दर्द गढ़वाली

गजल(याद के सीवा, अब कुछ बाकी नहीं)
वो दिखा तो नहीं।
जा-ब-जा तो नहीं।।


गीत है ये सुना।
अनसुना तो नहीं।।


आप क्यूं डर रहे।
वो खुदा तो नहीं।।


बात ये आपकी।
रायगां तो नहीं।।


याद के अब सिवा।
कुछ बचा तो नहीं।।


रोटियां आजकल।
मसअला तो नहीं।।


आपका भी मुझे।
आसरा तो नहीं।।


जिंदगी ये मेरी।
हादसा तो नहीं।।


आपके पास क्या।
दिल मेरा तो नहीं।।


हिज्र तो हिज्र है।
ये वबा तो नहीं।।


ढूंढ़ते हम जिसे।
वो मिला तो नहीं।।


दर्द गढ़वाली, देहरादून 


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