कविता (गोपाल जी)

बंद मुठ्ठी जन्म पाते है
भाग्य साथ लाते है
कर्म के पुरुषार्थ से
भाग्य तेज बनाते है
जीवन मे ऐसे ही लोग
अपार सफलता पाते है
याद  हमे रखना होगा
अहंकार न होने पाए
विन्रमता के आभूषण से
संस्कारित हम कहलाये
सद्गुणों का खजाना लेकर
खुली मुठ्ठी हम जाएं।
----श्रीगोपाल नारसन


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