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सुखमय जीवन के सूत्र(एस के कुलश्रेष्ठ) 


गुण्डों की जमात में , ओलों की बरसात में 
झगड़े की बारात में , पाँव मत दीजिए
..................नहीं पीछे पछताओगे


सुजन संग त्यागो नहीं, शठ संग लागो नहीं 
विपत देख भागो नहीं , ... अपयश कमाओगे.


चुगली पराई करो नहीं, परधन घर धरो नहीं
पराये पीछे लड़ो नहीं , मूरख कहलाओगे.


चोर औ जुआरी, विप्र व्यभिचारी 
चरित्रहीन नारी के , पास मत ठहरिए
...............नहीं पीछे पछताओगे.


यार दगाबाज हो, नारी बेलिहाज हो 
संत सुराबाज हो, तो बात मत कीजिए
......................नहीं पीछे पछताओगे


परनारी संग फसो नहीं, विधवा संग हँसो नहीं 
वैरी संग गसो नहीं , नहीं पीछे पछताओगे.


बदली की छाया का, कौड़ी की काया का 
सपने की माया का, विश्वास मत कीजिए
..........................पीछे पछताओगे


नीति को विचारो, दया धर्म धारो 
बुरे कर्म विसारो, तो जीवन सुख पाओगे.
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻


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