विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी ने बाबा रामदेव को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में किया आमंत्रित
हरिद्वार 3 जनवरी श्री रामजन्मभूमि अयोध्या में पुर्नस्थापित भव्य–दिव्य श्री राम मंदिर में रामलला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होने का निमंत्रण योग पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में योग ऋषि स्वामी रामदेव को विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री एवम राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक तिवारी तथा विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री अजय कुमार ने संयुक्त रुप से दिया। निमंत्रण पत्र को सहर्ष स्वीकार करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा 500 वर्षों के सतत संघर्ष और असंख्य हुतात्माओ के बलिदानों के उपरांत यह गौरवशाली दिन विश्व इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा। 22 जनवरी को अयोध्या के श्री राम मंदिर के गृर्भगृह में भगवान रामलला विराजमान होंगे, 25 पीढ़ियों के बलिदान, त्याग और समर्पण के प्रतिफल स्वरूप प्राप्त इस भव्य आयोजन की साक्षी वर्तमान की पीढ़ी बनेगी, जिन्होंने इसके वर्तमान के संघर्ष और विजय को प्रत्यक्ष देखा। उन्होंने कहा कि में अभिभूत हूं, और बेहद गौरांवित महसूस कर रहा हूं कि में भगवान के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का साक्षी बनूंगा।
इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने कहा संपूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति का सूर्योदय हो रहा है। श्रीराम जन्मभूमि का संघर्ष विश्व का सबसे लंबा संघर्ष है। विश्व हिन्दू परिषद का सबसे बड़ा आंदोलन राम मंदिर के निर्माण के लिए ही किया गया जो 35 वर्ष तक अनवरत चला और लगभग 16 करोड़ रामभक्तों ने इसमें प्रत्यक्ष भाग लिया। उन्होंने अयोध्या के श्रीराम मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को भारत के इतिहास का एक गौरवशाली दिवस एवं देव दीपावली जैसा बताया और इस शुभ दिन को हिन्दू समाज द्वारा विशेष उत्सव के रूप में मनाने व प्रत्येक सनातनी के घर, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, आश्रम, मन्दिर तथा सार्वजनिक स्थलों पर इस शुभ अवसर पर दीपदान करने का आह्वान किया।
स्वामी रामदेव ने बताया कि वह श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होने के लिए निजी विमान से अयोध्या पहुंचेंगे। इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री अजय कुमार, स्वामी यतीश्वरानंद महाराज पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तराखण्ड सरकार, बलराज डूंगर पूर्व प्रांत संयोजक बजरंग दल मेरठ प्रांत, मयंक चौहान धर्माचार्य संपर्क प्रमुख उपस्थित रहें।
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