कुम्भ महिमा:- महंत स्वामी दुर्गेशा नंद सरस्वती जी महाराज के श्रीमुख से


 श्री मानव कल्याण आश्रम हरिद्वार और बदरी नाथ में पूज्य ललिताम्बा देवी और स्वामी कल्याणा नंद सरस्वती जी महाराज ने स्थापित किया था। हरिद्वार का शंकराचार्य चौक और स्मारक स्वामी कल्याण नंद सरस्वती जी महाराज की देन हैं। जो हरिद्वार की पहचान है। स्वामी दुर्गेशा नंद सरस्वती जी महाराज ने कुंभ पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि यह देश की अनेकता में एकता का दर्शन जो भारत को सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से एकता के सूत्र में पिरोने का काम करता है उन्होने कहा कि जिस प्रकार आदि शंकराचार्य ने भारत की चारो दिशाओं में शंकराचार्य पीठ स्थापित कर भारत को धार्मिक रूप से एकता के सूत्र में बाँधा। उसी प्रकार कुम्भ मेले में सम्पूर्ण भारत से आने वाले तीर्थ यात्री यँहा अमृत और मोक्ष की चाहत में आते है जिन्हें गंगा जी मे स्नान करके पुण्य और धर्म गुरुओ से मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मिलता हैं।

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