विश्व हिंदू परिषद ने किया उत्तराखंड सरकार का आभार प्रकट

हरिद्वार 2 दिसंबर ( संजय वर्मा ) देवभूमि उत्तराखंड में निर्बाध गति से जारी मतांतरण को रोकने हेतू उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक - 2022 राज्य विधान सभा में पारित किए जाने पर विश्व हिन्दू परिषद ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उत्तराखण्ड सरकार का स्वागत, अभिनंदन के साथ आभार प्रकट किया हैं। विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखण्ड के प्रांत अध्यक्ष रविदेव आनंद ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद ने विगत समय में रहीं राज्य सरकारों से तथा वर्तमान यशस्वी धर्मरक्षक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंटवार्ता कर उत्तराखण्ड में निरंतर जारी अवैध धर्मांतरण को देशव्यापी विभीषिका बताते हुए तत्काल रोकने के लिए कठोर, प्रभावी कानून बनाने की मांग की थी ताकि लालच, भय या धोखे से धर्मांतरण करवाने वालों पर कठोर कार्रवाई की व्यवस्था हो सके। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व हिन्दू परिषद को आश्वस्त किया था की वह इस सम्बंध में जल्द ही घोषणा कर उक्त संशोधन विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत करेंगे। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन उत्तराखण्ड सरकार ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक को सदन में पेश किया। इस विधेयक में कानून का उल्लंघन करने पर सजा और कारावास दोनों में वृद्धि की गई है। सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में सजा का प्रावधान 10 साल तक करने के साथ ही अधिकतम जुर्माना राशि 50 हजार रुपये की गई है। धर्मांतरण से पीड़ित व्यक्ति को आरोपित व्यक्ति द्वारा पांच लाख रुपये तक का समुचित प्रतिकर भी सक्षम न्यायालय दिला सकेगा। रविदेव आनंद ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद सनातन धर्म की रक्षा के लिए लंबे समय से यह मांग उठाता आ रहा था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद अब देवभूमि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी धर्मांतरण विरोधी कठोर कानून बनाकर ऐतिहासिक कार्य किया है। अब प्रदेश में धोखे और लालच से धर्म बदलवाने का खेल नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस कानून को विधानसभा में पारित कराने के लिए बधाई और अभिनंदन के पात्र हैं।

विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखण्ड के प्रांत संगठन मंत्री अजय कुमार ने कहा हिंदू समाज को चादर और फादर के माध्यम से धर्मांतरित कराने के सुनियोजित षडयंत्र को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता हैं। विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखण्ड के सभी साधु-संतों व सामाजिक-धार्मिक नेतृत्व करने वाले महापुरुषों से निवेदन करती है कि वह इन षड्यंत्रकारी शक्तियों के विरोध में समाज में व्यापक जन जागरण करें, अवैध धर्मांतरण को रोकें एवं धर्मांतरित हुए व्यक्तियों को पुनः अपने धर्म में शामिल कर अपनी जड़ों के साथ जोड़ें। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के जिन व्यक्तियों ने धर्मांतरण किया है, उन व्यक्तियों को जनजातियों को मिल रहे लाभों से वंचित करने के लिए भी आवश्यक संविधान संशोधन करना चाहिए। धर्मरक्षक पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा पारित कराए गए विधेयक से उत्तराखण्ड निवासियों के साथ यहां का संत समाज भी आनंदित और आह्लादित है। 


विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत कार्यालय में इस अवसर पर प्रांत उपाध्यक्षा संध्या कौशिक, प्रांत प्रवक्ता वीरेंद्र कीर्तिपाल, प्रांत संयोजिका दुर्गा वाहिनी नीलम त्रिपाठी, प्रांत कोषाध्यक्ष प्रभुदयाल अग्रवाल, प्रांत कार्यालय प्रमुख वीरसेन मानव, संगठन मंत्री कुलदीप पंचौली, प्रांत सहसेवा प्रमुख अनिल भारतीय उपस्थित रहें।


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