गायत्री विद्यापीठ का वार्षिक उत्सव हुआ प्रारंभ

 गायत्री विद्यापीठ में दो दिवसीय वार्षिकोत्सव का आरंभ

विभिन्न प्रतियोगिताओं में बच्चों ने दिखाया कौशल


हरिद्वार 29 नवंबर (  अमरेश दुबे संवादाता गोविंद कृपा ऋषिकेश क्षेत्र)


गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज में दो दिवसीय 42 वाँ वार्षिकोत्सव का वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच ध्वज आरोहण के साथ शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथि गायत्री विद्यापीठ प्रबंध मण्डल की प्रमुख श्रीमती शेफाली पण्ड्या ने ध्वज का पूजन कर शुभारंभ किया।

इस अवसर पर गायत्री विद्यापीठ प्रबंध मण्डल प्रमुख श्रीमती शेफाली पण्ड्या ने कहा कि बच्चे गीली मिट्टी की तरह हैं, उसे जिस रूप में जैसा बनाना चाहें, उसी तरह उसका पालन पोषण कर बनाया जा सकता है। गायत्री विद्यापीठ में बच्चों को शिक्षण के साथ संस्कार देने का क्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी कर आंतरिक गुणों को विकसित करते रहने हेतु नौनिहालों को प्रेरित किया।  श्रीमती पण्ड्या ने खेलों के अनुशासनों की शपथ दिलाई।

दो दिन तक चलने वाले इस वार्षिकोत्सव का कलर थीम दौरान तिरंगे से प्रेरित रंग में सजा सम्पूर्ण परिसर सभी को सहज ही आकर्षित कर रहा था। नन्हें नन्हें बच्चों द्वारा प्रस्तुत मनमोहक समूह नृत्य ने उपस्थित लोगों की खूब तालियाँ बटोरी, तो वहीं नौनिहालों ने सूर्य नमस्कार सहित विभिन्न योगासनों का बखूबी प्रदर्शन किया।

विद्यापीठ के प्रधानाचार्य श्री सीताराम सिन्हा ने बताया कि विद्यापीठ के कक्षा-1 से 12 तक छात्र-छात्राओं ने विभिन्न खेलों में प्रतिभाग किया। उन्होंने बताया कि विभिन्न खेलों के विजेता खिलाड़ियों को शांतिकुंज व  देसंविवि के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सम्मानित किया।


इन बच्चों के खेल को मिली खूब सराहना -

आद्या, अनुकृति, आकांक्षा, शुभ्रा, अंजलि, अथर्व, अदित्री, सार्थक, , हर्षित,  शशांक, सौरभ, रुचि, आरती, साधना, एकता, शैलजा, यश, भूमिका, कुश, प्राजंल, कृष्णा, प्रभाती, वेदिका, देवस, ओजस, इशिका, श्रेष्ठ,  जागृति, आदर्श, सृष्टि, मयंक, सार्थक, अंशिका, भावेश, स्वधा के खेल भावना एवं कौशल को खूब सराहना मिली।

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