वैज्ञानिक दीपक! अद्भुत। माटी के दिए के ऊपर गुम्बद में तेल भरकर ....दिए को ऊपर करते हुए ...पलट कर रख देते हैं, ....गुम्बद की टोंटी में से ...तेल टपक कर..दिया भर जाता है। जैसे ही दिया भर जाता है... वैसे ही टोंटी में से तेल की धार कम होकर ...स्वत: बंद हो जाती है... और जब दिये का तेल कम होने लगता है ....पुन: टोंटी का तेल बूंद-बूंद करके ...और बहुत धीरे धीरे.. टपकना शुरू हो जाता है। यह दिया ...लगातार बारह से चौबीस घंटे तक...जल सकता है। इसे नेशनल मेरिट एवार्ड से सम्मानित ....कुम्हार पाड़ा...कोंडागांव (बस्तर) निवासी .…श्री अशोक चक्रधारी ने बनाया है। ऐसे कलाकार को सलाम।


No comments:

Post a Comment

Featured Post

भू माफियाओं ने किया कब्जे का प्रयास ,पुलिस ने किया विफल व्यापारियों ने जताया आभार

जमीन पर कब्जे के प्रयास को नाकाम करने पर व्यापारियों ने जताया पुलिस का आभार पीड़ितों के समर्थन में आए व्यापारी हरिद्वार, 9 अप्रैल। आर्यनगर चौ...