पर्यावरण मंच उत्तराखंड ने निकाली पर्यावरण जागरूकता रैली


पर्यावरण मंच उत्तराखंड सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ ने पर्यावरण जागरूकता रैली निकाल कर वीरांगना अमृता देवी बलिदान दिवस पर गोष्ठी एवं वृक्षारोपण किया

हरिद्वार 28 अगस्त


पर्यावरण मंच उत्तराखंड सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले पर्यावरण दिवस के निमित्त पर्यावरण मंच उत्तराखंड के संयोजक डी०सी० नौटियाल के नेतृत्व में जागरूकता रैली निकाल कर एवं शिवडेल पब्लिक स्कूल सेक्टर-1 के पास एवं सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल भेल में वृक्षारोपण कर पर्यावरण दिवस मनाया गया। पौधारोपण के पश्चात पर्यावरण संरक्षण के विषय में सन्दीप सिंहानिया के संयोजन में विचार गोष्ठी भी की गई। गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष संजीव विश्नोई, विशेष अतिथि आशा संगठन की प्रदेश महामंत्री ललितेश विश्वकर्मा एवं पूर्व प्रदेश महामंत्री अनिल राठी रहें। गोष्ठी की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष चन्द्रशेखर चौहान एवं संचालन इंद्रपाल शर्मा ने किया। गोष्ठी में प्रमुख रूप से हरीश तिवारी वरिष्ठ उपाध्यक्ष, फाउंड्री के महामंत्री पवन  कुमार , हीप के महामंत्री अमित चौहान , फाउंड्री के अध्यक्ष श्री हरवंश लाल ने भी अपने विचार रखे।

डी०सी० नौटियाल ने बताया कि आज का दिन भारत के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है, इस दिन प्रकृति प्रेमी 363 बन्धुओ बहनों ने वर्ष 1730 में बहन अमृता देवी के नेतृत्व में खेजड़ी गांव के जंगल के वृक्षों को बचाने के लिए सर कटाकर बलिदान दिया। घटना इस प्रकार से है कि जोधपुर के महाराजा के महल का निर्माण हो रहा था निर्माण कार्य के लिए लकडी की आवश्यकता पड़ी। राजा के सैनिक खेजड़ी के जंगलों में जैसे ही लकड़ी काटने के लिए गए वहां गांव वालों ने लकड़ी काटने का विरोध किया। खबर राजा तक पहुंची तो राजा ने विरोध करने वालो के सर काटने का आदेश दिया। सर कटने की राजाज्ञा से किसी की हिम्मत नहीं हुई तो सबसे पहले अम्रता देवी ने अपनी दो नाबालिग पुत्रियों के साथ पेड़ों से लिपटकर अपने प्राणों की आहुति दी। यह देखकर सभी ग्रामवासी पेड़ो से लिपट गए और देखते ही देखते 363 लोगो के  सिरों को सैनिको ने धड़ से अलग कर दिया। इतने लोगों के बलिदान की जब राजा को खबर लगी तो उसने घटना स्थल पर आकर प्रजा से माफी मांगी और अपने राज्य में कभी कोई हरा वृक्ष कभी न काटने की राजाज्ञा लागू की । वह राजाज्ञा आज भी लागू है।

संजीव विश्नोई ने बताया कि उत्तराखंड के सुन्दर लाल बहुगुणा एवं बहन गौरा देवी का वृक्ष बचाने का चिपको आंदोलन भी इसी घटना से प्रेरित है। इतिहास की इतनी बड़ी ह्रदयविदारक घटना से प्रेरित होकर ही भारतीय मजदूर संघ 28 अगस्त को पर्यावरण दिवस मनाता है। साथ ही हम भारत सरकार से यह भी मांग करते हैं कि 28 अगस्त को भारतीय पर्यावरण दिवस घोषित किया जाये। सन्दीप सिंहानिया ने कहा कि वृक्षारोपण संरक्षण एवं संवर्धन प्रकृति के लिए बहुत जरूरी है। भारतीय मजदूर संघ का यह प्रयास सराहनीय है।

कार्यक्रम में आशा संगठन प्रदेश उपाध्यक्ष सुनीता तिवारी, अरुण कुमार गुप्ता, मनमीत चौधरी, तरूण शुक्ला, प्रभु नारायण झा,  पवन राजपूत, हरपाल प्रजापति, शक्ति सिंह, मनीष ममगई, श्री आदेश धीमान , श्री मनमीत , श्री अमित थपलियाल , श्री शशांक चौहान, श्री देवेन्द्र कुमार सिंह , श्री अनिल कुमार मौर्य , श्री वी डी मिश्र, श्री देवेन्द्र भारद्वाज , श्री के के गुप्ता , श्री अभिषेक पाण्डेय , रोहित, रवि इत्यादि सैंकड़ों पर्यावरण प्रेमी शामिल रहें।

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