#आत्म निर्भर भारत # लाक डाउन _में_जॉब_गई_परन्तु_निराश_न_होकर #हाथ_से_लकड़ी_की #साइकिल_बनाने_लगा।#आज #विदेशों_से_भी_आ_रहे_है_आर्डर। 40 साल के एक कारपेन्टर धनी राम सग्गू ने आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण पेश किया है। हाथ से बनी हुई उनकी लकड़ी की साइकिल आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है।वह पंजाब के जिरकपुर के रहने वाले हैं। लॉकडाउन में धनी राम ने निर्णय लिया कि वह ईको-फ्रेंडली साइकिल बनाएंगे। उनका आइडिया हिट भी हो गया।अब उन्हें कनाडा से लेकर दक्षिण अफ्रीका तक से ऑर्डर आ रहे हैं. सग्गू उन लोगों में से हैं, जिनकी जॉब मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद से चली गई लेकिन उन्होंने तय कर लिया था वह डिप्रेशन में नहीं जाएंगे और वह अपना ध्यान कुछ नया करने पर लगाएंगे। उनकी एक दुकान है जिसका नाम है नूर इंटीरियर,यह दरवाजों, कपबोर्ड्स, कोठियों के सेल्व्स के लिए काम करती है लेकिन लॉकडाउन में उनका काम पूरी तरह से ठप पड़ गया था और वह बिना काम हो गए थे। इस साइकिल का कॉन्सेप्ट उन्हें आया तो उन्होंने बॉडी, हैंडलबार्स और व्हील रिम्स बनाने का काम शुरू किया, ये सब लकड़ी के थे। इसके बाद उन्होंने पुरानी साइकिल के पेडल्स, चेन, व्हील, सीट और साइड स्टैंड का इस्तेमाल किया।अंत में ये एक शानदार प्रोडक्ट तैयार हो गया।सग्गू ने 27 जुलाई से 30 अगस्त के बीच 8 साइकिल बेची है।वहीं, 5 अन्य पर वह काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि कठिन परिश्रम से सब कुछ बदल जाता है। उन्हें हीरो साइकिल की तरफ से भी शुभकामनाओं भरे संदेश आ रहे हैं।चेन्नई की भी एक कंपनी उनसे संपर्क कर रही है।


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