दर्द गढ़वाली की गजल

 


 


 


गजल जश्न मनेगा गरीब खाने में  (दर्द गढ़वाली )


 


वक्त जाया करें हम क्यों उन्हें मनाने में
और भी काम हैं हमको अभी जमाने में।।


है खबर गर्म वो आएंगे आज घर मेरे
आज फिर जश्न मनेगा गरीबखाने में।।


हैं मेरे सामने आंखों के मस्त पैमाने
क्या जरूरी है कि जाएं शराबखाने में।।


ख्वाब में आ रहे वो हैं बसे तसव्वुर में
आ रहा है मजा हमको फरेब खाने में।।
दर्द गढ़वाली, देहरादून 


No comments:

Post a Comment

Featured Post

आयुर्वैदिक कॉलेजो के शिक्षकों ,कर्मचारियों ने किया वेतन न मिलने पर विरोध प्रदर्शन चिकित्सा कार्य छोड़कर अन्य कार्यों का किया बहिष्कार

हरिद्वार 28 जून आयुर्वेद विश्वविद्यालय टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार गुरुकुल,ऋषिकुल एवं मुख्य परि...