26/11 हमले के आज 12 साल हो गए। मात्र 10 पाकिस्तानियों ने कैसे पूरे मुम्बई को बंधक बना लिया था और सैकड़ों लोगों की जान गयी थी। और तब की हमारी सरकार सिर्फ क्रिकेट सीरीज कैंसिल कर पाई थी और उसके नेता पाकिस्तान को क्लीन चिट देते हुए इस पूरे हमले का ठीकरा "हिंदुत्व" पर फोड़ने की भूमिका तैयार कर रहे थे। भला हो तुकाराम ओंबले जी का..जो कसाब की AK 47 के सामने अपनी लाठी से भिड़ गए...और कसाब को कलावा बांधे समीर चौधरी बनके मरने से पहले जिंदा पकड़वा दिया। मत भूलना, सिर्फ 12 साल पहले ही ये सब इस देश में हो रहा था... नमन सभी वीर बहादुरों को जो हमारे आज के लिए इस हमले में वीरगति को प्राप्त हो गए थे ।।


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