मायापुरी शक्ति की साधना का सिद्ध क्षेत्र

        शक्ति की साधना का सिद्ध क्षेत्र है मायापुरी 

शरदीय  नवरात्रों के दिनों में मां भगवती के नौ रूपों का पूजन होता है और हरिद्वार जिस का प्राचीन नाम मायापुरी है तथा सप्तपुरीयो  में से एक है यह स्थान हमारे शास्त्रों में शक्ति की साधना उपासना का सिद्ध क्षेत्र है जहां पर मां भगवती की कृपा सहज ही प्राप्त की जा सकती है नील पर्वत पर स्थिति मां चंडी देवी उसकी तलहटी में बह रही द्रव्य स्वरूपा मां भगवती श्री गंगा जी मायापुरी की अधिष्ठात्री देवी माया देवी उसके निकट स्थित मां मनसा देवी इन सब से मिलकर मायापुरी में एक शक्ति चक्र बनता है जो इस पावन क्षेत्र को मां भगवती की साधना का बड़ा ही उपयुक्त स्थान बनाता है गंगा जी जो स्वयं में भगवान शिव की कृपा से इस धरा धाम पर अवतरित हुई है उसके तट पर भगवती की आराधना करने से मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है वैसे भी मायापुरी के निकट दक्ष नगरी मां सती  के पिता का घर है और मां भगवती का रूप सती ,पार्वती है जिसका एक रूप ब्रह्मचारिणी भी है शैलपुत्री के बाद द्वितीय नवरात्रि के रूप में ब्रह्मचारिणी की ही उपासना होती हैइस कारण तीर्थ नगरी हरिद्वार शक्ति की उपासना का अद्भुत स्थान है जहां पर विभिन्न स्थानहै जो मां भगवती मां सतीऔर पार्वती से जुड़े हैं जूडे

से बिल्केश्वर ,सती कुंड आदि इन स्थानों स्थानों पर मां  भगवती के उपासक यहां पर दूर-दूर से आकर नवरात्रों में अनुष्ठान करते हैं  सिद्ध पीठ काली मंदिर,प्राचीन सुरेश्वरी देवी मंदिर और हरिद्वार के निकट स्थित कुंजापुरी मंदिर मां भगवती की आराधना के केंद्र है  वैसे तो देवभूमि उत्तराखंड अपने आप में जप तप के लिए हमारे वेद शास्त्रों में सिद्ध स्थान बताया गया है उस में  मायापुरी का विशेष स्थान है।




No comments:

Post a Comment

Featured Post

कल रविवार से मंगलवार तक मनाया जाएगा अजर निर्वाण महोत्सव

1 से 3 जून तक श्रद्धा पूर्वक मनाया जाएगा अजर निर्वाण महोत्सव  अजर धाम महिला आश्रम ट्रस्ट सप्त सरोवर हरिद्वार के तत्वाधान में 1 जून से 3 जून ...