परर्मार्थ निकेतन

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🛑 *स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और मिज़ोरम के भूतपूर्व राज्यपाल श्री कुम्मनम राजशेखरन जी की हुई भेंटवार्ता*


💥 *पर्वतीय राज्यों में योग और आयुर्वेद पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत -स्वामी चिदानन्द सरस्वती*


*ऋषिकेश, 19 फरवरी।* परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और मिज़ोरम के भूतपूर्व राज्यपाल श्री कुम्मनम राजशेखरन जी की भेंवार्ता हुई। श्री राजशेखरन जी परमार्थ निकेतन पधारे उन्होने परमार्थ निकेतन आश्रम का भ्रमण कर स्वामी जी के मार्गदर्शन में वैश्विक स्तर पर सम्पन्न हो रही गतिविधियों के विषय में जानकारी प्राप्त की।


 स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि माननीय श्री राजशेखरन जी का व्यक्तित्व सरलता, सजगता और सात्विकता से युक्त है। आपने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और संघ परिवार के सदस्य के रूप में मिज़ोरम और केरल में उत्कृष्ट कार्य किया। उन्होने सभी को जोड़ने और सभी से जुड़ कर राजनीति को एक नया आयाम दिया। मिज़ोरम राज्य को भारत का सबसे साक्षर राज्य होने का गौरव प्राप्त हुआ, इस पर चर्चा करते हुये स्वामी जी ने श्री राजशेखरन जी को साधुवाद दिया।  


  स्वामी  चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि मिज़ोरम राज्य प्राकृतिक रूप से समृद्ध और रमणीय राज्य है। वहां पर प्रकृति का अद्भुत सौैन्द्रर्य विद्यमान है इसे बनायें रखने के लिये स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वर्तमान समय में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करने हुये कहा कि हमें एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल बंद कर देना होगा क्योंकि यही हमारी जीवनदायिनी नदियों, समुद्र, जलस्रोत्रों को प्रदूषित कर रहा है। प्रदूषण को कम करने के लिये पर्वतीय राज्यों में और अधिक वृक्षारोपण करने की जरूरत है। जहां पर भी खाली भूमि है वहां पर छायादार, जड़दार, जलदार और मिट्टी को पकड़ कर रखने वाले पौधे लगाये जायें जिससे जल का संचयन और संरक्षण होगा इससे आगे आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ वातावरण प्राप्त हो सकता है।
स्वामी जी ने कहा कि पर्वतीय राज्यों में योग और आयुर्वेद पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि देश विदेश से लोग वहां पर आयें और पहाड़ोें पर विद्यमान पर्यटन स्थलों का भ्रमण करे, वहां के प्राकृतिक सौन्द्रर्य का आनन्द ले इससे पहाड़ी संस्कृति, संस्कारों के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा तथा बाहर से आने वाले लोगों को भी शान्ति के साथ-साथ वहां की संस्कृति को जानने का अवसर प्राप्त होगा इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार तथा व्यापार बढ़ेगा।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में श्री राजशेखरन जी और अन्य सदस्यों ने विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया।
स्वामी जी ने श्री राजशेखरन जी को अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में सहभाग करने हेतु आमंत्रित किया।
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