पावन धाम के परमाध्यक्ष म.मं. स्वामी सहज प्रकाश के ब्रह्मलीन होने पर संत समाज में शोक की लहर हरिद्वार, 15 नवम्बर।(अमर शदाणी संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) तीर्थनगरी हरिद्वार की विख्यात धार्मिक संस्था पावन धाम के परमाध्यक्ष म.मं. स्वामी सहज प्रकाश महाराज के ब्रह्मलीन होने से समूचे संत समाज में शोक लहर व्याप्त है। प्राप्त जानकारी के अनुसार तीर्थनगरी की प्रख्यात धार्मिक संस्था पावन धाम के परमाध्यक्ष स्वामी सहज प्रकाश विगत कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। वर्तमान में उनका ईलाज पंजाब स्थित मोगा के आश्रम में चल रहा था। उनके निधन का समाचार मिलते ही तीर्थनगरी में शोक व्याप्त हो गया। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महन्त रविन्द्र पुरी ने ब्रह्मलीन म.मं. स्वामी सहज प्रकाश को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि म.मं. स्वामी सहज प्रकाश विन्रमता, त्याग, तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। उनके आकस्मिक निधन से जहां संस्था को अपूरणीय क्षति हुई है महानिर्वाणी अखाड़ा भी उनके ब्रह्मलीन होने से शोकाकुल है। म.मं. स्वामी सहज प्रकाश के अभिन्न मित्र श्री स्वामी नारायण आश्रम के परमाध्यक्ष श्री स्वामी हरिबल्लभ दास शास्त्री ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि हरिद्वार के संत समाज ने एक महान विभूति खो दी है। उनका जाना संत समाज ही नहीं अपितु समूचे राष्ट्र के लिए भारी क्षति है। म.मं. स्वामी हरिचेतनानन्द, म.मं. स्वामी अर्जुन पुरी, महंत कमल दास, लाल माता मंदिर के संचालक भक्त दुर्गादास, अयोध्या धाम के परमाध्यक्ष महंत रामकुमार दास, मानव कल्याण आश्रम के महंत स्वामी दुर्गेशानन्द, स्वामी कामेश्वर पुरी ने भी ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश को भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की। स्वामी सहज प्रकाश के निधन पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने भी शोक व्यक्त किया। क्षेत्रीय पार्षद अनिरूद्ध भाटी ने आश्रम पहुंचकर आश्रमवासियों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि पूज्य स्वामी सहज प्रकाश सच्चे संत थे जिन्होंने निरन्तर भारतीय संस्कृति, धर्म प्रचार व शिक्षा को अपना समूचा जीवन समर्पित किया। कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष अंशुल श्रीकुंज ने कहा कि स्वामी सहज प्रकाश ने विभिन्न सेवा प्रकल्पों का मानवता के उत्थान में संचालन किया। उनका अचानक चले जाना हम सबके लिए कष्टदायी है। परमार्थ आश्रम के प्रबंधक दिवाकर तिवारी, समाजसेवी मिंटू पंजवानी, समाजसेवी संजय वर्मा समेत अनेक गणमान्य व श्रद्धालुजनों ने अपनी भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।


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