विश्व योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

 विश्व योग दिवस पर विशेष 

करे योग रहे निरोग (योगाचार्या लक्ष्मी राजन सिंह पुणे महाराष्ट्र) 

आज कल की भागदौड़ की जिंदगी में चालीस की उम्र पार करते ही मधुमेह , बी पी, नजर का कमजोर होना, सिर के बाल उडना, सफेद होना जैसी समस्याऐ शुरू हो जाती हैं। खास समस्या तब आती हैं जब देर से शादी करने के कारण प्रजनन प्रक्रिया गडबडा जाती हैं और फिर हम डाक्टरो के चक्कर काटने के लिए मजबूर हो जाते हैं। ऐसे मे हमारे ऋषि मुनियो की देन योग,प्राणायाम,आसन हमारे लिए बहुत लाभदायक होते हैं जैसे :- मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए कपाल भांति, प्रणायाम बहुत लाभदायक है इसके अभ्यास से तंत्रिका तंत्र, नसो, मष्तिक को अपार ऊर्जा मिलती है, भोजन से प्राप्त अतरिक्त कैलोरी बर्न होती है और बढा हुआ शुगर नार्मल हो जाता है। 

धनुराशन :-यह आसन अग्नाश्य (पेनक्रियाज) को सक्रिय करती हैं जो इन्सुलिन पैदा करती है। इन्सुलिन की कमी के कारण ही शुगर की बिमारी होती है जो लापरवाही के चलते कयी भंयकर बिमारीयो का कारण बनती है। ये आसन तनाव को कम करता है जिससे बी पी की समस्या का भी समाधान होता है। 

पश्चिमोउत्तान आसन :- यह एक ऐसा आसन है जो पेट से सम्बंधित सभी बिमारीयो का शमन कर मधुमेह, प्रजनन समस्याओं, गुर्दो की बिमारीयो, प्रोस्टेट आदि की बिमारीयो के इलाज में सहायक साबित होता है। इसके अतिरिक्त सुप्त मत्सयेन्द्र आसन, शवासन ऐसी योगाभ्यास की क्रियाऐ हैं जो हमें मानसिक दुर्बलता, बी पी, शुगर, मोटापा, आदि रोगो से बचाता हैं और स्वस्थ जीवन की राह दिखाता हैं।





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