Follow for news related Uttrakhand
सारा आकाश
बहती चाँदनी
अनछुआ सूरज
सूरजमुखी की प्यास
झरनों सरिताओं
में सिमटे बादल
पीपल की पतियों से
सरकती हवा
सागर सीपियाँ रेत
किनारे मझधार
तुम्हारा मेरा
गुज़र गया सा प्यार
सब है प्रकृति का
अनुपम इज़हार
सोमा नायर
No comments:
Post a Comment