गजल

गजल इस दुनियां में क्या रखा है 


 


इस दुन्या में रक्खा क्या है।
इससे अपना रिश्ता क्या है।।


इक रोज जमीं पर आना है।
दूर उफुक पर उड़ता क्या है।।


हरदम जेहन में रहता है।
आखिर तुझमें ऐसा क्या है।।


ये भी तेरा वो भी तेरा।
तेरा है सब मेरा क्या है।।


कल सब मिट्टी हो जाएगा।
फिर इतना इतराता क्या है।।


चार दिनों की रौनक है सब।
चार दिनों का कहना क्या है।।
दर्द गढ़वाली, देहरादून 


No comments:

Post a Comment

Featured Post

दक्ष प्रजापति जयंती के साथ दक्ष प्रजापति महासभा ने मनाया स्थापना दिवस

* दक्ष प्रजापति महासभा उत्तराखंड ने मनाई दक्ष प्रजापति जयन्ती*  हरिद्वार 10 जुलाई भेल सामुदायिक केन्द्र सेक्टर-4 में भगवान ब्रह्मा जी के मान...