*27 जून विश्व हेलन केलर दिवस पर विशेष*
नैनीताल एंव अल्मोडा में सक्षम ने मनायी हैलन केलर की जंयती वर्चुअल मीटिंग में सक्षम के क्षेत्रीय पदाधिकारीयो ने किया स्मरण
*हेलेन केलर :* *दिव्यांगता* को मात देने वाली स्वाभिमानी महिला।
अगर आप अपने आंखें और कान दोनों ही बंद करके कुछ कदम आगे बढ़े तब महसूस कर पाएंगे कि दो दो तरह की शारीरिक चुनौती के साथ जीवन कितना *दुर्गम और असहाय* हो सकता है । पर हेलन केलर ने सुनने और देखने की *दोहरी विकलांगता* को मात देकर पूरे विश्व में अपनी एक मिसाल कायम की।
हेलन केलर विश्व की पहली *महिला स्नातक राजनीतिक कार्यकर्ता, एक महान लेखक और व्याख्याता* थी। इनका जन्म 27 जून, पूरे विश्व में हेलेन केलर दिवस के रूप में मनाया जाता है ।1880 को अमेरिका के अलाबामा प्रांत में जन्मी हेलन केलर एक स्वस्थ शिशु के जैसी थी। 19 महीने की आयु में तेज बुखार के कारण उनकी देखने और सुनने दोनों की क्षमता चली गई।
बचपन से अपनी बाकी बचे अपने इंद्रियों की शक्ति से अपनी भावनाओं और जरूरतों को प्रकट करने का प्रयास करती थी। बाद में उसे यह समझ में आने लगा कि सारे लोग उसकी जैसे नहीं है वह अपनी बातों को कहने के लिए दूसरे तरीके अपनाने लगी।
इसी तरह हेलन *5 साल* की भी हो गई और उनके घर वालों ने यह उम्मीद छोड़ दी । पर उसकी मां यह नहीं मानता थी क्योंकि उसने 1886 में लीरा ब्रिज मैन नामक एक लड़की के बारे में पढ़ा था जो देखने और सुनने में असमर्थ थी फिर भी उसने पढ़ाई की।
हेलन के माता-पिता ने जानकारी इकट्ठा कर महान वैज्ञानिक एलेक्जैंडर ग्राहम बेल ( टेलीफोन के आविष्कारक) के पास गए ग्राहम बेल ने ही उनके माता-पिता को को बॉटसन शहर के एक विद्यालय में भेजा वहां के निदेशक ने हेलन के लिए एक प्रशिक्षक *मैसफील्ड सुलियन* उपलब्ध कराया हेलन की जिंदगी में यह सबसे महत्वपूर्ण मोड़ था। एक प्रशिक्षक एक शिक्षक के तौर पर सुलियांन उसकी सभी बाधाओं को स्वीकार करते हुए उनमें से उसकी क्षमता विकास के लिए जी तोड़ कोशिश की।
कॉलेज के बाद 1913 में हेलन का चयन बतौर प्राध्यापिका हो चुका था लेकिन वास्तविक से संतुष्ट नहीं वे सभी समाज के वर्गों के लिए कुछ करना चाहती थीं जो आंखों से देख पाने में असमर्थ थे. 1915 में ‘ *हेलन केलर अंतरराष्ट्रीय संगठन’* की स्थापना की। इसके बाद हेलन ने 1924 में दृष्टिहीनों के हितों के लिए बनी संस्था ‘ *अमेरिकन फाउंडेशन फॉर द ब्लाइंड्स’* के साथ ही कार्य किया। उनकी पकड़ सामाजिक एवं राजनीतिक दोनों ही मुद्दों पर बहुत अच्छी थी। उनका मानना था कि समाज में बदलाव लाने के लिए राजनीति एक बढ़िया रास्ता है। शायद इसी सोच के साथ कॉलेज के बाद वह एक समाजवादी पार्टी की सदस्य बनी। हेलन कहती थीं, ‘हर बच्चे का अधिकार है- अच्छी परवरिश, अच्छा पोषण और अच्छी शिक्षा.।
प्रख्यात अमेरिकी राजनीतिज्ञ एलेनर रूजवेल्ट, अभिनेता विल रोजर, महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंसटीन, अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी, व्यवसायी एंड्रयू कार्नेगी, महान कलाकार चार्ली चैपलिन, व्यवसायी हेनरी फोर्ड जैसे नाम शामिल थे. भारत से महान साहित्यकार *रबीन्द्रनाथ टैगोर* और देश के पहले प्रधानमंत्री *जवाहरलाल नेहरू* भी हेलन के साथ मुलाकात कर उनकी प्रशंसा की।एक जून 1968 को हेलन ने जिंदादिली और ज्ञान का मिसाल कायम करके इस दुनिया से विदा हो गयी।
हेलन केलर ने दोहरी विकलांगता का ही सामना नहीं किया बल्कि महिला विकलांगों के साथ होने वाली समस्या को भी झेला होगा। विशेषकर भारतवर्ष के परिपेक्ष में यह कहा जा सकता है कि विकलांगता एक चुनौती है अभिशाप नहीं। अगर हम हेलेन केलर की जिंदगी को देखें तो यह जान पाएंगे कि कि अगर किसी विकलांग बच्चे को उसके अनुकूल वातावरण में शिक्षा ,सुगमता , सही प्रशिक्षण और सहयोग प्रदान किया जाए तो वह भी सामान्य बालक की तरफ समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर आत्मसम्मान के साथ देश के एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभा सकता है हालांकि पिछले दशकों में हमारे देश में भी विकलांगों के लिए अच्छे कानून बनाए गए पर उनके प्रावधानों और नीतियों का जमीनी स्तर पर पूर्ण रूप से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है वरना हम सब हमारे देश में भी ऐसे हजारों हेलेन केलर को समाज के सामने एक आदर्श के तौर पर प्रस्तुत कर सकते हैं।
*सधन्यवाद*
*भुवन चन्द्र गुणवंत*
प्रान्त सह सचिव
सक्षम उत्तराखंड
9412906968
7983110986
No comments:
Post a Comment