जाग्रत आत्माओं को पुकार रहा है यह समय :
डॉ चिन्मय पण्ड्या
शांतिकुंज में पांच दिवसीय राष्ट्रीय पुनर्बोध शिविर का समापन
हरिद्वार, 24 सितम्बर(अमर शदाणी संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में चल रहे पांच दिवसीय राष्ट्रीय पुनर्बोध शिविर का आज समापन हो गया। इस शिविर में कुल तेरह सत्र हुए। बारह राज्यों से आये दो सौ से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।
शिविर के विदाई सत्र को संबोधित करते हुए अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि यह वर्ष नारी सशक्तिकरण वर्ष है। देश भर में नारी जागरण के अलावा नव चेतना जागरण गायत्री महायज्ञ आदि सहित विविध रचनात्मक आयोजनों को गति प्रदान करना है। श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि गायत्री परिवार की संस्थापिका परम वन्दनीया माता भगवती देवी शर्मा जी की जन्म शताब्दी वर्ष 2026 तक एक सभ्य और विकसित समाज का गठन कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करें।
इससे पूर्व शिविर को संबोधित करते हुए देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि आज समय पुकार रहा है कि जाग्रत आत्माएँ आगे बढें और समाज को विकसित करने की दिशा में कार्य करें। स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वावलंबन सहित सभी क्षेत्रों में ऐसे जाग्रत आत्माओं की नितांत आवश्यकता है, जो ईमानदारी के साथ अपनी भूमिका निभायें। शिविर में व्यवस्थापक श्री महेन्द्र शर्मा ने सच्चे लोकसेवियों की दिशा बोध विषय पर प्रकाश डाला।
शिविर समन्वयक श्री श्याम बिहारी दुबे ने बताया कि पांच दिवसीय राष्ट्रीय पुनर्बोध शिविर में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, उप्र, छत्तीसगढ़, झारखण्ड सहित बारह राज्यों से आये दो सौ से अधिक दलनायक, संगीतज्ञ सहित अन्य सक्रिय परिव्राजक भाई बहिनों की भागीदारी रही। इसके साथ ही शांतिकुंज के अंतेःवासी भाई बहिनों ने भी प्रतिभाग किया। उन्होंने बताया कि शिविर के दौरान वर्तमान समय की चुनौतियों और उसके समाधान पर विस्तृत जानकारी दी गयी। कुल तेरह सत्र हुए, जिसमें विषय विशेषज्ञों ने व्यावहारिक एवं सैद्धांतिक पक्षों पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्री दुबे ने बताया कि चयनित प्रतिभागियों को देश के विभिन्न राज्यों में परिव्रज्या के लिए भेजा जायेगा, जो स्थानीय कार्यक्रमों, नव चेतना जागरण गायत्री महायज्ञों, नारी जागरण, युवा जागरण सहित विभिन्न प्रशिक्षण शिविरों का संचालन करेंगे।
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