*🙏राहत की जरूरत मिडिल क्लास को भी🙏। नन्द लाल विचारक और समाजसेवी, रामपुर (छत्तीसगढ़)
*मिडिल क्लास की स्थिति उस इंसान जैसी हो गई है कि लोग उससे उम्मीद करते है, लेकिन वास्तव में वह अपने परिवार और व्यापार के लिए खुद संघर्ष कर रहा है ।*
*उसकी स्थिति ऐसे समझे भीख मांग नही सकता और याचक बन कर दान ले नही सकता*
*इस पर गंभीरता से विचार की आवश्यकता, आज लॉक डाउन के चलते,18 दिन होने को आये, पूरा देश घरों में बन्द है, काम काज पूरी तरह लॉक डाउन हो चुके है, छोटे से लेकर बड़े दुकानदार सभी का व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो चुका है ।*
*लॉक डाउन की यह स्थिति आगे भी जारी रहने की पूरी संभावना है, यदि ऐसा होता है जिसकी पूरी संभावना है तो स्थिति और विकट हो जाएगी ।*
*सरकार द्वारा अपने स्तर पर बेहतरीन प्रयास किये जा रहे है, इसमे कोई संशय नही ।*
*जिसके चलते सभी चयनित परिवारों को भोजन, राशन, मुफ्त खाद्यान्न, 3 गैस सिलेंडर, नकद राशि सहित अनेक प्रकार की सहायता ओर भामाशाहो द्वारा भी अपने स्तर पर निम्न तबके को ओर जरूरतमंदों को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है ।*
*अब सवाल यह है कि BPL, गरीब, असहाय, ओर अनेक सरकारी योजनाओं का लाभ तो केवल कुछ सीमित लोगो को जो इस दायरे में आते है उनको ही मिल रहा है, लेकिन एक बड़ा तबका जो कि देश की नींव है और सबसे ज्यादा देश की इकोनॉमी को वही चलाता है क्योंकि उसका संपर्क ही आम लोगो से सीधा होता है, उसे हम 😌 मिडिल क्लास 😌 के नाम से जानते है, ओर उस मिडिल क्लास से सभी को अपेक्षाए भी बहुत ज्यादा रहती है और इसी कारण सबसे ज्यादा वही पिसा भी जाता है ।*
*इन सबके बावजूद भी किसी का ध्यान उनकी तरफ नही ज्याता है, यह मिडिल क्लास तबका जिसकी अपने व्यापार, व परिवार के संचालन की उधेड़ बुन के बीच उसका दिन का चैन ओर रात की नींद उड़ी रहती है, टेक्स भरना, आयकर भरना, मकान दुकान का किराया भरना स्कूल फीस की चिंता, परिवार में माता पिता भाई बहनों की चिंता आदि आदि पारिवारिक जिम्मेदारियों का बोझ भी इसी तबके पर ही ज्यादा पड़ता है, उसके बावजूद भी सरकार की तरफ से उसे हमेशा से ही उपेक्षित रखा गया है, उसे केवल टेक्स पेयर मशीन समझा गया है, ओर इसी कारण उसको किसी प्रकार की राहत नही दी जाती है ।*
*आज जब कोरोना महामारी के समय लॉक डाउन के चलते यदि सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ा है तो वो केवल ओर केवल मिडिल क्लास पर पड़ा है और वही सबसे ज्यादा प्रभावित भी हुवा है , व्यापार बन्द, लॉक डाउन के चलते स्टॉक खराब होने की चिंता, उधार का पैसा पूरी तरह ब्लॉक हो चुका है, लॉक डाउन के बाद खुलने पर कितना उधार वसूल हो पाता है कोई गारंटी नही, स्टाफ की सेलेरी बिना कार्य के देनी है,सरकारी आदेश है, ऊपर से उस स्टाफ को दिया हुवा एडवांस भी वापस आ जाये उनमें भी संशय है, बिजली का बिल हर हाल में जमा कराना है, घर और दुकान का किराया भी देना है जो कि आज बहुत ज्यादा है, बैंक लोन की किश्त देनी है, उसका ब्याज देना है, हाउसिंग लोन, वाहन लोन की किश्त भी चुकानी है, बच्चो की स्कूल फीस, कालेज फीस, उसके हॉस्टल का खर्चा, एजुकेशन लोन का भार, खाने पीने, रसोई गैस, अपने दोपहिया के लिए पेट्रोल, बुजुर्ग माता पिता की दवाइयां व अन्य खर्चे, बहन भाई, बेटी बेटे की शादियों की जिम्मेदारी भी इन मिडिल क्लास के कंधे पर ही होती है, अधिकांश मिडिल क्लास परिवारों में एक कमाने वाला और 5 से 8 खाने वाले होते है ओर उन सबके बावजूद आज लॉक डाउन के चलते आमदनी जीरो है । उसकी जमा पूंजी भी कोई ज्यादा नही होती है और जो थोड़ी बहुत थी वह धीरे धीरे पूरी होने के कगार पर पहुच रही है ।*
*अब ऐसे में उसकी मानसिक स्थिति के क्या हालात हो रहे होंगे, उसकी कल्पना सरकार नही लगा रही है । उसको रात भर नींद नही आती होगी, अपने ओर अपने परिवार और व्यापार का भविष्य में क्या होगा उसकी कल्पना मात्र से ही उसकी नींद उड़ी हुई है ।*
*ऐसे में में सरकार से निवेदनहै कि निम्न ओर जरूरत मंदो की व्यवस्था सरकार द्वारा कर ली गई है, अब एक नजर मिडिल क्लास वालो की समस्या पर भी डाले, क्योकि उसकी आमदनी पिछले 20 दिनों से जीरो हो चुकी है वे उनके घर खर्च लगातार बदस्तूर जारी है जो कि अब उसकी जेब पर भी भारी पड़ने लगे गये है ।*
*सरकार को इस मिडिल क्लास सोसायटी की समस्याओं की तरफ ध्यान देकर उनके लिए भी तात्कालिक राहत के रूप में एक आर्थिक पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए ।*
*इसके लिये मेरा सुझाव है कि जिन जिन लोगो के पास पेन कार्ड है उनको प्रत्येक पेन कार्ड पर (जिनका रिटर्न 5 लाख से कम का भरा हो या रिटर्न नही भरते हो उन्हें ) तीन माह तक न्यायोचित सहायता राशि तुरन्त उनके बैंक खाते में जमा करानी चाहिए, जिससे उन्हें तात्कालिक राहत मिल सके ओर उससे वो अपने परिवार का पालन कर सके ।*
*यह सहायता इस लिए भी जरूरी है कि उसका सरकार की तरफ से जारी किसी भी योजना में उसका नाम नही है, इस कारण उसको कोई सहायता भी नही मिल पाती ।*
*अगर मिडिल क्लास के लोगो की इस मानसिक वेदना का सटीक आंकलन नही किया गया तो मिडिल क्लास के लोग बहुत जल्द डिप्रेशन का शिकार हो सकते है, ओर उस कारण कही उनके परिवार पर कोई बड़ा संकट ना आ जाये ।
सरकार से अनुरोध है कि इस समस्या पर तुरन्त विचार कर इसका समाधान करे, जो कि राष्ट्र हित मे है ।
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मिडिल क्लास को भी राहत दे सरकार
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