*"स्वस्थ रहने के लिए महत्वपूर्ण प्रक्रिया है डिटॉक्सिफिकेशन।"*
देहरादून 20 जून (जे के रस्तौगी संवाददाता गोविंद कृपा देहरादून)
" योग महोत्सव ", डीआईटी विश्वविद्यालय और यूपीईएस, देहरादून की एनएसएस परिषद द्वारा उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के सहयोग से इस दुनिया में योग के महत्व पर विचार करते हुए एक 7 दिवसीय योग महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम छठवें दिन २० जून, 2021 को सायं के सत्र की शुरुआत डॉ. नवीन सिंघल के संबोधन से हुई, इसके बाद प्रसिद्ध आयुर्वेद विशेषज्ञ एवं लाइफस्टाइल गुरु डॉ. राजीव कुरेले (एसोसिएट प्रोफेसर, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय) के के द्वारा डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया जिसको की आयुर्वेद में पंचकर्म के नाम से जाना जाता है एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक व्याख्यान दिया गया। उन्होंने बताया आयुर्वेद को अपने जीवन में अपनाकर हम अपना स्वास्थ्य बेहतर बना सकते हैं। डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया के अंतर्गत आयुर्वेद में पंचकर्म वर्णित है जिसमें कि पूर्व कर्म अर्थात दीपन पाचन स्नेहन स्वेदन तथा पंचकर्म वमन विरेचन, वस्ति, नस्य, रक्तमोक्षण इत्यादि प्रोसीजर के द्वारा यथा आवश्यकतानुसार बातचीत शरीर के हारमोनी -वात पित्त कफ दोषों का संतुलन किया जाता है। दोषों का संतुलन ही आरोग्य एवं स्वास्थ्य प्रदान करता है।जिसको हम व्यवस्थित दिनचर्या ,ऋतुचर्या आहार-विहार, सद्वृत एवं स्वास्थ्य वर्धक औषधियों, रसायन आदि के द्वारा के अपने को स्वस्थ रख सकते हैं। उन्होंने डिटॉक्सिफिकेशन के अंतर्गत अन्य स्पेशल प्रक्रियाओं शिरोधारा, शिरोवस्ति, पत्र पोटली श्वेदन, कटीवस्ति, तर्पण, कर्ण पूरण, जलौकाअवचारण आदि पंचकर्म की आयुर्वेद में वर्णित विधाओं के बारे में वर्चुअल माध्यम से जुड़े हुए विभिन्न शिक्षक, विद्यार्थियों योग अनुरागी बंधुओं को बहुत ही रोचक ढंग से बताया गया इससे पूर्व सत्र में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय मुख्य परिसर के निदेशक प्रोफेसर राधाबल्लभ सती द्वारा शरीर के स्वास्थ्य वर्धन के लिए जठ रा्ग्नि को अक्षुण्ण रखने का आह्वान किया उन्होंने प्राय:40 साल के बाद होने वाली व्याधियो मुख्यता अर्थराइटिस मधुमेह, मोटापा, अनिद्रा तनाव,उदर रोग हाइपरटेंशन के मूल कारणो पर प्रकाश डाला तथा आहार ग्रहण करने के नियम आहार अष्ट विधि आयतन को विस्तार से बताया।
इवेंट में दीपक यादव, राजीव कुमार, डॉक्टर अंकित कुमार, अखिलेश, शीतल, डॉक्टर मल्लिका चतुर्वेदी, श्रेया, शिवम, अभिजीत, अंश समेत टीम के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। अंत में डॉ. नवीन सिंघल, श्री अमर शुक्ल और डॉ. शैली सिंघल, डॉक्टर नवीन जोशी ने इस कार्यक्रम को इतनी सफलतापूर्वक करने में सभी सम्मानित अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
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