वर सिंह शास्त्री निर्मल जी महाराज के सानिध्य में वैशाखी महोत्सव आज विशाल संत भंडारे ,गुरु ग्रंथ साहब के अखंड पाठ के पश्चात भोग ,अरदास के साथ समाप्त हुआ ।इस अवसर पर माता सच्चिदानंद निर्मल कुटिया की संचालिका बहन विमला निर्मल जी ने आई हुई संगत को आशीर्वाद देते हुए कहा कि गंगा किनारे स्थित माता सच्चिदानंद निर्मल कुटिया हमारे गुरुजनों की तपस्थली रही है। जहां पर आकर हमें आध्यात्मिक ऊर्जा की अनुभूति होती है ।विशाल संत भंडारे के साथ आज माता सच्चिदानंद निर्मल  कुटिया का वैशाखी महोत्सव संपन्न हुआ।



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