नयी पहल
*शादी में अतिथियो को भेंट किये गये पौधे
पौध पाणिग्रहण।*
रामनगर में एक नई पहल दिखी। यह पहल थी शादी के अवसर पर प्रत्येक मेहमान को जाते समय एक पौधा उपहार स्वरूप दिया जाना। अवसर था रामनगर के व्यवसायी और कल्पतरु वृक्षमित्र के अध्यक्ष अतुल मेहरोत्रा जी के सुपुत्र सिद्धान्त का विवाह। इस शुभ अवसर पर अनेक गणमान्यजन के साथ-साथ मैती आंदोलन के प्रणेता पर्यावरणविद् कल्याण सिंह रावत 'मैती' की उपस्थिति ने समारोह की शोभा में चार चांद लगा दिए। मैती जी को हाल ही में पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए पद्मश्री प्रदान किया गया है।
अतुल जी की प्रबल इच्छा थी कि उनके बेटे के विवाह के अवसर पर प्रत्येक अतिथि को एक एक पौधा भेंट किया जाए। अतुल जी द्वारा दो हज़ार पौधों की व्यवस्था की गई। समाहरोह स्थल पर कल्पतरु का स्टाल बनाया गया जिसे बड़े सुंदर ढंग से सजाया गया। डॉ० अनुपम ने बैनर पर बहुत सार्थक संदेश 'पौध पाणिग्रहण' लिखा। आदरणीय गुरुजी श्री कुबेर सिंह अधिकारी जी के नेतृत्व में हमारे टीम मेंबर्स के द्वारा अतिथियों को न केवल पौध भेंट किये गए बल्कि उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक पौधें लगाने का अनुरोध भी किया गया।
देखते ही देखते हमारे हरित स्टॉल पर भीड़ लग गयी। तभी पद्मश्री कल्याण सिंह रावत जी स्वयं हमारे स्टाल पर आए और उन्होंने बहुत से अतिथियों को पौध भेंट किये। बहुत से लोगों ने पौधा लेते समय मैती जी के साथ सेल्फी भी ली।
इस तरह हमारा स्टॉल एकदम अलग था। जहाँ अन्य स्टॉलों पर मेहमान तरह तरह के लज़ीज़ व्यंजनों का स्वाद ले रहे थे वही कल्पतरु स्टॉल पर मेहमान पौधा प्राप्त कर पर्यावरण संरक्षण के अभियान में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ रहे थे। यह एक प्रकार से वर-वधु के लिए आशीर्वाद सरीखा भी था क्योंकि उनके विवाह पर दो हजार पौधे भी एक नवयात्रा के लिए निकल रहे थे। पौधे पकड़कर चलते हुए बच्चों के चेहरों की मुस्कान देखकर दिल खुश हो गया। एक अभिनव पहल जहाँ मेहमानों के हाथों में पौधा महज एक पौधा न लगकर एक नई सोच का वाहक लग रहा था।
काश! आगे होने वाली शादियों में भी ऐसा हो। हर मेहमान को एक पौध भेंट किया जाए तो पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में यह एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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