अध्यात्म संग असाध्य रोगों के इलाज में उत्कृष्ट साबित हो रही है सरल आश्रम अस्पताल की सेवाएं

 *अध्यात्म संग असाध्य रोग के जांच-इलाज, रात्रि इमरजेंसी में उत्कृष्ट साबित हो यही हैं सरन आश्रम अस्पताल की सेवाएं*


- *बिना किसी सरकारी सहायता के लोकहित में मरीजों की जांच और इलाज का नि:स्वार्थ धर्म निभा रही राधास्वामी सतसंग सभा, दयालबाग और अस्पताल प्रबंधन* 


ज्योति एस, आगरा। लोकहित में राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग आगरा संचालित सरन आश्रम अस्पताल असाध्य रोगों के इलाज और रात्रि आकस्मिक सेवाओं में अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली से मिसाल स्थापित कर रहा है। अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सक तथा पैरा मेडिकल स्टाफ की दिन-रात की निःस्वार्थ कार्यशैली अनूठी छाप छोड़ रही है। गैस गैंग्रीन और लकवा से पीड़ित दो वरिष्ठ नागरिकों की अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सकों ने अपने अथक प्रयासों से न सिर्फ जीवन रक्षा की, बल्कि उनका सफल उपचार भी संभव कर दिखाया। हालिया ये दोनों उदाहरण अस्पताल प्रबंधन की उत्कृष्ट कार्यशैली की पुष्टि करते हैं।

पहला मामला 67 वर्षीय अनामी सरन का है, जो गैस गैंग्रीन नामक असाध्य बीमारी से पीड़ित थे और तीन दिसंबर की रात सरन आश्रम अस्पताल पहुंचे थे। स्थिति गंभीर और नाजुक थी। अस्पताल के चिकित्सकों ने आवश्यक चिकित्सीय परीक्षण के बाद उनका इलाज आरंभ किया। अथक प्रयत्नों से उनकी जीवन रक्षा करते हुए इलाज में भी सफलता प्राप्त की, जिससे उनकी स्थिति में सुधार होने लगा। तत्पश्चात अस्पताल ने उनके और बेहतर इलाज को मरीज अनामी सरन को दिल्ली एम्स रेफर कर दिया। पर, अपने कर्तव्यों की इतिश्री नहीं की‌। सरन आश्रम अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सक एम्स से संपर्क में बने हुए हैं और लगातार सारे मामले का फालोअप कर रहे हैं। अस्पताल के सीएमओ डा. एसके सत्संगी ने बताया कि अनामी सरन की स्थिति पहले से बेहतर है और उनमें उत्साहजनक सुधार हो रहा है‌‌।

दूसरा मामला 74 वर्षीय सतगुरूनाथ श्रीवास्तव का है, शरीर के बाएं हिस्से में भीषण पक्षाघात (लकवा) से पीड़ित सतगुरूनाथ रात के समय जब अस्पताल पहुंचे तो वह न‌ तो चल पा रहे थे और न ही बोल। स्मृति लोप का संकट भी गहरा गया था‌ उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी‌। आकस्मिक सेवा के तहत रात में ही उनका इलाज आरंभ किया गया‌। चिकित्सकों की अथक मेहनत और *रा धा/ध: स्व आ मी दयाल* की असीम अनुकंपा से उनके स्वास्थ्य आश्चर्यजनक रूप से अतिशीघ्र न सिर्फ अपेक्षित सुधार हुआ,वह बोलने और पहचानने भी लगे‌‌।

यह दो हालिया उदाहरण प्रमाण है, इस बात का कि अपनी स्थापना के बाद से सरन आश्रम अस्पताल मरीजों की स्वास्थ्य रक्षा, जांच और इलाज में निरंतर बेहतरी को ओर बढ़ रहा है और लोकहित में नि:स्वार्थ भाव से अपने कर्तव्यों का पूरी उत्कृष्टता से पालन कर रहा है ।

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*एकीकृत चिकित्सा उपचार (Integrated medicine treatment ) में भी विशेषज्ञता* 


एकीकृत चिकित्सा उपचार (Integrated medicine treatment ) में भी सरन आश्रम अस्पताल को विशेषज्ञता हासिल है। अस्पताल में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और एलोपैथिक विशेषज्ञ चिकित्सकों के परामर्श से असाध्य रोगों का उपचार संभव किया जाता हैं, यह अपने आपमें अनूठा और बेहद कारगर है। देखने में आया है कि इस विद्या में *‌रा-धा/ध:-स्व-आ-मी* धुन का वादन निरंतर वादन मरीजों के स्वास्थ्य सुधार में आश्चर्यजनक महत्ती भूमिका निभा रहा। एकीकृत चिकित्सा उपचार (Integrated medicine treatment ) के बेहद साकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।

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*नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का होता है आयोजन* 


बेहतर स्वास्थ्य चिकित्सा से वंचित दयालबाग के आसपास के क्षेत्रों विशेषकर ग्रामीण इलाकों में सरन आश्रम अस्पताल निरंतर चिकित्सा शिविर का आयोजन करता है। प्रतिदिन सुबह और शाम चार घंटे के इस शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा नि:शुल्क जांच, इलाज के साथ-साथ आवश्यक दवाओं का नि:शुल्क वितरण भी किया जाता है। अस्पताल प्रबंधन पोइया घाट (बैकुंठधाम) क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए अनुपम उपवन में निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श सेवाएं दी जाती हैं।



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