संस्कृत शिक्षक संघ दिल्ली ने उत्तराखण्ड के बी.डी.इ.का भगवानपुर, हरिद्वार के शिक्षक डॉ. विजय कुमार त्यागी को दिया “संस्कृत-शिक्षक-रत्न सम्मान 2021”
हरिद्वार 12 सितंबर (
वीरेंद्र शर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) शिक्षाविद् डॉ. विजय कुमार त्यागी को संस्कृत विषय की विभिन्न गतिविधियों एवं परिषदीय परीक्षाओं में संस्कृत विषय के शत प्रतिशत परिणाम के सम्बन्ध में संस्कृत शिक्षक संघ दिल्ली ने स्थापना दिवस पर 11 सितम्बर 2021 को संस्कृत-शिक्षक-रत्न सम्मान से अलंकृत किया। यह संघ विश्वभर की संस्कृत गतिविधियों को प्रोत्साहित, प्रेरित एवं सम्मानित करने का दायित्व वहन करती है।
कहा गया है “संस्कृतिः संस्कृताश्रिता” अर्थात् हमारी भारतीय संस्कृति देववाणी संस्कृत पर आधारित है। “भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा” अर्थात् भारत की दो प्रतिष्ठाएँ विशेषताएँ हैं- गीर्वाणवाणी संस्कृत भाषा तथा भारत की संस्कृति। इन दोनों ही क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण है कि माध्यमिक स्तर तक बालक-बालिकाओं में संस्कृत भाषा के प्रसार के माध्यम से संस्कारों का बीजारोपण किया जाए, जो भविष्य में विशाल वृक्ष बन कर देश की संस्कृति की रक्षा एवं गरिमा बढ़ायेगा। भारतीय संस्कृति की रक्षा का मुख्य दायित्व संस्कृत छात्र-छात्राओं तथा संस्कृत भाषा पर है और उनको तैयार करने का कार्य संस्कृत विषय के माध्यमिक स्तरीय शिक्षकों का अत्यधिक है, क्योंकि यही संस्कारों की नींव का काल है।
संस्कृत शिक्षक संघ दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. व्रजेश गौतम तथा महासचिव डॉ. वी दयालु ने संस्कृत शिक्षक संघ के स्थापना दिवस के अवसर पर देशभर के संस्कृत विषय हेतु विशिष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने का संकल्प लिया। उत्तराखण्ड राज्य के हरिद्वार जनपद के भगवानपुर ब्लॉक के बी.डी.इ.का. भगवानपुर, हरिद्वार के संस्कृत विषय के सहायकाध्यापक डॉ. विजय कुमार त्यागी को “संस्कृतशिक्षकरत्न 2021” सम्मान से सम्मानित किया।
गौरतलब है कि डॉ. विजय कुमार त्यागी की नियुक्ति वर्ष 2016 में भगवानपुर के इंटर कालेज में हुई थी। तब संस्कृत विषय का परीक्षा परिणाम लगभग 55प्रतिशत रहता था। डॉ. त्यागी के अहर्निश प्रयासों से छात्र-छात्राओं के गुणवत्ता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। गत वर्ष यह परिणाम 99 प्रतिशत तथा 2021 में 100 रहा।
डॉ. त्यागी छात्र-छात्राओं में संस्कृत विषय के प्रति जागरूकता एवं अभिरुचि उत्पन्न करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करते हैं- (1) कक्षास्तरीय, विद्यालयस्तरीय, खण्डस्तरीय एवं जनपदस्तरीय संस्कृत श्लोकोच्चारण, संस्कृतगीतगायन, संस्कृतसम्भाषण आदि गतिविधियों का आयोजन। (2) गत 15 वर्षीय परीक्षा के प्रश्नपत्रों से सम्बन्धित पाठ्य-सहायक-सामग्री का निःशुल्क वितरण। (3) अपने पूज्य, संस्कृतमनीषि, पितामह आचार्य हरिसिंह त्यागी जी की स्मृति में “आचार्य हरिसिंह त्यागी संस्कृत छात्रवृत्ति सम्मान” से बोर्ड परीक्षा में टॉप 3 छात्रछात्राओं को 1100/- रुपये तथा प्रशस्तिपत्र से सम्मानित करना आदि कार्यों के कुशल सम्पादन का के परिणामस्वरूप छात्र-छात्राओं में उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा, देववाणी, गीर्वाणवाणी संस्कृत के प्रति अभूतपूर्व अभिरुचि संवर्धन हो रहा है। एतदर्थ डॉ. विजय त्यागी को “संस्कृतशिक्षकरत्न 2021” के सम्मान के अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय गर्ग, शिक्षक संजय पाल, ललिता देवी, पारुल शर्मा, अनुदीप, निखिल अग्रवाल, नेत्रपाल, रजत बहुखण्डी, ऋतु वर्मा, अर्चना पाल, संगीता गुप्ता, जुल्फुकार तथा शिक्षकेतर कर्मचारियों, परिजनों (डॉ. सुशील त्यागी, आचार्य संदीप त्यागी, डॉ. संजय त्यागी, आचार्य अजय त्यागी, दीपशिखा, शिविजय, प्राची), शिक्षाविद् एवं उत्तराखण्ड माध्यमिक शिक्षक संघ, गोविंद कृपा सेवा समिति धर्मार्थ ट्रस्ट की अध्यक्ष अनीता वर्मा समस्त पदाधिकारियों, साथी शिक्षकों ने डॉ. त्यागी को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से तथा सोशियल मीडिया के माध्यम से शुभकामनाएँ एवं बधाईयाँ प्रेषित कीं।
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