पिछले 5 सालों में हरक सिंह और उनकी नाराजगी का चोली दामन जैसा साथ रहा है ,जो शुरू से ही भाजपा और उसके मुख्यमंत्रियों के लिए गले की हड्डी जैसा बना रहा वैसे तो हरक सिंह आज तक किसी के नहीं हुए हैं कांग्रेस में रहते हुए उनकी और मुख्यमंत्री हरीश रावत की अनबन जग जाहिरी रही लेकिन भाजपा में आने के बाद भी वे भाजपा के अनुशासन को समय-समय पर आईना दिखाते रहें और अपनी मनमानी करते रहे जहां भाजपा के विधायक और मंत्री पिछले 5 वर्षों में अनुशासन तथा पार्टी की लाइन पर चलते हुए दिखाई दिए वहीं कांग्रेस से आऐ विधायक और मंत्री पद पाकर मलाई चाटते हुए हरक सिंह रावत जैसे लोग नाराज ही रहे। अब तो भाजपा को ऐसे गिरगिट और दल बदलूओ से अपना दामन ही छुड़ा लेना चाहिए क्योंकि यह लोग किसी के नहीं हो सकते। यशपाल आर्य ने अपने बेटे के साथ वापस कांग्रेस में पलटी मार कर यह सिद्ध कर दिया है कि जहां मलाई है तो वहां यशपाल आर्य रहे हैं यही हाल कुछ डॉ हरक सिंह रावत का भी है अब किसी ना किसी बहाने भाजपा से अपना पींड छुड़ाना चाहते हैं और जहां है नाश्ता वही हमारी आस्था की पंक्तियों को अमल में लाकर मौकापरस्त राजनीति का गेम खेलना चाहते हैं भाजपा ने ऐसे गिरगिटो को अपने यहां आश्रय देकर जहां वर्षों से भाजपा के लिए काम कर रहे समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की है वही हरक सिंह सिंह जैसे यशपाल आर्य जैसे कांग्रेसियों को भाजपा में शामिल कर मलाई वाले पद देकर उन्हें मजे लेने के लिए बहुत मौका दिया है लेकिन यह दरियादिली भाजपा के लिए ढाक के तीन पात जैसी ही साबित हुई ।सत्ता परिवर्तन के इस दौर में यह गिरगिट दलबदलू अपने पूरे शबाब पर आ गए हैं ।ऐसे में भाजपा को भी इन लोगों से दो टू बात करके अपना रास्ता अलग कर लेना चाहिए। भाजपा ने अपने 5 वर्षों के शासनकाल में ऐसा कोई भी गलत काम नहीं किया है जिसका धब्बा उसके दामन पर हो चाहे केंद्र में और चाहे उत्तराखंड में ना कोई भ्रष्टाचार हुआ है और ना ही कोई विवाद हुआ है ऐसे में अपनी स्वच्छ छवि ईमानदारी और उत्तराखंड के विकास में किए गए कार्य को लेकर जनता के बीच में जाना चाहिए ।ऐस दलबदलू लोगों से ब्लैकमेल होने से अच्छा है अपना रास्ता ही अलग कर ले क्योंकि चुनाव के बिल्कुल नजदीक आने पर अगर यह गिरगिट अपना रंग दिखाने लगे तो डैमेज कंट्रोल करना मुश्किल हो जाएगा ।
( अनीता वर्मा समाजसेवी )
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