हर युग में मर्यादा की परिभाषा है भगवान राम: स्वामी आलोक गिरी
*** श्री सिद्ध बलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में चल रही रामकथा का हुआ समापन
हरिद्वार 19 सितंबर ( विनीत गिरी संवादाता गोविंद कृपा कनखल ) निरंजनी अखाड़े के स्वामी आलोक गिरी महाराज ने कहा कि हर युग में मर्यादा की परिभाषा भगवान राम ही है। भगवान नारायण के अवतार भगवान श्री राम का जीवन लोगों के लिए प्रेरणा है। राम नाम का सुमिरन करने से ही मनुष्य भव सागर के पार हो जाता है। कलयुग में रामनाम की महिमा अपरंपार है। ऋषि मुनि संत महंत सभी राम नाम का गुणगान कर जीवन की नैया पार डालने का प्रयास कर रहे हैं।
संसार में मर्यादा की स्थापना करने वाले भगवान राम हर युग में वंदनीय और पूजनीय रहेंगे।
श्री बालाजी धाम, सिद्धबलि हनुमान, नर्मदेश्वर महादेव मंदिर जगजीतपुर, कनखल में श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और भक्ति के सागर में गोते लगाते हुए श्री राम कथा का रसपान किया। राधा रासबिहारी मंदिर कनखल के संस्थापक आचार्य उद्धव मिश्र के लगातार नौ दिनों तक भक्तों को राम कथा का अमृतपान कराया। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के स्वामी आलोक गिरी महाराज और मुख्य यजमान भगवान हनुमान और संजीव राणा के सौजन्य से आयोजित श्री राम कथा का समापन सोमवार को हुआ। इस मौके पर आचार्य उद्धव मिश्र ने कहा कि श्री राम कथा का विश्राम हुआ है। ऐसे में श्रीराम कथा में भाग लेने वाले सभी भक्तों की जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम रामायण की चार चौपाईयां कंठस्थ कर प्रतिदिन गायन करें। ऐसा करने वाले भक्तों पर भगवान राम की कृपा और हनुमान जी के आशीर्वाद से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। आचार्य उद्धव ने कहा संतों के सानिध्य में रामकथा का श्रवण करने का विशेष महत्व है। तीर्थनगरी हरिद्वार, संतों का द्वार, राम कथा का सार और रामभक्तों का उद्धार, मोक्षद्वार का मार्ग प्रशस्त करता है।
की कामना श्री राम कथा संपन्न हुई है। कथा में बाबा नीरज गिरी, अमर गिरी, मधुबन गिरी, सुमित भाटिया, प्रदीप गुर्जर, रंजन देवी, बबीता पूंडीर, रेखा राणा, कामेश्वर यादव, परी भाटिया, रजत भाटिया, के शव राणा, ख्याति राणा, पं अभय मिश्रा, पं मोहित शर्मा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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