हास परिहास

 जेलर- कुछ विशेष नहीं सर, सब ठीक चल रहा है ।

C.M- फिर भी ।

जेलर- अगर आप देना ही चाहते हैं, तो 5 lakh रुपये दे दीजिए ।

P.A ने नोट कर लिया।

दोनों लोग आगे बढ़े तो एक स्कूल पड़ा,

वहाँ जा कर प्रिन्सिपल से भी वही बात पूछी ।

प्रिन्सिपल रोने लगे कहा कि सर विद्यालय भवन जर्जर है, ना स्टाफ है, ना फ़र्नीचर है और ना ही लैब में सामान है ।

C.M ने डाँटा, कहा ठीक है रोओ मत बताओ कितनी ग्रांट चाहिए ?

प्रिन्सिपल - कम से कम 50 lakh

P.A ने नोट कर लिया।

दोनो राजधानी वापस आ गये, अगले दिन C.M ने जेल को 50 लाख और स्कूल को 5 लाख जारी कर दिए।

इस पर विपक्ष के नेता ने नाराज़ होते हुए कहा कि आपने तो उलटा कर दिया ।

तब CM ने कहा कि अगर तुम्हारे पास इतनी ही अक़्ल होती तो आज तुम मेरी कुर्सी पर होते ।

विपक्ष के नेता - मतलब ?

C.M - अरे यार स्कूल ना हमको जाना है ना तुमको जाना है,

पर जेल हमको भी जाना पड़ सकता है और जेल तुमको भी जाना पड़ सकता है, इसलिये वहां सारी सुविधायें होना ज़रूरी है।

नेताओं को सादर समर्पित।🙏


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