गजल
पास उसको और लाना है मुझे।
और फिर अपना बनाना है मुझे।।
बात को आगे बढ़ाना है मुझे।
नींद उसकी भी उड़ाना है मुझे।।
इश्क रग-रग में उतर आए मेरे।
आग दर्या में नहाना है मुझे।।
हाल दिल का सुनाना है उसे।
हाथ में सरसों उगाना है मुझे।।
जख्म पर मुझको छिड़कना है नमक।
घाव पर मरहम लगाना है मुझे।।
कत्ल उसके हाथ होना है, और।
लाश भी अपनी उठाना है मुझे।।
जिंदगी मिल तो कहीं जाए कभी।
दर्द सदियों का सुनाना है मुझे।।
लक्ष्मी प्रसाद बडोनी
दर्द गढ़वाली
बडोनी भवन, देवपुरम कालोनी
लोअर तुनवाला, देहरादून
09455485094
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