कविता

कविता --हम कौन है --


स्वयं की स्वयं से ,
पहचान बनाओ,
स्वयं में हम कौन है ?
यह जान जाओ।
कहां से हम आए है ,
कहां तक हमे जाना है?
कहां  हमारा ,
आखिरी ठिकाना है?
कौन हमें चला रहा ,
किसके हाथ मे रिमोट है?
हमारे अस्तित्व का,
किसके पास प्रोनोट है?
साकार होकर भी हमारा
नियंता निराकार है
हमारी पहचान उसी से
वही परम् सरकार है।
----श्रीगोपाल नारसन


No comments:

Post a Comment

Featured Post

कावड़ मेले में जल पुलिस, एनडीआर एफ,आर्मी तैराक दल आदि ने बचाई 129 कांवरियों की डूबने पर जान

सम्पूर्ण कांवड़ मेला अवधि में बीईजी आर्मी तैराक दलों द्वारा 129 शिवभक्त कांवड़ियों को डूबने से बचाकर किया उत्कृष्ठ कार्य हरिद्वार 26 जुलाई  जि...