#विनम्र_श्रद्धांजलि बुलाती है मगर जाने का नहीं ये दुनिया है इधर जाने का नहीं मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर मगर हद से गुज़र जाने का नहीं ज़मीं भी सर पे रखनी हो तो रखो चले हो तो ठहर जाने का नहीं सितारे नोच कर ले जाऊंगा मैं खाली हाथ घर जाने का नहीं वबा फैली हुई है हर तरफ अभी माहौल मर जाने का नहीं वो गर्दन नापता है नाप ले मगर ज़ालिम से डर जाने का नहीं ... राहत इंदौरी


No comments:

Post a Comment