हे, गोविंद सब ठीक करो,
हमें वृंदावन में आना है।
करनी है दो बातें तुमसे,
फिर से दर्शन पाना है ।
हे राधे सब ठीक करो,
हमें बरसाने में आना है।
जो हालात हुए हैं जग के,
यह न किसी ने सोचा था ।
मौत के इस अजीब से डरने,
ना जीवन को नोचा था ।
आकर इसको खत्म करो,
वचन यह तुमको निभाना है।
हे, गोविंद सब ठीक करो,
हमें वृंदावन में आना है।
करनी है दो बातें तुमसे,
फिर से दर्शन पाना है ।
हे राधे सब ठीक करो,
हमें बरसाने में आना है।
वृंदावन की कुंज गली मुझे,
याद बड़ा ही आती है।
तुमसे मिलने की चाह मेरे,
दिल को बड़ा तड़पाती है।
नम हे आंखें दिल है सूना,
ऐसे न चल पाना है।
हे, गोविंद सब ठीक करो,
हमें वृंदावन में आना है।
करनी है दो बातें तुमसे,
फिर से दर्शन पाना है ।
हे राधे सब ठीक करो,
हमें बरसाने में आना है।
न सोचा था सपने में भी,
ऐसे दिन भी आएंगे।
गलियां सूनी होंगी तेरी,
घर में ही बंद जाएंगे ।
विनती हमारी यही है कान्हा,
इस बंधन से छुड़वाना है ।
हे, गोविंद सब ठीक करो,
हमें वृंदावन में आना है।
करनी है दो बातें तुमसे,
फिर से दर्शन पाना है ।
हे राधे सब ठीक करो,
हमें बरसाने में आना है।
ऐसी कौन सी चीज है जिसका,
पास तुम्हारे इलाज नहीं ।
छेड़ा हमने ही कुदरत को,
आई हमें भी लाज नहीं ।
यह गलती हमारी क्षमा करो,
इस बिगड़ी को तुमने बनाना है।
हे, गोविंद सब ठीक करो,
हमें वृंदावन में आना है।
करनी है दो बातें तुमसे,
फिर से दर्शन पाना है ।
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