कार्तिक मास मे पालन करने योग्य नियम और उसका महात्म्य
(1 ) जो कार्तिक मास प्राप्त हुआ देख पराये अन्न का सर्वथा त्याग करता है (बहार का कुछ नही खाता) उसे अतिक्रच्छ नामक यज्ञ करने का फल मिलता है।
(2) जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज भगवान विष्णु को कमल के फूल चढाता है वह 1 करोड जन्म के पाप से मुक्त हो जाता है।
(3) जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज भगवान विष्णु को तुलसी चढाता है वह हर 1 पत्ते पर 1 हीरा दान करने का फल पाता है।
(4) जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज गीता का एक अध्याय पडता है वह कभी यमराज का मुख नही देखता
(5) जो मनुष्य कार्तिक मास मे शालिग्राम शिला का दान करता है उसे सम्पूर्ण पृथ्वी के दान का फल मिलता है।
(6) कार्तिक मास मे जो व्यक्ति पुरे मास पलाश की पत्तल मे भोजन करता है वह विष्णु लोक को जाता है।
(7) कार्तिक मास मे तुलसी पीपल और विष्णु की रोज पुजा करनी चाहिए।
(8) जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज भगवान विष्णु के मंदिर की परिक्रमा करता है उसे पग पग पर अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है।
(9 ) इस जन्म मे जो पाप होते है वह सब कार्तिक मास मे दीपदान करने से नष्ट हो जाता है।
10) जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज नाम जप करते है उनपर भगवान विष्णु प्रसन्न रहते हैं।
(11) जो मनुष्य कार्तिक मास मे तुलसी ,पीपल या आवले का वृक्षारोपण करते है वह पेड जबतक प्रथ्वी पर रहते है लगाने वाला तब तक वैकुण्ठ मे वास करता है।
हरि शरणम
महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी
भारत माता मंदिर हरिद्वार
🌺🌺🌺ओम,नमो भगवते वासुदेवाय नमः
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