#स्वदेशीचिट्ठी आत्मनिर्भर किसान, आत्मनिर्भर महिला व आत्मनिर्भर युवा बनाएंगे आत्मनिर्भर भारत~ चिंताला परसों स्वदेशी के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग दिल्ली में स्थित कार्यालय पर नाबार्ड के चेयरमैन जी आर चिंताला जी आए। NABARD, ग्रामीण विकास व कृषि पर काम करने वाला भारत का सबसे बड़ा संस्थान/बैंक है। श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी की जन्म शताब्दी का समापन कार्यक्रम था। कार्यक्रम स्वदेशी थिंक टैंक ने आयोजित किया था। उसमें बोलते हुए चिंताला जी ने कहा "यदि भारत को तेजी से आत्मनिर्भर बनाना है,तो सबसे पहले किसान को आत्मनिर्भर बनाना होगा। ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर, किसान की आय वैल्यू एडिशन,जैविक कृषि व अन्य तरीकों से बढ़ानी होंगी।" जब एक कार्यकर्ता ने चौपाल व अन्य माइक्रोफाइनांस प्रकल्प जो स्वदेशी जागरण मंच से प्रेरित हैं,के बारे में बताते हुए कहा की "50,000 से अधिक महिलाएं हमारे प्रयत्नों से अपना रोजगार अच्छे से कमा रही हैं।" तो उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा की "महिलाएं व युवा इन्हें रोजगार युक्त करते हुए देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है। महिला व युवा, हमारी कमजोरी नहीं बल्कि सबसे बड़ी ताकत हैं। वे समस्या नहीं, समाधान का कारण है।" प्रोफेसर भगवती प्रकाश जी, विजय कौल जी,सीए विजय गोयल जी, प्रदीप चौहान जी इन्होंने भी स्वदेशी रिसर्च सेंटर(CEPR) बनाने व शोध कार्य के महत्व पर जोर दिया। अपने एक अन्य थिंक टैंक GVF के मनोनीत दलाल जी ने भी उसकी गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। नीचे:चित्र में चिंताला जी, भगवती जी, विजय कौल जी व अन्य


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