योग प्राणायाम ही दीर्घकाल तक स्वस्थ रहने का है साधन



 साठ पार उम्र में योग ही है फिट रहने का तरीका 

       करे योग सदा रहे जवान (योगाचार्य लक्ष्मी राजन सिंह  पुणे महाराष्ट्र) 


योग साधना हजारों वर्षो से स्वास्थ्य रहने की एक अचूक विधा रही हैं। योग भारत की धरोहर है जो विश्व को प्राचीन काल से निरोग रखने में मदद करते हैं। सीनियर सिटीज़न के लिए योग से बढ़ाकर स्वस्थ रहने का कोई और प्राकृतिक तरीका नहीं है। योग किसी भी उम्र में स्वस्थ रहने के लिए कारगर विधा है चाहे, 40,50या फिर 60 साल के लोग योग साधना से लाभान्वित हो सकते हैं,युवा अवस्था में ही योग, प्रणायाम, आसनो के अभ्यास से दीर्घ काल तक स्वस्थ जीवन का मार्ग प्रशस्त होता है और चिरयौवन की प्राप्ति होती हैं। योग, प्राणायाम हमारी प्राण ऊर्जा को बल प्रदान कर कोशिकाओ का निर्माण करती है जिससे शरीर पर समय से पूर्व पडने वाले उम्र के प्रभाव, चेहरे की झुर्रियो, बालो का उडना, सफेद होना, नजर का कमजोर  होना जैसे कम उम्र में बुढापे के लक्षणो को रोका जा सकता है। आमतौर पर देखा गया है कि 50 की उम्र के बाद लोगों में बीमारियां  घर करने लगती हैं, जोडो का दर्द, मोटापा, ब्लड प्रेशर, शुगर, हृदय रोग जैसे बीमारियां शुरू हो जाती हैं। इन से बचने का एक ही तरीका है कि हम दैनिक जिंदगी में योग, प्राणायाम का आश्रय ले और जीवन को स्वस्थ और मस्त बनाऐ रखे। 

    मनुष्य का सच्चा साथी उसका शरीर है जो जीवन से मृत्यु तक साथ देता है। अगर अपना शरीर स्वस्थ हैं तो दुनिया साथ हँसती है बिमार पडने पर अपने बच्चे भी बोझ समझने लगते है। इसलिए योग प्राणायाम करे और स्वस्थ रहे।

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